132 विद्यालयों के शिक्षकों का टेंडर 30 जून को समाप्त,500 विद्यालयों में पिछले सत्र से व्यावसायिक शिक्षक नहीं
प्रधानाचार्यो के लिए आफत बना व्यावसायिक शिक्षा संचालन
शिक्षक संघ सियाराम ने उठाई व्यावसायिक शिक्षकों को ठेका प्रथा से मुक्त कर विभाग में समायोजन करने की मांग
अजमेर: सरकार की महत्वकांशी योजनाओ में से एक व्यावसायिक शिक्षा में प्रशिक्षण देकर विधार्थियो को आत्मनिर्भर बनाने वाले व्यावसायिक शिक्षक स्वयं बेरोजगार है।
राज्य के रेगुलर स्टार एवं विशेष CWSN विद्यालयों में संचालित व्यावसायिक शिक्षा के विधार्थी पिछले सत्र से बिना प्रशिक्षकों एवं प्रशिक्षण के हुनरमंद बनने का प्रयास कर रहे है। विदित हो कि टेंडर प्रक्रिया के नाम पर व्यावसायिक शिक्षकों को बार बार बेदखल कर दिया जाता है एवं नए टेंडर होने तक विधार्थियो को बिना ट्रैनर के प्रशिक्षण नहीं मिल पाता है जिसका विधार्थियो को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
शिक्षक संघ सियाराम ने उठाई व्यावसायिक शिक्षकों को नियमित करने की मांग
शिक्षक संघ सियाराम ने व्यावसायिक शिक्षकों को विभाग में समायोजन करने की मांग लगातार मांग उठाता आया है।
सियाराम संघ के प्रदेश कार्यकारणी अध्यक्ष शक्ति सिंह गौड़ ने बताया की राजस्थान सरकार ने समस्त विभागों से ठेका प्रथा समाप्त करने की घोषणा कर रखी है लेकिन हमारी सरकार से मांग है कि सरकार इसे जल्द लागू कर शिक्षा से निजीकरण समाप्त करे।
*व्यावसायिक शिक्षक सरकार से कई बार कर चुके हैं ठेका प्रथा बंद करने की मांग , मिला केवल आश्वासन*
व्यावसायिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष पवन विश्नोई ने बताया की राजस्थान व्यावसायिक शिक्षकों ने कई बार प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन, ज्ञापन, संगोष्ठियों के माध्यम से सरकार को व्यावसायिक शिक्षकों की समस्याओं से अवगत करवाया है। विश्नोई ने व्यावसायिक शिक्षा में हरियाणा मॉडल को सर्वश्रेष्ठ बताया।
जिला प्रवक्ता आर एन रावत ने बताया कि सरकार के इस के टेंडर प्रक्रिया से सबसे ज्यादा नुकसान विधार्थियो को होता है।
प्रशिक्षकों को बेरोजगार एवं शिक्षकों समय पर भूगतान नही मिलने से मानसिक अवसाद में रहते हैं जिसका अंतर कार्यशैली पर भी पड़ता है।