दिव्यांगों एवं ग्रामीण महिलाओं के विकास कार्यों में नवाचार के साथ मनाया जाएगा स्वर्ण जयन्ति वर्ष

49 वर्षांे की उपल्ब्धियॉ साझा कर नए संकल्प के साथ होगी गोल्डन जुबली वर्ष की शुरूआत
18 जुलाई 2024 को राजस्थान महिला कल्याण मण्डल की स्थापना के 49 वर्ष पूर्ण होने के साथ ही स्वर्ण जयन्ति वर्ष की शुरूआत धूम-धाम होगी। इस उपलक्ष में संस्था मुख्यालय चाचियावास में 18 व 19 जुलाई को दो दिवसीय समारोह आयोजित किया जाएगा।
संस्था निदेशक राकेश कुमार कौशिक के अनुसार 18 जुलाई 1975 को अजमेर में आई बाढ़ के समय पीड़ितों की सहायता करते हुए श्री सागरमल कौशिक के द्वारा संस्था की स्थापना की गई तब से संस्था समुदाय विकास के विभिन्न मुद्दों पर निरन्तर कार्य करती आ रही है। संस्था को अपने कार्य के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर बेहतर कार्य एवं श्रेष्ठ स्वयं सेवी संस्था के रूप में सम्मानित किया गया है साथ ही दिव्यांगजन के लिए कार्यरत देश की 10 श्रेष्ठ संस्थाओं में शामिल किया गया है।
संस्था सचिव एवं मुख्यकार्यकारी क्षमा आर. कौशिक ने बताया कि 18 जुलाई 2024 को समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र कुमार बिश्नोई (आई.पी.एस) तथा विशिष्ठ अतिथि के तौर पर डॉ. आचार्य मोक्षराज योग शिक्षक एवं भारत के प्रथम राजनयिक, डॉ पंकज तोषनीवाल वरिष्ठ बालरोग विषेषज्ञ तथा राजेन्द्र गुंजल अध्यक्ष अजयमेरू प्रेस क्लब संस्था परिसर में पौधारौपण कर कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। समारोह में संस्था के 50 हितभागियों एवं विशेष सहयोगियों को सम्मानित भी किया जाएगा साथ ही स्वर्ण जयन्ति वर्ष में दिव्यांगजन, महिलाओं एवं बच्चों के लिए विशेष सेवा कार्य का संकल्प लेकर दिव्यांगजन को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वोकेशनल प्रशिक्षण यूनिट का उद्घाटन किया जाएगा।
श्री कौशिक ने बताया कि दिनांक 19 जुलाई को आयोजित मुख्य समारोह में पूर्व राज्यसभा सांसद व पूर्व अध्यक्ष इण्डियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस भारत सरकार, डॉ. विनय सहस्रबु़द्धे मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करते हुए संस्था के सहयोग से 50 दिव्यांगजन को व्हीलचेयर वितरण कर लाभान्वित करेंगे एवं दिव्यांगजन के द्वारा वुडन, स्टेश्नरी, कपड़े आदि उत्पादों के साथ बकरी खाद तैयार करने के लिए दक्ष एम्पावर एबिलिटी फाउण्डेशन की नवनिर्मित ईकाई का उद्घाटन करेंगे।
समारोह में संस्था मुख्यालय के साथ-साथ विभिन्न जिलों में स्थिति शाखा कार्यालय स्टाफ, हितभागी, समुदाय के लोग, स्वयं सेवी संस्थाएं, पूर्व स्टाफ, सहयोगी व दानदाता संस्थाओं के प्रतिनिधि, मीनू स्कूल, उम्मीद व अद्वैत केन्द्र एवं संजय स्कूल के बच्चे, सागर कॉलेज के प्रशिक्षणार्थी भाग लेंगे। स्टाफ व बच्चों के द्वारा कई प्रकार की रोचक एवं उत्साहवर्धक गतिविधियों तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।

(अब तक किये गये कार्यों एवं उपलब्धियांे का विवरण)
विशेष सेवा कार्यों के साथ मनाया जाएगा स्वर्ण जयंती वर्ष
18 जुलाई 2024 को राजस्थान महिला कल्याण मण्डल की स्थापना के 49 वर्ष पूर्ण होने के साथ ही स्वर्ण जयंती वर्ष की शुरूआत धूम-धाम के साथ की जाएगी। संस्था के द्वारा अब तक की उपलब्धियों को विभिन्न हितभागियों से साझा करते हुए 50 विशेष सहयोगियों को सम्मानित किया जाएगा साथ ही स्वर्ण जयंती वर्ष में दिव्यांगजन, महिलाओं एवं बच्चों के लिए विशेष सेवा कार्य सम्पन्न करने का संकल्प लिया जाएगा।
संस्था निदेशक राकेश कुमार कौशिक के अनुसार 18 जुलाई 1975 को अजमेर में आई बाढ़ के समय पीड़ितों की सहायता करते हुए श्री सागरमल कौशिक के द्वारा संस्था की स्थापना की गई है। तब से संस्था समुदाय विकास के विभिन्न मुद्दों पर निरन्तर कार्य करती आ रही है। संस्था को अपने कार्य के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर बेहतर कार्य एवं श्रेष्ठ स्वयं सेवी संस्था के रूप में सम्मानित किया गया है साथ ही दिव्यांगजन के लिए कार्यरत देश की 10 श्रेष्ठ संस्थाओं में शामिल किया गया है।
मुख्य रूप से संस्था के द्वारा 49 वर्षों में पूर्ण किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए संस्था सचिव एवं मुख्यकार्यकारी क्षमा आर. कौशिक ने संस्था की अब तक की मुख्य गतिविधियों की जानकारी दी।
4650 दिव्यांगजन को शिक्षण, प्रशिक्षण एवं पुनर्वास सेवाओं से जोड़कर लाभान्वित किया गया है। मीनू स्कूल, संजय स्कूल, उम्मीद, अद्वैत आदि केन्द्रों के माध्यम से दिव्यंाग बच्चों को शिक्षण गतिविधियों तथा दक्ष एम्पावर एबिलिटी फाउण्डेशन के अर्न्तगत व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराया जाता है।
ग्रामीण क्षेत्र की 10 हजार से अधिक महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लगभग 2 अरब राशि का ऋण उपलब्ध कराते हुए आजीविका संवर्धन गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित कर उनके आर्थिक एवं सामाजिक उन्नयन के लिए कार्य किया गया है। लक्ष्मी कलश महिला मंच का गठन करते हुए महिलाओं में प्रबंधन एवं नेतृत्व के साथ सामुहिकता एवं सहभागिता के गुण विकसित किए जा रहें है जिससे परिवार में महिला का मान सम्मान बढ़ा है।
410 परिवारों को गिफ्ट ए गोट तथा बकरी आधारित आजीविका संवर्धन परियोजना से लाभान्वित कर परिवार को समृद्ध बनाने के लिए प्रयास किए गए।
800 युवाओं को सागर कॉलेज के माध्यम से विशेष शिक्षा में बी.एड. तथा डिप्लोमा पूर्ण कराते हुए 130 युवक-युवतियों का राजकीय सेवा में अध्यापक बनने का सपना साकार किया गया।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए उचित परामर्श सेवाओं के साथ-साथ प्रवासी मजदूरों, यौनकर्मी महिलाओं, सूई से नशा लेने वाले युवाओं को एच.आई.वी./एड्स से बचाव से लिए राजस्थान की पहली संस्था के रूप में 3 दशक तक कार्य किया गया।
चाइल्ड हेल्प लाइन एवं कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन्स फाउन्डेशन के माध्यम से 11 हजार से भी अधिक बच्चों को सहायता प्रदान की गई जिसमें गुमशुदा बच्चों को परिवार से मिलाना, बेघर बच्चों को आश्रय दिलाना, बालश्रम से मुक्त कराना, बाल विवाह की रोकथाम, बाल यौन शोषण के प्रति जागरूकता के साथ-साथ पीड़ित बच्चों को न्याय व पुनर्वास सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित कराना मुख्य कार्य रहा है।
कोविड के दौरान नीति आयोग भारत सरकार एवं पंचायतीराज विभाग राजस्थान सरकार के द्वारा नोडल संस्था के रूप में विभिन्न संगठनों एवं विभागों में समन्वयन के साथ-साथ 10 हजार परिवारों को राशन किट, मास्क, सैनेटाईजर तथा जिले के दूर-दराज स्थित चिकित्सालयों में आक्सीमीटर, ऑक्सीजन कन्सट्रक्टर, एम्बुलेन्स आदि सेवाएं उपलब्ध कराई गई।

स्वर्ण जयंती वर्ष (2024-25) में किए जाने वाले विशेष उल्लेखनीय कार्य
– 2000 दिव्यांग बच्चों को निरन्तर शिक्षण, प्रशिक्षण एवं पुनर्वास सेवाओं का लाभ सुनिश्चित करना तथा दिव्यांगों को एक ही छत के नीचे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सेवायें उपलब्ध कराना और उन्हे समय पर समस्त सुविधायें उपलब्ध करने मे मदद करना।
– 500 बच्चे चिन्हित करना जिनमें विकलांगता का जोखिम होने की संभावना हो।
– 7 अगस्त 2024 को नई दिल्ली मे दिव्यांगता एवं समावेशी शिक्षा को लेकर राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी आयोजित करना जिसमें सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के 150 प्रतिनिधि भाग लेंगे।
– अद्वैत शीघ्र हस्तक्षेपण केन्द्र के माध्यम से 500 दिव्यांग बच्चों व अभिभावकों को उचित परामर्श एवं थैरेपी चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना।
– 200 वयस्क दिव्यांगजन को रोजगार से जोड़कर आजीविका संवर्धन में सहयोग।
– 100 दिव्यांगजन को कम्प्यूटर प्रशिक्षण उपलब्ध कराना व तकनीक से जोड़ना।
– 100 दिव्यांगजन को व्हीलचेयर व अन्य अंग उपकरण आदि वितरण कराना।
– 5 जिलों में 1500 बाल विवाह रोकना एवं बाल विवाह जागरूकता के लिए गतिविधियाँ करना
– 300 बच्चों को बालश्रम व बाल दुर्व्यापार से मुक्त कराना।
– 300 बाल यौनशोषण के मामलों में हस्तक्षेप कर पीड़ित बच्चों को न्याय व पुनर्वास सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित करना।
– 130 युवाओं को विशेष शिक्षा मे ंबी.एड./डिप्लोमा कराते हुए विशेष शिक्षक बनने के लिए पात्र बनाना।
– श्रवण बाधित बच्चों के लिए विशेष शिक्षक प्रशिक्षण की शुरूआत जिसमें 35 युवाओं को डिप्लोमा कोर्स से जोड़ना।
– 5000 महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 10 करोड़ राशि के ऋण उपलब्ध कराना तथा लघु उद्योग, कृषि, बकरी पालन, सिलाई व हस्तकला आदि आजीविका विकल्प में प्रशिक्षण प्रदान करना।
– 100 अति गरीब परिवारों को चिन्हित कर गिफ्ट ए गोट प्रोग्राम से लाभान्वित करना।

(राकेश कुमार कौशिक)
निदेशक

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