*अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच व बार एसोसिएशन भिनाय ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर निंदा प्रस्ताव पारित कर निष्पक्ष न्यायिक जाँच की मांग की है*
भिनाय,23 अगस्त एकलिंगजी मंदिर में पत्नी और परिवार के सदस्यों के साथ दर्शन करने गए एक न्यायिक अधिकारी के साथ 14 अगस्त को वहां नियुक्त सिक्योरिटी गार्डों ने मारपीट कर दी थी तथा उनकी पत्नी के साथ छेड़छाड़ भी की।मामले में न्यायिक अधिकारी की पत्नी की ओर से रिपोर्ट दी गई थी,वहीं दूसरी और सिक्योरिटी गार्डों ने भी न्यायिक अधिकारी व उनके परिजनों के खिलाफ मारपीट की रिपोर्ट दी। जानकारी के अनुसार टोंक से एक न्यायिक अधिकारी,पत्नी,बच्चे,साढू, पिता व अन्य परिजनों के साथ एकलिंगजी में जलाभिषेक करने आए थे।न्यायिक अधिकारी वीआईपी सुविधा न लेकर आम नागरिक की तरह लाइन में लगे और अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे।तभी मंदिर में लगे सिक्योरिटी गार्ड ने लाइन में लगे सभी को भेड़ बकरी कहकर सम्बोधित किया।इस बात पर न्यायिक अधिकारी ने विरोध जताया तो वहां पर मौजूद गार्ड ने न्यायिक अधिकारी के साथ मारपीट शुरू कर दी और चश्मा तोड़ दिया।अधिकारी के साथ मौजूद बुजुर्ग रिश्तेदार ने विरोध किया तो उन्हें भी उठाकर पटक दिया।जब न्यायिक अधिकारी के साढू ने इसका विरोध किया तो उसका भी गला दबाया।यह देखकर न्यायिक अधिकारी की पत्नी ने विरोध किया तो पुरुष गार्ड्स ने इसके साथ मारपीट और अश्लीलता की और उठाकर ले जाने का प्रयास किया।गार्ड्स में से एक ने खुद को स्वरूप सिंह और एक अन्य चौहान होना बता रहे थे।वहीं मुकदमा दर्ज करवाने पर समझौता के लिए बार-बार दबाव बनाया गया। घटनाक्रम के बाद न्यायिक अधिकारी सुखेर थाने पहुंचे,जहां पर पीड़ित महिला ने रिपोर्ट दी।करीब दो घंटे तक बैठाए रखने के बाद भी न तो इस परिवार का मेडिकल करवाया और ना ही पुलिस ने मामला दर्ज किया। न्यायिक अधिकारी के पास मामले में समझौता करने के लिए फोन आने लगे और बार-बार दबाव बनाया जाने लगा।इधर न्यायिक अधिकारी प्रकरण दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे और अपनी ओर से रिपोर्ट दी थी।
मंदिर के गार्ड्स द्वारा गुंडागर्दी करते हुए न्यायिक अधिकारी और उनके परिवार जन के साथ मारपीट करने और फिर कानूनी कार्यवाही करने पर पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज नहीं करने तथा मजिस्ट्रेट को थाने में बैठाए रखने व रिपोर्ट दर्ज नहीं करने के लिए दबाव बनाने व विलंबित समय के बाद मेडिकल मुआयना करवाने सहित पुलिस की कार्यशैली के विरोध में शुक्रवार को अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच के प्रदेश सचिव डॉ. मनोज आहूजा एडवोकेट सहित बार एसोसिएशन भिनाय के पूर्व अध्यक्ष धर्मवीर बामनिया,शिव कुमार जोशी,राहुल आचार्य,शम्मी मोहम्मद, शिव चरण चौधरी,शैलेन्द्र शर्मा,प्रवीण भट्ट एडवोकेट सहित ओमप्रकाश भट्ट व तारा प्रकाश जोशी सहित अन्य ग्रामीणों ने तहसीलदार भिनाय को ज्ञापन देते हुए राज्य के मुख्य न्यायाधीपति व सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर सुरक्षा गार्ड्स सहित वारदात में शामिल लोगों को तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार करने की मांग करते हुए सम्बंधित थाने के दोषी कर्मचारियों को भी निलंबित करने की मांग करते हुए मामले में स्वंय प्रसंज्ञान लेते हुए निष्पक्ष न्यायिक जाँच की मांग की है।इसके साथ ही निंदा प्रस्ताव पास कर न्यायिक कार्य का भी बहिष्कार किया गया है।बरहाल अभी तक पुलिस द्वारा ना तो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है ना ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई है।ऐसी सूरत में ये आक्रोश दिन ब दिन बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है।इस मौक़े पर प्रदेश सचिव आहूजा ने कहा कि प्रदेश में जब न्यायिक अधिकारी को ही न्याय प्राप्त करने के लिए इतना संघर्ष करना पड़ रहा है तो ऐसे में आम नागरिक को तो न्याय की उम्मीद करना ही बेमानी होगी।
