सन्त आचरण से करते हैं आदर्श की स्थापना- राज्यपाल बागडे

अजमेर, 7 अक्टूबर। राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने सोमवार को किशनगढ़ में आचार्य सुनील सागर वर्षायोग समिति के तत्वाधान में आयोजित श्री कल्पदु्रम महामण्डल विधान एवं विश्व शान्ति महायज्ञ में पहुंचकर आचार्य श्री 108 सुनील सागर जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। आचार्य श्री ने कहा कि सरकार ने प्राकृत और पाली को शास्त्रीय भाषाओं में शामिल करने का उत्तम मार्ग किया है। क्षमावाणी पर्व धर्म से सम्बन्धित नहीं होकर प्रत्येक आत्मा से जुड़ा है। हमें क्षमा करने तथा मांगने का वीरोचित गुण अपनाना चाहिए। प्रत्येक जन प्रतिनिधि को अंहिसा, सदाचार, मैत्री तथा वसुधैव कुटुम्बकम के भाव को बढ़ावा देना चाहिए। आचार-विचार की शुद्धि का जीवन में बड़ा महत्व है। शाकाहार अपनाकर व्यसन मुक्त जीवन जीने की प्रेरणा राज्यपाल श्री बागडे के जीवन से ली जा सकती है।

राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने आचार्य श्री 108 सुनील सागर जी महाराज के अवतरण दिवस पर आशीर्वाद ग्रहण किया। श्री बागडे ने कहा कि सन्तों की प्रेरणा से जीवन धन्य होता है। वे अपने आचरण से समाज में आदर्श की स्थापना करते हैं। वे अपने सत्कमार्ें से समाज का धन्य करते हैं। आचार्य श्री ने अपने उपदेश से जन-जन को मार्ग दिखाया है। इस प्रकार के विरले सन्तों के आशीर्वाद से जीवन धन्य हो जाता है।

उन्होंने कहा कि भगवान महावीर के द्वारा दिए गए जीओ और जीने दो का सन्देश हमारी जीवन शैली है। प्राचीन भारत मेें सनातन, जैन एवं बौद्ध परम्पराएं ही थी। आक्रमणकारियों के द्वारा हमारी परम्पराओं को छिन्न-भिन्न करने का कार्य किया गया। देवधर्म की श्रद्धा को तोड़ने की कोशिक की। ऎेसे में साधुओंं ने धर्म एवं संस्कृति की परम्परा को जीवित रखने का महत्वपूर्ण कार्य किया। इसके लिए सुनील सागरजी जैसे सन्त महात्माओं का समाज ऋणी है।

समारोह में राज्यपाल श्री बागडे द्वारा जैनाचार्यों से सम्बन्धित पुस्तक के साथ- साथ कन्या बने कनक पुस्तक का भी विमोचन किया गया। उन्होंने इससे पूर्व श्रीफल समर्पण कर एवं पाद प्रक्षालन कर आचार्य श्री का आशीर्वाद लिया।

इस अवसर पर सम्भागीय आयुक्त श्री महेशचन्द्र शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक श्री ओमप्रकाश, जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु, पुलिस अधीक्षक वन्दिता राणा, अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री गजेन्द्र िंसंह, व्यवसायी श्री अशोक पाटनी सहित दिल्ली, मध्यप्रदेश एवं गुजरात से आए श्रवक श्राविकाएं उपस्थित थे।

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