प्रधानाचार्यो के लिए आफत बना व्यावसायिक शिक्षा संचालन
नई शिक्षा नीति में व्यावसायिक शिक्षा पर जोर , धरातल पर सरकार फेल
शिक्षा मंत्री से कर चुके पद सृजित कर संविदा नियम में शामिल करने की मांग
अजमेर :सरकार की महत्वकांशी योजनाओ में से एक व्यावसायिक शिक्षा द्वारा प्रशिक्षण देकर विधार्थियो को आत्मनिर्भर बनाने वाले व्यावसायिक शिक्षक स्वयं बेरोजगार है।
राज्य के रेगुलर स्टार एवं विशेष CWSN , पीएम श्री, मॉडल स्कूल,KGBV विद्यालयों में संचालित व्यावसायिक शिक्षा के विधार्थी पिछले सत्र से बिना प्रशिक्षकों एवं प्रशिक्षण के हुनरमंद बनने का प्रयास कर रहे है।
केंद्र सरकार द्वारा समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत व्यावसायिक शिक्षा का संचालन किया जा रहा है परंतु राज्य सरकार व्यावसायिक शिक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। विगत सत्र से व्यावसायिक शिक्षकों को टेंडर प्रक्रिया के नाम पर बेदखल कर दिया गया है एवं अभी तक भी व्यावसायिक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है जिससे विद्यार्थी असमंजस में है। व विधार्थियो को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
शिक्षक संघ सियाराम सहित अनेक संगठनों ने उठाई थी व्यावसायिक शिक्षकों की पीड़ा
शिक्षक संघ सियाराम , युवा हुंकार मोनू चौधरी राजस्थान बेरोजगार संघ हनुमान किसान ने व्यावसायिक शिक्षकों को विभाग में समायोजन करने की मांग लगातार मांग उठाता आया है।
सियाराम संघ के प्रदेश कार्यकारणी अध्यक्ष शक्ति सिंह गौड़ ने बताया की राजस्थान सरकार समस्त विभागों से ठेका प्रथा समाप्त कर सरकारी कंपनी का गठन करने की घोषणा कर रखी है लेकिन धरातल पर अभी शून्य है हमारी सरकार से मांग है कि सरकार व्यावसायिक शिक्षा को विधार्थी हित में व्यावसायिक शिक्षकों हेतु स्थायी समाधान निकाले जिससे विधार्थियो व शिक्षकों को नुकसान न हो।
*व्यावसायिक शिक्षक सरकार से कई बार कर चुके हैं ठेका प्रथा बंद कर , हरियाणा मॉडल लागू करने की मांग*
व्यावसायिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष रघुपाल सिंह ने बताया की राजस्थान व्यावसायिक शिक्षकों ने कई बार प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन, ज्ञापन, संगोष्ठियों के माध्यम से सरकार को व्यावसायिक शिक्षकों की समस्याओं से अवगत करवाया है। सिंह ने व्यावसायिक शिक्षा में हरियाणा मॉडल को सर्वश्रेष्ठ बताया जहां बार बार टेंडर प्रक्रिया नहीं होकर व्यावसायिक शिक्षकों हेतु अलग से कैडर बना दिया गया है।
जिला प्रवक्ता आर एन रावत ने बताया कि सरकार के इस के टेंडर प्रक्रिया से सबसे ज्यादा नुकसान विधार्थियो को होता है। सरकार ने करोड़ों रुपए लैब एवं गतिविधियों पर खर्च किया है केवल ट्रैनर अनुंबध प्रक्रिया के कारण सही क्रियान्वन नहीं हो पा रहा है
प्रशिक्षकों को बेरोजगार एवं शिक्षकों समय पर भूगतान नही मिलने से मानसिक अवसाद में रहते हैं जिसका अंतर कार्यशैली पर भी पड़ता है। सरकार व्यावसायिक शिक्षा पर करोड़ों रुपए खर्च कर के भी विधार्थियो को शिक्षको के बिना पढ़ना पड़ रहा है।
*राजस्थान राज्य में व्यवसायिक शिक्षा की संक्षिप्त जानकारी*
*सत्र 2024-25*
व्यवसायिक विद्यालयों की संख्या = *4155*
सभी ट्रेड की संख्या = *16*
सूचना प्रौद्योगिकी एवम सेवाएं
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर
ब्यूटी एंड वैलनेस
रिटेल
प्लंबर
हेल्थकेयर
कंस्ट्रक्शन
एग्रीकल्चर
ऑटोमोबाइल
अपेरल मेड अप एंड होम फिनिशिंग
बैंकिंग फाइनेंस सर्विस एवम इंश्योरेंस
टूरिज्म एंड होस्पिटिलिटी
फूड प्रोसेसिंग
सिक्योरिटी
टेलीकॉम
मल्टीमीडिया
वर्तमान में बिना प्रशिक्षकों के संचालित विद्यालयों की संख्या = *1600+*
वर्तमान में ट्रैनर सहित संचालित विद्यालयों की संख्या = *2550+*
प्रोजेक्ट के प्रकार व उनकी संख्या = *7+*
(स्कूल टाइप जहां व्यवसायिक शिक्षा संचालित है)
1. GENERAL VOC EDU
2. KGBV
3. MODEL SCHOOL
4. STAR PROJECT
5. CWSN
6. SPOKE SCHOOL
7. PM shree