*ब्यावरवासी बनेंगे साक्षी, जब सुरों से गूंजेगा महावीर बाजार*
ब्यावर। महावीर जन्म कल्याणक के पावन पर्व पर इस वर्ष ब्यावरवासी एक अद्वितीय और ऐतिहासिक भजन संध्या के साक्षी बनने जा रहे हैं, जहाँ भक्ति की लहरें सुरों की नाव में सवार होकर हर ह्रदय को स्पंदित करेंगी।
संयोजक महेंद्र छाजेड़ ने बताया कि आगामी 10 अप्रैल 2025, गुरुवार की संध्या, जब महावीर बाजार में दीपों की आभा, श्रद्धा की ऊष्मा और सुरों की मधुरता एक साथ समाहित होंगी, तब वह क्षण केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि धर्म, संस्कृति और संगीत का उत्सव होगा।
स्वर सम्राट एवं संयोजक अरिहंत काँकरिया के अनुसार इस भव्य आयोजन की सबसे खास बात होगी ब्यावर की अपनी उभरती और प्रतिष्ठित प्रतिभाओं की संगीतमय प्रस्तुतियाँ, जो भक्ति रस में डूबी होकर सबको भावविभोर कर देंगी। संगीत के हर सुर, हर ताल और हर रचना में होगा प्रभु महावीर के चरणों में समर्पण।
इस संध्या को और अधिक प्रभावशाली व सुव्यवस्थित बनाने हेतु दोपहर में शांतिनाथ जैन मंदिर में रिहर्सल आयोजित की गयी हैं। जो दोपहर 1.30 बजे से सांय 04.30 बजे तक अनवरत चालू हैं। संयोजकों ने सभी कलाकारों व संगीत प्रेमियों से आग्रह किया है कि वे समय पर उपस्थित होकर रिहर्सल में भाग लें, जिससे उनकी प्रस्तुतियां और अधिक शानदार बन सकें।
ऑडिशन राउंड के दौरान महेंद्र सांखला, दिलीप बाबेल, हेमंत बाबेल, सुनील मेहता, दिलीप भंडारी, दिलीप बोरुंदिया, रत्नेश रूनीवाल, राकेश भंडारी, कमल छाजेड़, गोल्डन खींचा, मोनू हिंगड़ आदि जैन समाज के गणमान्य सदस्य उपस्थित थे।
यह केवल एक भजन संध्या नहीं, बल्कि ब्यावर की आत्मा का उत्सव होगी – जहाँ धर्म, संस्कृति और संगीत तीनों का होगा अद्वितीय मिलन।
तो आइए, पूरे परिवार सहित इस ऐतिहासिक भजन संध्या का हिस्सा बनें, और प्रभु महावीर के जन्म कल्याणक पर्व को बनाएं अविस्मरणीय।क्योंकि किसी ने कहा हैं *“जब भक्ति सुरों से सजती है, तब ईश्वर स्वयं अवतरित होते हैं।”*