एसीबी की टीम फिर अजमेर में सक्रिय

अजमेर। पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा और उनके बिचौलिये रामदेव को पुलिस थानों से रिश्वत वसूलने के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी एसीबी की टीम एक बार फिर अजमेर पहुंच चुकी है। बताया जा रहा है कि इस बार एसीबी का निशाना वे 12 थानाधिकारी हैं, जिनके नामों की पर्चियां एसीबी को बिचौलिये रामदेव के पास से बरामद हुई थीं। एसीबी अब उन थानाधिकारियों से भी पूछताछ करेगी, जिनके भ्रष्टाचार की करतूतों की जानकारी एसीबी को एसपी और उसके बिचौलिये के टेप किये गए फोन कॉल से मिली है। एसीबी का निशाना उन थानाधिकारियों पर भी बताया जा रहा है, जिनके नाम रामदेव से मिली पर्चियों में तो नहीं थे, लेकिन एसीबी द्वारा टेप किये गए एसपी राजेश मीणा और बिचौलिये रामदेव के फोन कॉल्स में जिनकी चर्चा थी। एसीबी ने इस तरह के मामलों को सूचिबद्ध कर लिया है। इनमें एक मामला रामगंज थानेे का है और दूसरा मामला कोतवाली पुलिस थाने का है। दोनों ही मामले सम्पत्ति विवाद से जुड़े बताये जा रहे हैं, जिनमे पुलिस अधिकारियों द्वारा बड़ी रकम वसूली गई है। मंगलवार को एसीबी के अधिकारियों ने सीपीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस में कैम्प लगाकर जांच को गति देना शुरू कर दिया। एसीबी ने 10 से अधिक लोगों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किये। साथ ही कुछ दस्तावेजों को भी जब्त किया गया। सूत्रों के मुताबिक एसीबी ने बस स्टैंड चौकी प्रभारी भागीरथ सिंह, कांस्टेबल मोतीराम सहित समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेता हेमन्त जैन, उनके ड्राइवर गजेन्द्र रावत, जैन समाज के नेता बसन्त सेठी और निलंबित एसपी राजेश मीणा को विदेशी मुद्रा मुहैया कराने वाले मनी एक्सचैंजर मनीष से पूछताछ की।
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