पीड़ित शिक्षकों से परिवेदना लेकर निस्तारण की माँग

अजमेर – संस्कृत शिक्षा विभाग द्वारा अध्यापक से विभिन्न विषयों में वरिष्ठ अध्यापक के पद पर पदोन्नति की गई है तथा दिनांक 03.06.2025 को उनके पदस्थापन आदेश जारी किये गये है। पदस्थापन सूची का अवलोकन एवं समीक्षा करने पर कई अनियमितताएं सामने आयी है शिक्षक संघ (सियाराम ) के मुख्य संरक्षक सियाराम शर्मा ने इस बाबत मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इसकी जाँच कर पीड़ित शिक्षकों को पदस्थापन में राहत दिलाने की माँग की है प्रदेश उपाध्यक्ष भगवत डांगी ने बताया की शिक्षकों का पदस्थापन नजदीक के रिक्त पदों पर वरिष्ठता के आधार पर नहीं किया गया है। वरिष्ठता में वरिष्ठ अध्यापक को दूरस्थ स्थान पर पदस्थापन किया गया है, जबकि कनिष्ठतम को नजदीक के रिक्त पद पर पदस्थापन किया गया है। एक ही स्थान पर दो-दो वरिष्ठ अध्यापकों का पदस्थापन कर गंभीर अनियमितताएं की है। एक स्थान पर दो वरिष्ठ अध्यापकों के पदस्थापन के तुरन्त बाद आनन फानन में उनके आदेश निरस्त कर दिये गये है, यह दूसरी अनियमितता है। एक ही स्थान पर पदस्थापित दो वरिष्ठ अध्यापकों के पदस्थापन आदेश को निरस्त करने से ऐसा प्रतीत होता है कि भ्रष्टाचार के आधार पर विभाग के अधिकारी अन्य किसी का उस स्थान पर पदस्थापन करना चाहते है। संस्कृत शिक्षा विभाग में विद्यालयों की कमोन्नति के आदेश जारी होने के बाद भी वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालयों में पदस्थापन सूची में उनका नाम प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय ही लिखा गया है। जिला अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि यह संस्कृत शिक्षा विभाग के अधिकारियों की गंभीर लापरवाही है। पदस्थापन सूची में दिव्यांग महिलाओं आदि का भी ध्यान नहीं रखा गया है तथा उनका दूरस्थ स्थानों पर पदस्थापन किया गया है।संस्कृत शिक्षा विभाग द्वारा पदस्थापन के ऐसे भी आदेश जारी किये गये है, जिसमें केवल एक ही वरिष्ठ अध्यापक का नाम है, जबकि उसका नाम पदस्थापन की सूची में जारी किया जाना चाहिए था। इस प्रकार के आदेशों में भ्रष्टाचार से इंकार नहीं किया जा सकता है।सभाध्यक्ष सहदेव सिंह रावत ने बताया कि पदस्थापन सूची से ऐसा लगता है कि संस्कृत शिक्षा विभाग में वरिष्ठ अध्यापकों के पदस्थापन में मनमर्जी का खेल खेला गया है, जो कि न तो उचित है और न ही न्याय संगत है। इससे शिक्षकों में भारी असंतोष है।पदस्थापन सूची जिन अधिकारियों के द्वारा जारी की गई है और जिनके द्वारा जारी करवाने में सहभागिता रहीं है, उनकी भूमिका की निष्पक्ष जांच करवायी जावे।पीड़ित शिक्षकों से परिवेदना लेकर उनकी परिवेदना का निस्तारण करवाया जाये। परिवेदनाओं के निस्तारण होने तक कार्यग्रहण की तिथि में अभिवृद्धि करवायी जावे।

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