15 जून से 31 अगस्त तक निषेध ऋतु में मत्स्याखेट पर प्रतिबंध, मत्स्याखेट करने पर हुई कार्यवाही

अजमेर, 4 जुलाई। राज्य सरकार द्वारा 16 जून से 31 अगस्त तक निषेध ऋतु के तहत मत्स्याखेट रोकथाम की गई है। इस अवधि में राज्य में किसी भी प्रकार का मत्स्याखेट न हो एवं मछली का विनिमय व प्रदर्शित नहीं की जाए।

     मत्स्य विभाग (क्षेत्रीय) के सहायक निदेशक श्री मदन सिंह ने बताया कि निषेध ऋतु के तहत मत्स्याखेट रोकथाम के लिए एक दल का गठन कर रखा है, जो नियमित रूप से निषेध ऋतु में मत्स्याखेट रोकथाम के लिए चेकिंग का कार्य करता है। अब तक विभागीय दल की चेकिंग से निषेध ऋतु में मत्स्याखेट रोकथाम में प्रभावी कार्यवाही से सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। क्षेत्र में मत्स्याखेट गतिविधि में काफी हद तक रोक लगी है। मत्स्य प्रजनन ऋतु होने से मत्स्य प्रजाति का विकास होगा। इसी क्रम में 16 जून से अब तक अजमेर जिले के क्षेत्रधिकार में आने वाले जलाशयों का नियमित चौकिंग कर अब तक लगभग 320 किलोग्राम मछली को जब्त किया जाकर नियमानुसार कार्यवाही की गई। अजमेर शहर की मछली की दुकानों से लगभग 100 किलोग्राम व आनासागर के ऑवर फ्लो से लगभग 200 किलोग्राम अवैध मछली पकड़ी जा चुकी है। जिसे जब्त कर नियमानुसार दफनाये जाने की कार्यवाही की गई।

     उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशों को क्षेत्र में कठोरता से पालन करवाया जा रहा है। विभागीय दल द्वारा सभी जलाशयों का सघन निरीक्षण कर दल द्वारा जाल व मत्स्याखेट संबंधी उपकरण एवं मछली जब्त की जा रही है। जब्त मछली को नियमानुसार गढवाया जा रहा है। विभागीय दल की चेकिंग से निषेध ऋतु में मत्स्याखेट रोकथाम में प्रभावी कार्यवाही से सकारात्मक परिणाम आ रहे है। क्षेत्र में मत्स्याखेट गतिविधि में काफी हद तक रोक लगी है। मत्स्य प्रजनन ऋतु होने से मत्स्य प्रजाति का विकास होगा। निषेध ऋतु में मत्स्याखेट चेकिंग कार्य नियमित रूप से जारी रहेगा। अवैध मत्स्याखेट कार्य करने वाले व्यक्तियों पर कार्यवाही जारी है।

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