विपक्ष के नेता राहुल गांधी जी के खिलाफ बीजेपी के एक प्रवक्ता द्वारा कथित तौर पर दिए गए हिंसक बयान का मामला देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और राजनीतिक सहिष्णुता के लिए एक गंभीर चुनौती है। भारत के लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है, और एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रवक्ता का यह बयान कि “राहुल गांधी के सीने में गोली मार देनी चाहिए,” पूरी तरह से अस्वीकार्य और निंदनीय है।
भाजपा की मंशा पर प्रश्नचिह्न

यह अत्यंत आपत्तिजनक है कि राष्ट्रवाद की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और केंद्र सरकार की ओर से इस हिंसक बयान पर कोई तत्काल प्रतिक्रिया, निंदा, या कार्रवाई नहीं की गई। यह मौन कई गंभीर प्रश्न खड़े करता है:
* क्या बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा जी और पार्टी की रणनीति इस प्रकार के हिंसक बयानों से सहमत है? उन्हें इस विषय पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
* क्या यह बयान देश में राजनीतिक हिंसा को बढ़ावा देने और सद्भाव बिगाड़ने की पार्टी की मंशा का हिस्सा है?
* केरल सरकार द्वारा भी इस हिंसात्मक बयान पर अब तक कोई कार्रवाई न करना भी चिंताजनक है।
तत्काल और सख्त कार्रवाई की आवश्यकता
यह बयान केवल एक राजनीतिक टीका-टिप्पणी नहीं है, बल्कि एक जानलेवा धमकी है। इसलिए, सरकार और कानूनी एजेंसियों से निम्नलिखित तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा है:
1. कानूनी कार्रवाई: केंद्र सरकार और राज्य सरकार (केरल) इस हिंसात्मक बयान के लिए बीजेपी प्रवक्ता पिंटू महादेव पर तत्काल मुकदमा दर्ज कराए और सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करे। अदालत को भी इस हिंसक धमकी पर स्वतः संज्ञान लेना चाहिए।
2. पार्टी द्वारा कार्रवाई: बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा जी को सार्वजनिक रूप से इस बयान की कड़ी निंदा करनी चाहिए, और प्रवक्ता पिंटू महादेव को पार्टी से तत्काल बाहर करना चाहिए। बीजेपी को इस कृत्य के लिए देश से माफी भी मांगनी चाहिए।
3. सुरक्षा बढ़ाना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को इस गंभीर खतरे का संज्ञान लेते हुए, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी की सुरक्षा तत्काल बढ़ानी चाहिए। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि राहुल गांधी जी उसी परिवार से हैं, जिससे इंदिरा जी और राजीव जी जैसे नेताओं ने देश की सेवा में अपने प्राणों का बलिदान दिया है।
यह ज़रूरी है कि सरकारें और राजनीतिक दल यह समझें कि सत्ता जनता सेवा के लिए दी जाती है, न कि किसी पर गोली चलाने की धमकी देने या हिंसा भड़काने के लिए। सख्त कार्रवाई से यह सुनिश्चित होगा कि भविष्य में कोई भी दल ऐसी घृणित और हिंसक हरकत न करे, जिससे देश का लोकतांत्रिक माहौल दूषित हो।
डॉ॰ श्रीगोपाल बाहेती
पूर्व विधायक – पुष्कर