भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिये सामूहिक प्रयास जरूरी-बोहरा
जयपुर, 2 अक्टूबर (वि.)। कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग द्वारा आयोजित ’सांस्कृतिक सृजन पखवाड़ा’ के अन्तर्गत राजस्थान सिन्धी अकादमी एवं भारतीय सिन्धु सभा राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में पाथेय भवन, मालवीय नगर, जयपुर के सभागार में 2 अक्टूबर, 2025 को विकसित भारत के रंग-लोक संस्कृति के संग सिन्धु सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
अकादमी सचिव डॉ.रजनीश हर्ष एवं भारतीय सिन्धु सभा राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष ईश्वर मोरवाणी ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारम्भ भगवान झूलेलाल जी एवं महात्मा गांधी जी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवल से किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जयपुर के पूर्व सांसद श्री रामचरण बोहरा ने अपने सम्बोधन में कहा कि देश को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में लाने के लिये हमें मिलकर प्रयास करने होंगे। इसके लिये आमजन की भागीदारी भी अत्यन्त आवश्यक है। यह हम सबका दायित्व है कि राष्ट्र की उन्नति के लिये आपसी भाईचारा, प्रेम एवं परस्पर सहयोग की भावना से कार्य करें।
भारतीय सिन्धु सभा की मातृ शक्ति की प्रदेश अध्यक्ष शोभा बसंताणी ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये राजस्थान सिंधी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष श्री मोहनलाल वाधवाणी ने अपने सम्बोधन में सिन्धु सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुये कहा कि सिन्धु संस्कृति प्राचीन एवं वैभवशाली संस्कृति है। इस प्रकार के आयोजन हमें अपनी मातृभाषा, कला एवं प्राचीन संस्कृति से जोड़े रखने में सहायक होते हैं।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि भारतीय सिन्धु सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने अपने उद्बोधन में कहा कि सिंधी मातृभाषा ज्ञान से युवाओं को इतिहास व संस्कृति का ज्ञानवर्धन होगा सिंध के गौरवमयी इतिहास की जानकारी युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए अकादमी एवं भारतीय सिंधु सभा को सामूहिक प्रयास करने होंगे। पूज्य सिन्धी सैन्ट्रल पंचायत के अध्यक्ष गिरधारी मनकाणी, वरिष्ठ समाजसेवी नारायण दास नाजवाणी एवं पूर्व पार्षद धर्मदास मोटवाणी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
सिन्धु सांस्कृतिक कार्यक्रम में विकसित भारत में सिन्धु लोक संस्कृति एवं लोक कला के विविध रंगों की झलक देखने को मिली। कार्यक्रम में बच्चों एवं मातृशक्ति ने बढ़-चढ़ कर बड़े उत्साह से सिंधी गीत संगीत एवं नृत्य की शानदार प्रस्तुति देकर सिंधु संस्कृति को जीवंत किया । सिंधु संस्कृति में विभिन्न आयु वर्ग के कलाकारों, मातृशक्ति एवं युवा वर्ग द्वारा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई तथा सिंधी भाषा के लोकगीतों का मन को लुभावने गीतों का गायन किया गया जिससे दर्शक मंत्र मुक्त होकर अपनी सीट पर खड़े होकर डांस करने को मजबूर हो गए । कार्यक्रम में सिन्धी समाज के गणमान्य नागरिक, समाजसेवी, बुद्धिजीवी, राजस्थान सिन्धी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष एवं सदस्य, सिन्धी साहित्यकार, पत्रकार बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती शोभा वसंन्दानी एवं हीरालाल तोलानी ने किया।
(डॉ.रजनीश हर्ष)
सचिव