विधार्थियो के भविष्य को देखते हुए व्यावसायिक शिक्षा -शिक्षकों के स्थायी समाधान करने की मांग

हर साल  व्यावसायिक शिक्षा पर करोड़ो खर्च, धरातल पर स्थिति चिंतनीय
अजमेर:राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम ने स्किल्स इंडिया के सपने को बुनने वाली व्यावसायिक शिक्षा की दुर्दशा पर मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर विधार्थी हित में स्थायी समाधान करने की मांग करी।
पत्र में व्यावसायिक विद्यालयों में जल्द शिक्षकों की नियुक्ति करने, समय पर भुगतान करने, टेंडर प्रकिया के स्थान पर अन्य राज्यों की तर्ज पर व्यावसायिक शिक्षा संचालन करने की  मांग करी है
व्यावसायिक शिक्षा का मुख्य उद्देश्य विधार्थियो को अलग अलग क्षेत्रों में प्रशिक्षण का हुनर देकर रोजगार स्वरोजगार के लायक बना आत्मनिर्भर बनाना है जिससे बेरोजगारी दूर हो सके.
प्रदेश सह संगठन महामंत्री प्रेम शंकर जोशी ने बताया की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं सामने है परन्तु अभी तक 2527 राजकीय विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षक नहीं पहुँचे जिससे विधार्थी अधरजूल में है,कुछ एजेंसियो के व्यावसायिक शिक्षक प्रशिक्षण प्रदान कर  सेवा दे रहे है उन्हें कई माह से वेतन नहीं मिल रहा है जिससे ट्रेनर मानसिक अवसाद में है.शिक्षा विभाग में टेंडर प्रक्रिया होने के कारण व्यावसायिक शिक्षा द्वारा हर हाथ हुनर का सपना यथार्थ नहीं दिखाई दे रहा है.
जिला प्रवक्ता आर एन रावत ने बताया की व्यावसायिक शिक्षा की दुर्दशा  दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है विद्यालयों में लैब, बजट, गतिविधियों का लगभग 3-4 लाख रूपये प्रतिवर्ष आ रहा है किन्तु टेंडर प्रक्रिया के कारण व्यावसायिक शिक्षकों की नियुक्ति अटक जाती है जिससे करोड़ो रूपये का सही उपयोग नहीं हो पा रहा है.
सरकार को चाहिए की विधार्थियो के हित में समस्त विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति कर व्यावसायिक शिक्षा में हरियाणा मॉडल लागु करे.

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