वर्द्धमान महाविद्यालय में इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल द्वारा राष्ट्रीय उद्यमिता दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
छात्राओं ने स्वरोजगार के गुर सीखे और सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त की ।
श्री वर्द्धमान शिक्षण समिति द्वारा संचालित श्री वर्द्धमान कन्या पी.जी. महाविद्यालय में इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल के तत्वावधान एवं प्राचार्य डाॅ. आर.सी.लोढ़ा के निर्देशन में राष्ट्रीय उद्यमिता दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया गया ।
कार्यशाला का उद्देश्य छात्राओं को नवाचार और उद्यमिता का व्यावहारिक प्रशिक्षण देते हुए आर्थिक विकास में उद्यमिता की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूक करना, साथ ही उद्यमशीलता की यात्रा में निहित चुनौतियों और अवसरों पर भी प्रकाश डालना था।
डाॅ. दीपाली लाल ने व्यवसायिक दुनिया में प्रायोगिक अनुभव की महत्ता पर विचार साझा करते हुए उद्यमिता, स्वरोजगार और आत्मनिर्भर भारत पर विचार रखे ।
डाॅ. एम.एल शर्मा ने बताया कि सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए छात्राओं को आत्मविश्वास और नवाचार के साथ उद्यमशीलता के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया ।
डाॅ. रविन्द्र टेलन ने छात्राओं को दृढ़ संकल्प, अनुकूलनशीलता और चुनौतियों को विकास के अवसर के रूप में देखने के महत्व पर जोर दिया।
अकादमिक प्रभारी डॉ. नीलम लोढ़ा ने औपचारिक शिक्षा की तुलना में कौशल और नवाचार के महत्व, महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता की आवश्यकता और सामाजिक एवं व्यक्तिगत बाधाओं को दूर करने के लिए आवश्यक मानसिकता पर जोर दिया।
राजनीति विज्ञान व्याख्याता लवीना ज्ञानचंदानी ने नए स्टार्टअप के उदाहरण देते हुए युवा उद्यमियों के लिए आवश्यक गुणों के रूप में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने, लचीलापन और निरंतर सीखने के महत्व पर बल दिया।
छात्राओं ने उद्यमिता से संबंधित अनेक प्रश्न पूछे और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया, जिससे सत्र अत्यंत संवादात्मक और सार्थक बना।
कार्यक्रम के समापन में इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल समन्वयक राजकुमारी कुमावत ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।
कार्यक्रम में बीसीए विभागाध्यक्ष नवीन देवड़ा का विशेष योगदान रहा । कार्यक्रम में गिरीश कुमार बैरवा, डाॅ. रीना ठाकुर, राशि सोनी, प्रिया अरोड़ा, कीर्ति पोरवाल, कविता परसोया एवं बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रही ।