राजस्थान लोक सेवा आयोग को माना सेवा में कमी का दोषी

सूचना के अधिकार के तहत विलम्ब से सूचना देने पर पर लगाया उपभोक्ता मंच ने जुर्माना सूचना का अधिकार कानून के तहत नीयत समय सीमा में सूचना उपलब्ध न कराने पर जिला उपभोक्ता मंच ने राजस्थान लोक सेवा आयोग को सेवा में कमी का दोषी मानते हुये परिवादी को क्षतिपूर्ती के तौर पर एक हजार रू दिये जाने के आदेष दिये हैं। मंच के समक्ष पटेल नगर, तोपदडा निवासी आरटीआई कार्यकर्ता तरूण अग्रवाल ने परिवाद पेष किया था। परिवादी का कहना था कि उसने दस रूपये के पोस्टल ऑर्डर सहित राजस्थान लोक सेवा आयोग के समक्ष आरटीआई में आवेदन प्रस्तुत किया था। दिनांक 11.05.2012 को किये गये
आवेदन का जवाब उसे उसे निर्धारित 30 दिन में न दिया जाकर दिनांक 01.10.2012 को दिया गया। अप्रार्थी की ओर से मंच को जवाब प्रस्तुत किया गया कि परिवादी को विलम्ब से जवाब उपलब्ध करा दिया गया था। इस लिये उनके स्तर पर सेवा में कोई कमी नहीं हुई है। साथ ही यह भी कहा गया कि सूचना उपलब्ध नहीं हुई तो परिवादी को प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपील करनी चाहिये थी। इस पर परिवादी की ओर से मंच को बताया गया कि वांछित सूचना तीस दिवस में दी जानी थी। अप्रार्थी ने अनावष्यक विलम्ब कर सेवा में कमी की है।
मंच के अध्यक्ष कमलराज सिंघवी व सदस्य विजेन्द्र कुमार मेहता ने सुनवाई के बाद पारित निर्णय में राष्ट्रिय आयोग के रिवीजन पिटीषन संख्या 244/04 डा. एस.पी.थिरूमला राव बनाम म्युनिसिपल कमिष्नर, मैसूर के अनुसार सेवा दोष माना। चूंकि आयोगन निर्धारित अवधि में सूचना नहीं दी इसलिये मंच ने प्रार्थी को अप्रार्थी के सेवादोष के लिये क्षतिपूर्ती राषि एक
हजार रूपये दिये जाने के आदेष जारी किये।

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