यह सर्वविदित है कि अजमेर नगर सुधार न्यास व अन्य प्रशासनिक एजेसिंयों द्वारा निर्मित विश्राम स्थली आनासागर डूब क्षेत्र में बनाई गई है। जब भी आनासागर में पानी की अच्छी आवक होती है, तभी यह विश्राम स्थली पानी से पूरी तरह घिर जाती है और किसी भी प्रकार उपयोग में नहीं लाई जा सकती। इसके निर्माण के समय जिन अधिकारियों ने भी इसकी स्वीकृति प्रदान की क्या उन्होंने वास्तव में सही निर्णय लिया और क्या उन्होंने वे सभी मापदंड अपनाए जो इस प्रकार के निर्माण हेतु आवश्यक होते हैं।
हमारा निवेदन है कि कम से कम अब से तो इस बात पर विचार किया जाए कि इस प्रकार के जो कार्य हो गये हैं, उनका सुधार किस प्रकार हो। यह विश्राम स्थली पूरी तरह यहां से साफ होना आवश्यक है और यह क्षेत्र आनासागर भराव क्षमता का ही भाग बने रहना चाहिए। सभी को यह जानकारी है कि जब भी इस प्रकार के स्थायी निर्माण कार्य होते हैं तो सबसे पहले इंजीनियरों व वास्तुविदों द्वारा इस बात का पता लगाया जाता है कि इस निर्माण स्थली पर अधिकतम पानी का भराव स्तर क्या रहा है, उसके उपरांत ही वे कार्य योजना बनाते हैं। इसे अजमेर का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि आनासागर जैसी सुंदर झील में अनगिनत निर्माण कार्य हमारी नगर सुधार न्यास, नगर निगम जैसी संस्थाओं के द्वारा हुए और हमारे प्रतिनिधि जो चुनकर पहुंचाए गये या जिन्हें नियुक्त किया गया उनकी सहमति से हुए। हमारी यह मांग है कि इस संबंध में विस्तृत जांच की जाए और इस झील का पुराना गौरव और स्वरूप वापस लौट सके इसका प्रयास किया जाए।
नगर की जागरूक संस्था कॉमन कॉज सोसायटी द्वारा हाईकोर्ट में रिट के माध्यम से आनासागर व अन्य झीलों की सुरक्षा व रखरखाव के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, वे सराहनीय हैं। हमारा अनुरोध है कि अजमेर के जागरूक नागरिक, संस्थाएं इस मुद्दे पर एक साथ उठें और अजमेर की इस धरोहर की रक्षा का बीड़ा उठाएं।
-एन के जैन, जन सम्पर्क प्रभारी
अजयमेरु नागरिक अधिकार एवं जन चेतना समिति
नाका मदार, अजमेर