जिला स्तरीय समीक्षा एवं समन्वय समिति की बैठक

galriyaअजमेर । जिला कलक्टर वैभव गालरिया ने सभी बैंक के जिला समन्वयकों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने बैंक की विभिन्न शाखाओं में सरकारी ऋण योजनाओं के पैंडिंग पड़े प्रार्थना पत्रों की स्वीकृतियां आगामी 7 मार्च तक जारी कर दें और मार्च माह के शेष दिनों में इन स्वीकृत ऋण का वितरण कराएं।

गालरिया आज कलक्ट्रेट के समिति कक्ष में आयोजित जिला स्तरीय समीक्षा समिति, समन्वय समिति एवं एस.जी.एस.वाई समिति की बैठक में बैंकों द्वारा सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं में जरूरतमंदांे को ऋण वितरण करने एवं सीडी रेशो की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने जिन बैंकों द्वारा सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं में किये जा रहे अच्छे कार्य के लिए प्रशंसा व्यक्त की वहीं जो बैंक इसमें ढिलाई बरत रहे हैं के प्रति नाराज़गी व्यक्त करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि से उनके विरूद्ध कड़े कदम उठाने को कहा।

गालरिया ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष का एक माह अंतिम शेष रहा है और कुछ बैंक द्वारा उन्हें आवंटित लक्ष्यों की पूर्ति नहीं की गई है जबकि आरबीआई, नाबार्ड व राज्य सरकार को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश दिये हुए हैं। उन्होंने एस.जी.एस.वाई, महिला स्वयं सहायता समुह तथा अनुसूचित जाति विकास निगम के विभिन्न योजनाओं में जरूरतमंद नवयुवकों व नागरिकों द्वारा दिये गये आवेदन और विभाग द्वारा ऋण स्वीकृति के लिए विभिन्न बैंकों को भिजवाये गये आवेदन पत्रों की पूरी समीक्षा की और ग्रामीण क्षेत्रा की बैंक शाखाओं द्वारा बढ़ती जा रही उदासीनता व ढिलाई पर चिन्ता प्रकट की। उन्होंने बैंक अधिकारियों से कहा कि आगामी एक अप्रैल से प्रारंभ होने वाले नये वित्तीय वर्ष में भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं की नकद राशि का भुगतान लाभार्थी को सीधे उसके बैंक खाते के माध्यम से दिया जाएगा। इसलिये ग्रामीण क्षेत्रा के लोगों के बैंक खाते खुलवाने, जिनके आधार कार्ड बन गए हैं उनकी संपूर्ण जानकारी देने तथा नये बैंक खातों की भी पूरी जानकारी भिजवाने को कहा है। उन्होंने बताया कि अजमेर जिला देश के पायलट प्रोजेक्ट जिलों में चयनित है। अतः योजनाओं के नकद राशि लाभार्थी के खातों में सीधे स्थानान्तरित होगी।

गालरिया ने अजमेर जिले के सीडी रेशो की भी समीक्षा की और 60 प्रतिशत से कम सीडी रेशो रखने वाले बैंक के शाखाओं के प्रतिनिधियों को अपनी जमा राशि के अनुपात में ऋण आदि उपलब्ध कराने को कहा इनमें इलाहाबाद बैंक, आन्ध्रा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, देना बैंक, आईडीबीआई, पंजाब एंड सिंध बैंक, सिंडीकेट बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, विजया बैंक, यूनाईटेड बैंक ऑफ इंडिया का सीडी रेशो 40 प्रतिशत से कम है। यूनाईटेड बैंक ऑफ इंडिया का सीडी रेशो मात्रा 1.5 प्रतिशत ही है जबकि सर्वाधिक 107 प्रतिशत सीडी रेशो राष्ट्रीयकृत बैंकों में दिसम्बर माह तक यूको बैंक का रहा। निजी क्षेत्रा के बैंक में सर्वाधिक 133 प्रतिशत सीडी रेशो एचडीएफसी बैंक का है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि श्री जे.के. नायर ने बताया कि आरबीआई ने सरकार प्रायोजित योजनाओं के लिए तत्काल ऋण स्वीकृत करने के संबंध में नवीनतम निर्देश जारी किये हैं जिसकी पालना सभी बैंकों को करनी होगी। नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक श्री सुधीर शर्मा ने बताया कि संपूर्ण राजस्थान में स्वयं सहायता समुह को ऋण वितरण करने के लिए शहरी क्षेत्रा में यूनियन बैंक ऑफ गगवाना तथा ग्रामीण क्षेत्रा में बैंक ऑफ बड़ौदा की कोटड़ा शाखा तथा राजस्थान ग्रामीण बैंक ऑफ बड़ौदा को सर्वाधिक महिला स्वयं सहायता समुहों को ऋण वितरण करने में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत किया गया।

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सी.आर.मीना ने बैंकों के जिला प्रतिनिधियों से कहा है कि वे उनकी ग्रामीण शाखाओं तक निर्देशों को तत्काल पहुंचाए जिससे ग्रामीण विकास की योजनाओं में जरूरतमंद लोगों को ऋण यथाशीघ्र मिल सके। अग्रणी जिला प्रबंधक श्री जे.एल.सुथार ने जिले की वार्षिक साख योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा, लघु उद्यमियों को वित्त पोषण योजनाओं की प्रगति इस संबंध में दिसम्बर माह तक हुई प्रगति की जानकारी दी।

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