बंधुओं वर्तमान समय में गोवंश एवं पर्यावरण की दुर्दशा से हम सभी भलीभांति परिचित है। हमारे देश में प्रतिदिन लगभग 82000 गोमाताओ की हत्या हो रही है। प्रतिवर्ष लाखो गोवंश सड़कों पर प्लास्टिक खाकर काल की गाल में समा रहा है। चारो और पेड़ो की अन्धाधुंध कटाई हो रही है। जब कि गो हमारे जीवन का आधार है, सनातन धर्म का प्राण है। लेकिन भारत जैसे धर्मपरायण देश में भोगवादी संस्कृति का प्रभाव बढ़ने से हम गोवंश को भूलते जा रहे है । दूसरी ओर पेड़ जिनके बगैर जीवन की कल्पना करना बेकार है। क्षणिक लाभ के चलते हम इनके विनाश का कारण बन रहे है। यह चिंता का विषय है ।
परिचयः
एक ओर जहां सारी दुनिया पद, प्रतिष्ठा, आश्रम, भवन, धन-सम्पति, नाम और वैभवपूर्ण जीवन के पीछे भाग रही है वहीं एक युवा क्रांतिकारी संत श्री जगदीश गोपाल जी महाराज इन सब का त्याग कर भारत भूमि पर हो रही अनन्त गो हत्याओं को रोकने, हर घर में गाय माताजी को स्थापित करने व हर घर के बाहर वृक्ष लगाने के उद्देश्य से दिनांक 29 नवम्बर 2012 से 3 दिसम्बर 2012 तक 1008 कुण्डीय गो-भैरव महायज्ञ का सफल आयोजन कर दिनांक 4 दिसम्बर 2012 को प्रातः 3.15 बजे राजस्थान की वीर भूमि हल्दी घाटी से 31 वर्षीय गो-पर्यावरण चेतना पद यात्रा के साथ निकल पडे़ है।
यात्रा के दौरान युवा क्रांतिकारी संत के निर्णयः-
1. 31 वर्ष तक सम्पूर्ण भारत के गांवो व शहरो में नंगे पांव पैदल चलकर गोमाता को रखने एवं प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में एक वृक्ष लगाकर उसे बड़ा करे ऐसा आह्वान करेगें।
2. 31 वर्ष तक अन्न ग्रहण नही करेगें । (पिछले पांच वर्षो से अन्न ग्रहण नही करते)
3. गादी पर नही बैठेगें, ओर न सोयेगें । भूमि पर शयन करेगें ।
4. पैसो (धन) को स्पर्श नही करेंगे । अपने नाम पर किसी भी प्रकार की चलाचल सम्पति नही रखेंगे एवं बैंक में खाता नही रखेंगे।
5. यात्रा के दौरान किसी के घर नही रूकेगें । ना ही किसी के अतिथि बनेगें।
6. किसी भी पद पर नही रहेगें।(पूर्व में बड़े बड़े पद का भी त्याग किया है )
7. 108 गौशालाओं का निर्माण का संकल्प । (वर्तमान में 57 गौशाला बन चुकी है )
8. जीवन में कभी जूते नही पहनेंगे।(पिछले 5 वर्ष से जूते नही पहनते)
9. कार्यक्रम, कथा, प्रवचन तथा यात्रा में बैनर, पोस्टर, होल्डिंग, पेम्पलेट पर नाम या फोटो नही लगाएंगे।
10. यात्रा के दौरान रास्ते में किसी से चन्दा, राशि, अन्न सामग्री इत्यादि सहयोग नही लेंगे। आश्रम का निर्माण नही करेंगे।
अजमेर में प्रवेश पर यात्रा का स्वागत:
यह पद यात्रा 31 वर्ष तक सम्पूर्ण भारत में गो सेवा एवं वृक्षारोपण का संदेश लेकर विभिन्न गांवो और शहरों में होती हुई हमारे शहर अजमेर में दिनांक 12 मार्च मंगलवार प्रातः पुष्कर की और से प्रवेश करेंगी। शहर के गो भक्त धर्मप्रेमी बंधु द्वारा रीजनल कॉलेज चौराहा पर प्रातः 10.30 बजे यात्रा का भव्य स्वागत किया जायेगा। तत्पश्चात वाहन रैली द्वारा पुष्कर रोड, महावीर सर्किल होते हुए जवाहर रंगमंच पहंुचेगी, यहा से महिलाओं द्वारा कलश यात्रा के साथ यह पदयात्रा आजाद पार्क स्थित कथा स्थल पहंुचेगी।
गो कथा व नानी बाई का मायरा अजमेर मेंः
ऐसे महान संत के सानिध्य में आने वाली यात्रा का हम सभी यात्रा मार्ग में जाकर स्वागत करें एवं पुज्य संत के श्रीमुख से दिनांक 12 मार्च से 16 मार्च 2013 प्रतिदिन दोपहर 2 से 6 बजें तक होने वाली गो-कथा तथा नानी बाई का मायरा सुनकर अपने जीवन को धन्य बनावें। इस कथा के दौरान प्रतिदिन स्थानीय संतो द्वारा भी आर्शिवचन रहेंगे।
आनन्दप्रकाश अरोड़ा, सरंक्षक, 9414002175
मोहनसिंह यादव, अध्यक्ष, 9414708568
सम्मानसिंह, संयोजक, 9413948605