अजमेर। अखिल भारतीय सिंधी साधु समाज के संरक्षक संत सांई बलरामदास मंगलवार को बड़ौदा में देवलोकगमन हो गया, जिससे अखिल भारतीय सिंधी साधु समाज एवं पूरे सिंधी समाज में शोक छा गया। मंगलवार शाम को बड़ौदा के अस्पताल में उनका ऑपरेशन हो रहा था कि हृदयगति रुक जाने से उनका देहावसान हो गया। उनका अंतिम संस्कार उल्लासनगर में 14 मार्च को होगा। अन्तिम यात्रा में देश-विदेश के अनेक संत महात्मा शामिल होंगे।
सांई बलराम देवनागरी लिपि में श्रीमद्भागवत के प्रकाशन के बाद तीर्थ गुरु पुष्कर से प्रारंभ की गई रथयात्रा एवं 16 जून 2012 को अजमेर में आयोजित सिंधुपति महाराजा दाहरसेन की 1300 वें बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम समेत विभिन्न मौकों पर अजमेर आए थे। उल्लास नगर में इनका धर्मवाड़ी नाम का आश्रम भी है। वे 43 वर्ष के थे। सांई बलराम के देवलोकगमन पर हरिशेवा धाम भीलवाड़ा के संत हंसराम महाराज, स्वामी मनोहर उदासीन आश्रम अजयनगर अजमेर के मंहत स्वामी स्वरूपदास, स्वामी श्यामदास, स्वामी आत्मदास, स्वामी ईश्वरदास, फत्तनदास, सिंधी सेंट्रल महासमिति के अध्यक्ष नरेन शाहनी भगत, महासचिव गिरधर तेजवानी, उपाध्यक्ष महेंद्र तीर्थानी व कंवल प्रकाश किशनानी, प्रकाश जेठरा, एडवोकेट अशोक तेजवानी, भगवान कलवानी, शंकर टिलवानी समेत सिंधी समाज के कई लोगों ने शोक प्रकट किया है।