अजमेर। भ्रूण हत्या पाप है इस अवधारणा को विकसित करने के लिये बुधवार को जिला परिषद के सभागार में पीसीपीएनडीपी अधिनियम 1994 की जानकारी देने के लिये एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिलेभर के चिकित्सक, विभागीय अधिकारी, समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और मिडियाकर्मी शामिल हुए। सीएमएचओ डॉ. लक्ष्मण हरचन्दानी ने जिला प्रमुख सुशील कंवर पलाडा और भंवर सिंह पलाडा का बुके देकर स्वगात किया। सुशील कवंर पलाड़ा ने कहा कि भू्रण हत्या रोकथाम में कानून अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहा है लेकिन समाज में कन्या के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करना सभी का दायित्व है, सभी को एकजुट होकर लोगों की सोच बदलनी होगी। शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में इसके लिए प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। सीएमएचओ डॉ. लछमन हरचंदानी ने जिला प्रमुख को आश्वस्त किया कि अजमेर जिले में सभी सोनोग्राफी सेंटरों में नियमानुसार सेवाएं दी जा रही हैं और कानून के प्रावधानों अनुसार समय-समय पर कमेटी द्वारा मॉनीट्रींग भी की जाती है। पीसीपीएनडीटी के जिला समन्वयक ओमप्रकाश टेपण ने जिले में पीसीपीएनडीटी की क्रियान्विती और वर्तमान वस्तु स्थिति और अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर दी जाने वाली दण्ड प्रक्रिया पर चर्चा की, साथ ही पंजीकृत संस्थाओं द्वारा अपनाए जाने वाल नियम और फार्म एफ भरने के सामान्य निर्देश बताये। इसके बाद जनसंख्या अध्ययन विभाग एमडीएस युनिवर्सिटी की विभागाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मी ठाकुर द्वारा अधिनियम के कानुनी पहलुओं और सेवा प्रदाताओं की भूमिका पर चर्चा की। जनाना अस्पताल की अधीक्षक डॉ. ए सुमन ने अधिनियम के अन्तर्गत गायनीक की भूमिका पर प्रकाश डाला। जेएलएन अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अविनाश गुप्ता ने रेडियोलॉजिस्ट की भूमिका और राजस्थान महिला मण्डल की क्षमा कांकडे द्वारा अधिनियम के प्रभाविक क्रियान्वयन में स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका पर चर्चा और सामाजिक महत्व और दायित्व बताये।
