अजमेर। 27 मार्च को मनाई जाने वाली धुल्हंडी होली के लिए बाजारो में रंगो की दुकानें सजी हुई है। इस बार बाजार में चाईनीज और मैजिक पीचकारियों सहीत अबीर, गुलाल आकर्षण का केन्द्र है। वहीं तिलक होली और पानी को जाया ना करने की अपीलों का असर शहरवासीयांे में देखने को मिल रहा है। लोग गहरे और पक्के रंग कम ही खरीद रहे है। वहीं पानी बचाने की मुहिम मे अपना योगदान देने को आतुर शहर की अधिकतर अवाम चटख गुलाल और अबीर खरीदकर रंगो के इस त्योहार को मनाने के लिए संकल्पित दिखाई दे रहे हैं। बाजारों में नाना प्रकार की पीचकारियां जिनमें वॉटर टेंक, चाईना के पंप, पीस्तोल, बच्चो के खिलौने, स्प्रे कलर्स, बॉटल कलर, अरारोट का गुलाल आदि बहुतायत से बिक्री के लिए उपलब्ध है। दुकानदारों ने बताया कि आज के दौर में त्योहार सिर्फ पंरपरा निभाने भर को मनाये जा रहे हैं। बेतहाशा बढती महंगाई के चलते इस बार रंगों और पिचकारीयों के दामों में भी 25 प्रतिशत की बढोत्तरी नजर आ रही है।
वहीं परंपरा का निर्वहन करने के लिए पूजन सामग्री होली जलाने के गांवों से लाई गई घास और गूलरी, जौ, गेहूं की बालियां, हरे चने, आदि बाजारों में बिकने को आए हुए हैं जिनकी खरीददारी का जोर भी कमजोर ही नजर आया।
पंडित गिरधर गोपाल दाधिच ने बताया कि इस बार होली फाल्गुन शुक्ला चतुर्दशी मंगलवार रात को भद्रा प्रकरण के चलते रात 11 बजकर 45 मिनट पर और होली का दहन शुभ मुहुर्त अलसुबह 3 बजकर 45 मिनट से उपयुक्त माना गया है। 27 मार्च सुबह 4 बजे के बाद धुलंडी होली खेली जाएगी।
