सारस्वत और शर्मा ने उजागर की पुलिसिया हकीकत

gyan saarsvat 1निर्दलीय पार्षद ज्ञानचंद सारस्वत और भाजपा नेता सुरेश शर्मा के आक्रोश और उबाल ने अजमेर की पुलिसिया हकीकत को उजागर कर दिया। आमजन की छोटी-मोटी शिकायतों को नजरअदंाज करने की आदत और बेवजह पुलिसिया रौब की कीमत आनासागर पुलिस चौकी के एएसआई चांद सिंह को लाइन हाजिर होकर चुकानी पड़ी। हुआ यूं कि बुधवार को भाजपा नेता और सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश शर्मा के पुत्र मयंक और उसके एक मित्र की कार को एक टाटा सूमो ने जोरदार टक्कर मार दी। चालक नशे में लहराते हुए सूमो चला रहा था। हादसे में मयंक गंभीर घायल हो गया। पब्लिक ने चालक को आनासागर पुलिस चौकी में पकड़वा दिया। चूंकि शर्मा सारस्वत के अहम मित्र हैं, इसलिए दोनों ही घायल मयंक का उपचार करवाने के लिए जेएलएन अस्पताल पहुंचे। बाद में रिपोर्ट दर्ज करवाने आनासागर पुलिस चौकी पहुंचे। उन्हें हकीकत मालूम हुई कि नशे में धुत्त होकर सूमो चला रहे चालक को बगैर कार्रवाई और लिखा-पढी के चौकी से नौ दो ग्यारह कर दिया गया। सारस्वत ने इस मामले में जब चांद सिंह से तकाजा करा तो वह भी अपना पुलिसिया रोब झाडऩे लगा। इस पर सारस्वत और शर्मा को उबाल आ गया। देखते ही देखते दोनों के समर्थक चौकी के बाहर जमा हो गए। करीब तीन सौ से अधिक समर्थकों ने पुलिस चौकी को घेरकर विरोध करना प्रारंभ कर दिया। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी होने लगी। गंज पुलिस थाना अधिकारी चेतना भाटी मौके पर पहुंची। कार्रवाई का आश्वासन दिया, मगर बात नहीं बनी। डिप्टी अनिल सिंह ने भी मामले को शांत करने की बात कही, मगर फिर भी बात नहीं बनी। अंत में डिप्टी अनिल सिंह ने चांद सिंह को लाइन हाजिर कर दिया और तीन दिनों में जांच कर कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया, तब जाकर मामला शांत हुआ। करीब तीन घंटे तक चौकी पर चले प्रदर्शन और बहसबाजी के कारण चौकी के बाहर मजमा सा लग गया। जाम सी स्थिति बन गई।
जनाधार की धार देख आए कई नेता
पुलिस के मनमर्जी के रवैये के खिलाफ शहर के नेताओं ने भी एका साधा और चांद सिंह को लाइन हाजिर करवाने में अपनी भूमिका निभाई। चूंकि ज्ञान सारस्वत समय-समय पर अपना जन आधार साबित करते रहते है। ऐसे में इनके समर्थक इस मामले में भी भारी संख्या में पुलिस चौकी पहुंचे। वहीं सुरेश शर्मा का सामाजिक दायरा भी कम नहीं हैै। केशव परमार्थ मंडल जैसी सामाजिक संस्थाओं के प्रमुख कार्यकर्ता होने के अलावा लंबे समय से भाजपा राजनीति में होने के कारण शर्मा के भी कई समर्थक, मित्र और समाज बंधु चौकी पर पहुंच गए। भारी भीड़ को देख शहर के नेताओं ने भी यहां आकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई दी। इससे चांद सिंह की चौकी से विदाई पुख्ता हो गई।
मामले की जानकारी मिलने पर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष महेंद्र सिंह रलावता, यूआईटी सदर नरेन शाहनी भगत, विधायक वासुदेव देवनानी, भाजपा के प्रवक्ता कंवल प्रकाश किशनानी, पार्षद महेंद्र प्रेम कंवर जोधा, सुनील कोठारी, संपत सांखला, मोहनलाल शर्मा, कांग्रेसी नेता सुदर्शन जैन, नंदकिशोर सोनी, महेंद्र सिंह जोधा, अनिल कोठारी, यूथ कांग्रेस उत्तर विधानसभा के अध्यक्ष मोहम्मद इमरान सिद्दिकी, उपाध्यक्ष नूर आलम खान, परवेज खान, राजनारायण आसोपा, अकील खान वकील भाई, दाधीच समाज समिति के अध्यक्ष संजय कांकड़ा, रूपनारायण आसोपा, जुगलकिशोर व्यास, सीताराम शर्मा और सुरेश चारभुजा समेत अन्य कई लोगों ने पुलिस पर दबाव बना दिया। अंत में पुलिस को बेकफुट पर आकर कार्रवाई करनी ही पड़ी।

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