अजमेर। राज्य मानव अधिकार आयोग के सदस्य डॉ. एम.के. देवराजन ने अधिकारियों कहा कि वे मानव अधिकारों के तहत नागरिक के सम्मान पूर्वक,समानता तथा स्वतंत्रता से जीने के अधिकारों की रक्षा करने से संबंधित आम नागरिकों के प्रकरण मौके पर ही निस्तारित करेें। उन्होंने कहा कि कागज पर अग्रेषित कार्यवाही करने के बजाए उसको निस्तारित करने के प्रयास होने चाहिए।
उन्होंने पेंशन प्रकरण का निस्तारण व्यक्ति के सेवानिवृत होने के दो वर्ष के पूर्व से ही शुरू करने और एक माह पूर्व उसकी सारी प्रक्रिया पूर्ण कर संबंधित को सेवानिवृत्ति के दिन ही पी.पी. आर्डर और अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।
डॉ. देवराजन कलक्ट्रेट के सभागार में मानवाधिकार आयोग से संबंधित मामलों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि विगत वर्षो में आम नागरिकों को मिलने वाले अधिकारों की बढ़ोत्तरी और जन सुविधाओं के विस्तार से मानवाधिकारों से मामले भी बढे़ हैं। सरकार की बुद्धिमत्ता कानून में होती है और अधिकारियों को इनके क्रियान्वयन के लिए तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि महिलाओं, भ्रष्टाचार, समय पर शिकायत का निस्तारण नहीं करने, कर्मचारियों के सेवा प्रकरण, अपराधिक मामलों से जुडे़ प्रकरणों में न्यायिक प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने आदि कई विषयों को मानवाधिकार के दायरे में आने लगे हैं।
उन्होंने पुलिस अधिकारियोें से अपने क्षेत्र का समग्र ज्ञान रखने, शराब पीकर वाहन चलाने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने, पेरोल प्रकरणों में कानूनी प्रक्रिया का सावधानी पूर्वक उपयोग करने, भू्रण हत्या, और पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक सुरक्षा आदि कई मुद्दो पर अधिकारियों से मानवाधिकार के संबंध में विस्तार से जानकारी ली।
डॉ. देवराजन ने कहा कि यह सही है कि शिक्षा बढ़ी है, विकास हुआ है लेकिन दूसरी और गतिविधियां बढ़ी हैं और आउटपुट कम हुआ है। ऑफिस में कागज को डील किया जाता है, सोल्व नहीं। उन्होंने ध्वनि प्रदुषण के मामले मे सर्वोच्च न्यायालयों के निर्णय की अनुपालना पर जोर दिया । उन्होंने यातायात से जुड़े मानवाधिकार प्रकरण के स्वरूप आदि की समीक्षा करते हुए कहा कि आधुनिकीकृत्त यातायात प्रबन्धन पुख्ता होने से दुर्घटनाओं की संख्या तो कम हुई है किन्तु घायलों और मृतकों की संख्या बढ़ी है, इसके लिए भी समुचित अनुसंधान की जरूरत है।
जिला कलक्टर वैभव गालरिया न जिले में मानवधिकार के प्रकरणों में प्रशासनिक स्तर पर की जाने वाली कार्यवाही से अवगत कराया और बताया कि शिकायतकर्ता की पूरी बात सुनी जाती है और उसका मौके पर ही हल निकालने के प्रयास प्राथमिकता से किये जा रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक गौरव श्रीवास्तव ने जिले में अपराधिक मामलों में मानवाधिकार प्रकरणों में की जा रही कार्यवाही से अवगत करवाया और इसे और अधिक संवेदनशील बनाने की बात कही।
अतिरिक्त कलक्टर शहर जे.के.पुरोहित ने दण्ड प्रक्रिया की धारा 107,109 और 151 के प्रकरण में मानवाधिकारों से संबंधित की जा रही कार्यवाही से अवगत कराया।
जिला परिवहन अधिकारी वी.एस. राठौड ने यातायात प्रबन्ध को मानवाधिकार की दृष्टि से पुख्ता बनाने और सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आधुनिकीकृत सूचना प्रौद्योगिकी से युक्त ट्रांसपोर्ट थाने खोलने और रोड सेफ्टी ऑडिट की बात कही।
बैठक में सम्भागीय आयुक्त श्रीमती किरण सोनी गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक अनिल पालीवाल, अतिरिक्त कलक्टर जी.एस. राठौड़, नगर सुधार न्यास के सचिव के.सी. वर्मा ,उपखंड अधिकारी दयानन्द शर्मा व राजेश गोयल, जिला कोषाधिकारी लखपत मीणा, संयुक्त निदेशक पेंशन के.सी.कविया उपनिदेशक श्रीमती विजयलक्ष्मी गौड़, श्रीमती रेणु रूद्रा व श्रीमती सीमा शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।