मुख्यमंत्री निःशुल्क जांचों के दौरान पाई भारी अनियमितताएं

nishulk janch yojna 02 nishulk janch yojna 01अजमेर। दो दिन पहले बडे जोर शोर से शुरू की गई मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना की हवा निकलने लगी है, बिना संसाधन और स्टाफ नियुक्त किये गये आनन फानन में शुरू की गई इस योजना से सरकार तो खुश हो गई लेकिन आम मरीज को जो राहत मिलनी थी वो नहीं मिल पाई। अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दिलीप कुमार वैष्णव ने साफ शब्दों में कह दिया कि अव्यवस्थाओं की जिम्मेदारी अस्पताल अधीक्षक, जिला प्रशासन और मेडिकल कॉलेज प्राचार्य की है हमारी नहीं। वार्ड में टाइम पर सेम्पल नहीं लिये जाते, बेचारे मरीजों का खुन सहीत अन्य जांचों का सेम्पल ले लिया जाता है लेकिन लेबोरेट्री तक पहुंचाने वाले वार्ड बॉय को एक एक काउंटर पर घंटों खडा कर दिया जाता है। ऐसे में कम स्टाफ के चलते इतनी बडी योजना का सफल हो पाना संदेह के घेरे में है।
वहीं मरीज और उनके परिजनों ने भी योजना की कामयाबी पर सवालिया निशान लगाते हुए बताया कि रोज रोज अगर मरीज का खुन निकालकर सेम्पल लिया जायेगा और 12 बजे काउंटर बंद कर दिया जायेगा तो फिर बाहर से आधी किमत पर जांच कराना ज्यादा बेहतर है।
इस पुरे मसले पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक चौधरी का कहना है कि वार्ड बॉय को अब लाइन में खडे रहने की आवश्यकता नहीं होगी वो सीधा लेब में जाकर सेम्पल दे सकेगा। इससे समय की बचत भी होगी।

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