अजमेर। नव सम्वत्सर 2070 के आगमन के अवसर पर बुधवार को भारतीय मजदुर संघ के फव्वारा सर्किल स्थित कार्यालय में ‘नवसम्वत्सर का वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक महत्व’ विषय पर संगोष्ठि का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने नवसम्वत्सर क्यों मनाया जाता है और इसकी क्या प्रासंगिकता है इस पर प्रकाश डाला। वक्ताओ ने बताया कि किसी भी उत्सव या त्योहार को मनाने का इतिहास होता है। बिना इतिहास कोई उत्सव महत्व नहीं रखता। दर्शन का मुल आधार श्रृष्टी की रचना और उसकी उत्पत्ति से है भारतीय काल गणना ही विश्व की ऐसी काल गणना है जिसके आधार पर श्रृष्टी की उत्पत्ति का वैज्ञानिक आधार मिलता है। इस अवसर पर बीएमएस के प्रदेश संयोजक गोपाल प्रसाद माथुर सहीत आंगनबाडी कार्यकर्ता आशासहयोगनी और बीएमएस पदाधिकारी मौजुद थे।