पाक़ जायरिनो के आने के विरोध मे धार्मिक और व्यापारिक संगठन हुए लामबंद

jila collecter gyapan 01 pak jayrin bethak 01अजमेर। दुनिया में अमन, चैन और भाईचारे का पैग़ाम देने वाले सूफी संत ख़्वाजा गरीब नवाज के 801वें उर्स में इस बार पाकिस्तान से आने वाले ज़ायरिनो को जत्थे पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है। इसकी एकमात्र वजह है पाकिस्तान में हुई सरबजीत की मौत। जिसको लेकर भारत में जनभावनाये पाकिस्तान के खिलाफ बनी हुई है। पाकिस्तानी जत्थे के अजमेर आने पर भारी विरोध की चेतावनी शहर के विभिन्न धार्मिक और व्यापारिक संगठनो ने दी है। व्यापार महासंघ भी विरोध में शामिल हो गया है और उसने ऐलान कर दिया है कि अगर तमाम विरोध के बाद भी जत्था अजमेर आता है तो शहर का कोई भी व्यापारी उन्हे सामान ही बेचेगा। इसके अलावा व्यापारी अपने प्रतिष्ठानो पर काले झंडे और पाकिस्तान विरोधी नारे लगायेंगें। इस सबके बीच ज़िला पुलिस और प्रशासन ने व्यापाक बंदोबस्त किये है और विरोध करने वालो को चिन्हित कर पाबंद करने की कार्यवाही भी शुरू कर दी है। गुरूवार को कलेक्ट्रेट के सभागार मंे विरोध कर रहे सभी संगठनो के पदाधिकारियो की ज़िला प्रशासन के साथ बैठक आयोजित की गयी।
अमूमन हर साल उर्स में पाक़ जत्थे का गर्मजोशी से स्वागत किया जाता है लेकिन इस बार ऐसा कुछ नही होगा। पाक़ जत्थे की अगुवानी और उनके लिए आयोजित होेने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी नही होंगें। इसके अलावा पाक़ जत्थे के लिए इस बार अलग से दिशा निर्देश जारी किये जाने की तैयारी है जिसमे उनके शहर में फ्री मूवमेंट पर रोक रहेगी। साथ ही 50-50 के समूह में निकलने की हिदायत होगी। हांलाकि अभी पाक़ जत्थे के आने की औपचारिक सूचना नही है लेकिन अगर जत्था आता है तो उसकी सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ की टूकडी अलग से तैनात की जायेगी।

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