जीवन का अर्थ भोग नहीं योग है। हमें जीवन को अवसाद नहीं भगवान का प्रसाद मानकर जीना चाहिए। जीवन विषाद नहीं जीवन आनन्द है जो योग के माध्यम से प्रस्फुटित होता है। उक्त विचार पतंजलि योग समिति के महामंत्री स्वतन्त्र शर्मा ने योग विज्ञान शिविर के प्रथम दिन व्यक्त किए। यह शिविर श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर, एम.डी. कॉलोनी, नाका मदार पर दिनांक 11 मई से प्रारंभ हुआ जिसका समय प्रातः 5.15 से 6.30 बजे तक है। उन्होंने उपस्थित साधकों को भस्रिका प्राणायाम, कपालभाति एवं अनुलोम प्राणायाम से होने वाले लाभों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से योग करने से हमारा शरीर सुदृढ़ एवं लचीला बना रहता है तथा सदैव रोग मुक्त रहता है। शिविर के दौरान बड़ी संख्या में महिलाओं, बच्चों, युवाओं एवं बुजुर्गों ने हिस्सा लिया। शिविर में योग प्रशिक्षक सुशांत ओझा, फातिमा नकवी तथा विवेक चण्डक ने योग साधकों को योग की विभिन्न प्रक्रियाएँ सीखने में सहयोग प्रदान किया। यह शिविर 7 दिन तक चलेगा।
-जिला महामंत्री
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