शिक्षण-प्रशिक्षण शिविर का हुआ शुभारम्भ

rishi udhyan 01 rishi udhyan 02अजमेर। परोपकारिणी सभा और लोकभाषा प्रचार समिति, राजस्थान शाखा के तत्वावधान में शुक्रवार को दस दिवसीय संस्कृत संभाषण-शिक्षण-प्रशिक्षण शिविर का शुभारम्भ ऋषि उद्यान में हुआ। शिविर में केरल, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा और राजस्थान के लगभग पचास प्रशिक्षणार्थीे भाग ले रहे हैं। शिविर के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि आचार्य रामचन्द्र शास्त्री, अध्यक्ष डॉ0 धर्मवीर और विशिष्ट अतिथि डॉ0 बद्रीप्रसाद पंचौली थे। उद्घाटन सत्र में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ0 धर्मवीर ने बताया कि आज संस्कृत को सभी कठिन भाषा मानते हैं किन्तु वास्तव में ऐसा नहीं है। डॉ0 बद्रीप्रसाद पंचौली ने प्रशिक्षणार्थियों को संस्कृत के सार्वभौमिक रूप का परिचय कराया और बताया कि भारत में तो अनेक स्थानों पर संस्कृत बोली ही जाती है साथ ही इंग्लैण्ड के भी लगभग 23 गाँवों में संस्कृत भाषा बोलने वाले लोग मिलते हैं। शिविर के संचालक डॉ0 निरंजन साहू ने सभी शिविरार्थियों को सरल संस्कृत के माध्यम से संस्कृत वार्तालाप के प्रारम्भिक सोपानों से परिचय कराया। दूसरे सत्र में डॉ0 माधुरी साहू ने संस्कृत व्याकरण के वर्ण, भाषा एवं कारक सम्बन्धी नियमों की जानकारी दी और बौद्धिक गोष्ठी के अन्तर्गत पूर्व विभागाध्यक्षा, डॉ0 पुष्पा गुप्ता एवं रामभरोसे लाल गुप्ता ने वेदों की जनसामान्य के लिए उपयोगिता पर व्याख्यान प्रस्तुत किये।

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