अजमेर। जिला प्रमुख श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा ने आज जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में अधिकारियांे को सम्बोधित करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि जो समस्याएं लेकर आते हैं वे समस्याएं उनकी न होकर ग्रामीणों की होती है और उनकी समस्याओं का निराकरण करना ही एक सच्ची सेवा है जिससे कि सरकारी योजना का लाभ ग्रामीणों को समय पर मिलें। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियांे से यह भी कहा कि वे ईमानदारी, लगन, कर्तव्य निष्ठा के साथ ग्रामीणों की समस्या का निवारण करें।
उन्होंने इस अवसर पर सभी को बधाई दी कि राष्ट्रीय स्तर पर अजमेर जिला परिषद जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों के प्रयासों से सम्मानित हुई हैं।
जिला कलक्टर श्री वैभव गालरिया ने बैठक में रसद, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, विद्युत, सिंचाई, पुलिस, शिक्षा, यातायात व मनरेगा से संबंधित विभागों के अधिकारियों को जिला परिषद के सदस्यों द्वारा उठाई गई समस्याओं का त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिये।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सी.आर. मीना ने सभी विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि गांवों में चल रही सरकार की योजनाओं व मूलभूत समस्याओं के निराकरण के लिए उपखण्ड क्षेत्रा में नियमित बैठक आयोजित करें, जिसमें ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से विचार-विमर्श कर उनकी समस्याओं का निराकरण करें। इस अवसर पर गत वर्ष की साधारण सभा की बैठक की अनुपालना रिपोर्ट प्रस्तुत की।
बैठक में उप जिला प्रमुख ताराचन्द रावत, पीसांगन प्रधान कमलेश पोखरणा, श्रीनगर प्रधान रामनाराण गुर्जर व जिला परिषद सदस्य नाथी देवी, रोडूमल खटीक, कानाराम गुर्जर, संतोष रावत, नजीरी काठात, कृष्णगोपाल जोशी, सीमा चौधरी, नन्दाराम चौधरी, मांगीलाल, लीला देवी, राजेन्द्र सिंह, ओमप्रकाश भडाणा, भंवर सिंह पलाड़ा सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामदेव सिंह, कृषि विभाग के उप निदेशक हरजीराम चौधरी, जिला रसद अधिकारी सुनीता डागा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लक्ष्मण हरचन्दानी, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी किशोर कुमार, उपनिदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग विजय लक्ष्मी गौड़, अधीक्षण अभियंता विद्युत एवं जलदाय विभाग एवं संबंधित विभागों के अधिकारी, समस्त विकास अधिकारी मौजूद थे।
इस अवसर पर श्री सुरेश सिंधी रजिस्ट्रार एम.डी.एस. विश्वविद्यालय में स्थानान्तरण होने एवं जिला शिक्षा अधिकारी श्री रामचन्द्र सांवत के सेवानिवृत्त होने पर उन्हंे साफा बंधाकर व शोल ओढाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर विदाई दी गई।
