अजमेर। तारागढ़ स्थित हज़रत मीरां साहब की दरगाह में चल रहे तीन दिवसीय सालाना उर्स का बुधवार को कुल की रस्म के साथ समापन हो गया। इस अवसर पर उर्स के आगाज पर आस्ताने के कटघरे में बांधा गया संवामन लच्छा और पेंश की गई मेंहन्दी लुटने के लिए जायरिनों में होड मची रही। तेज गर्मी और उमस के बावजूद जायरिनों के तारागढ़ पंहुचने का सिंलसिला दोपहर तक जारी रहा । दरगाह की खुद्दाम पंचायत के सेंकेट्री सैयद अबरार हुसैन ने बताया कि खुद्दाम हजरात की और से हजरत मीरां साहब की मजार पर फुल चादर पेश कर दुआ की गई। इसके बाद कुल की महफिल शुरू हुई बाद महफिल कुल की रस्म अदा की गई। उर्स में आयें जायरिनों को खुद्दाम पंचायत की जानिब से तबर्रूख और लंगर तकसीम किया गया। इस मौंके पर तारागढ स्थित दरगाह को रोशनी से सजाया गया। रातभर महफिलों का दौर चला। इस मौंके पर कलंदरो ने ख़्वाजा साहब की शान में हैरतअंगेज कारनामें पेश किये। दस्तूर के मूताबिक मजार पर से लच्छा लूटने के लिए जायरीनांे का सैंलाब उमड़ा। शिक्षा राज्य मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ ने दरगाह में चादर चढाकर देश में अमन चैन और खुशहाली की कामना की।
तारागढ़ रोड़ पीर गैब की दरगाह का उर्स मनाया
अन्दरकोट से तारागढ़ रोड़ जाने वाले रास्ते के बींच स्थित सैयद गैब पीर यानी मिठे नीम वाले बाबा की दरगाह पर आयोजित किया जा रहा दो दिवसींय उर्स बुधवार को दोपहर कुल की रस्म के साथ समापन हुआ। बुधवार की सुबह कुल की महफिल हुई जिसमें कव्वालों ने सुफियाना कलाम पेश कर दरगाह में रूहानी मंजर पैदा कर दिया। बुधवार की सुबह सैयद शब्बीर अली चिश्ती की और से चादर पेंश की गई जिसमें विभिन्न राज्यों से आये जलाली कंलदरो ने हेरतअंगेज करतब दिखा कर लोगांे को अचंभित कर दिया। सैयद जुल्फीकार बर्री मियां के नेतृत्व में पेश की गई चादर अन्दरकोट से रवाना होकर ढाई दिन के झोंपड़े से कातन बावड़ी, बड़बाव अकबरी मस्जिद होते हुए मीठा नीम पंहुची। जहां महफील आयोजित कर लंगर तकसीम किया गया। उसके बाद हाजी चांद खान, शाहनवाज खान और हाजी मोहम्मद नवाज खान ने सभी की दस्तार बंदी की। चादर पेश करने वालों में पूर्व पार्षद मुख्तार अहमद नवाब, ब्लाॅक अध्यक्ष आरिफ हुसैन, हुमायु खान, इफ्तेखार सिद्दीकी, पंचायत सदर मंसूर खां आदि शामिल थे। इसके बाद उर्स में शरीक होनें आये जायरिनों को दाल रोटी का तबरूख भेंट किया गया, इससे पूर्व ख्वाजा साहब की दरगाह से मखमली चादर ढोल बांजो के साथ गैब पीर की मजार पर पेश की गई।