अजमेर। चिकित्सा एंव स्वास्थ्य विभाग के जॉईंट सेक्रंेट्री डॉ समित शर्मा ने नाराजगी जाहिर करते हुए पत्रकारों को बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा शुरू की गयी मुख्यमंत्री निशुल्क दवा और जांच योजना का पूरा लाभ निचलें स्तर के आम रोगीं को नही मिल पा रहा। इसमें डॉक्टर्स की इच्छाशक्ति की भी कमी हैं जबकि वर्तमान में 470 तरह की दवायें अस्पताल के डीडीसी पर उपलब्ध हैं।
डॉ शर्मा को कॉर्डियोंलॉजी के मरीजांे ने शिकायत की थी कि विभागाध्यक्ष डॉ आर.के गोखरू और डॉ एमजी अग्रवाल हृदय रोगियों को 30 हजार रू की किमत वाला क्रोपोजड़िल आईवी इंजेक्शन लिख रहे हैं जबकि निःशुल्क दवा कांउटर पर इसी का सबस्टीट्यूट मात्र 200 रू किमत का उपलब्ध है।
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ पीके सारस्वत ने डॉ गोखरू को विभाग द्वारा पहले ही लिख में वॉर्निंग लेटर दिया जा चूका हैं। बावजूद इसके वो मरीजों से मंहगी दवाईंया मंगवाते है।
अस्पताल अधिक्षक डॉ अशोक चौधरी बताते हैं कि डॉक्टर के सिवा कोई दूसरा व्यक्ति नही बता सकता कि कौंनसी दवा किस रोग के लिए मानक हैं।
डॉ समित शर्मा ने मेडिकल कॉलेज में चिकित्सको की बैठक लेकर मुख्यमंत्री की मश्ंाा से अवगत कराया और बताया कि फिलहाल जितना इन योजनाआंे से मरीजांे को लाभ मिलना चाहियंे था उतना नही मिल पा रहा। इस दिशा में कडे कदम उठाने की आवश्यकता हैं।