भाव और संवाद से अभिनय प्रभावी बनता है

natya vrindअजमेर/ नाट्यवृंद थियेटर एकेडमी, अजमेर फोरम एवं इण्डोर स्टेडियम के संयुक्त तत्वावधान में 8 से 22 जून तक आयोजित की जा रही 15 दिवसीय ग्रीष्मकालीन ‘यूथ एक्टिंग वर्कशॉप (युवा अभिनय कार्यशाला)‘ का आज 12 जून, 2013 बुधवार को विशेष सत्र हुआ। इस सत्र में सर्वप्रथम निर्देशक उमेश कुमार चौरसिया ने रोजमर्रा के जीवन में आस-पास उपस्थित चरित्रों के अभिनय में प्रवीणता का अभ्यास कराया। इसके तहत संभागी युवाओं ने आकर्षक एकल अभिनय प्रस्तुतियां दीं। तदुपरान्त अतिथि प्रशिक्षकों ने नाट्य अभिनय को प्रभावित करने वाले प्रमुख विषयों पर विशेष प्रशिक्षण दिया। फिल्म लेखक व थियेटर निर्देशक अशोक सक्सेना ने अभिनय को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक बिन्दुओं का प्रशिक्षण देते हुए बताया कि भाव अभिव्यक्ति और कुशल संवाद प्रेषण से अभिनय को प्रभावी बनाया जा सकता है। मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. अनन्त भटनागर ने नुक्कड़ शैली के नाटकों में सामयिक परिस्थितियों पर आधारित प्रखर विषयों का चयन कर सशक्त आलेख तैयार कर लोकप्रिय प्रस्तुति के गुर सिखाये तथा संगीतकार हेमन्त शर्मा ने नाट्यप्रस्तुति को रोचक बनाने में ढोलक, सितार, वायलिन इत्यादि वाद्यों के दृश्यानुरूप प्रयोग का प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया। विशेष सत्र का संचालन कृष्णगोपाल पाराशर ने किया।
-उमेश कुमार चौरसिया
निर्देशक व संयोजक
संपर्क-9829482601

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