आरएएस में राजस्थान के अभ्यर्थियों की राह हुई आसान

वर्ष 2013 की राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा प्रतियोगी परीक्षा में राजस्थान के अभ्यर्थियों की राह हुई आसान
RPSC 450राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा प्रतियोगी परीक्षा, 2013 हेतु राजस्थान सरकार द्वारा संशोधित नियमों के अन्तर्गत आयोग द्वारा नवीन परीक्षा योजना व पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है।
राज्य सरकार द्वारा समय के साथ प्रशासन की चुनौतियों के अनुरूप परीक्षा प्रणाली में बदलाव के लिए 4 सदस्यीय समिति का गठन माननीय सदस्य डा0 पी.के. दशोरा की अध्यक्षता में किया गया, जिसमें प्रमुख षासन सचिव उच्च षिक्षा, जयपुर, प्रमुख शासन सचिव कार्मिक विभाग, जयनारायण व्यास विष्वविद्यालय, जोधपुर के तत्कालीन कुलपति प्रो. नवीन माथुर, कोटा विष्वविद्यालय कोटा के तत्कालीन कुलपति प्रो. बी.एम. शर्मा जो बाद में राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर के अध्यक्ष भी रहे थे, को सदस्य नियुक्त किया गया।
समिति ने सारे देष में राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा ली जा रही परीक्षा पद्धति का अध्ययन कर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, जो समिति की विभिन्न बैठकों में गहन चर्चा एवं विचार के उपरान्त स्वीकृत किया गया। इस परीक्षा पद्धति को तैयार करने में प्रदेष के विभिन्न विष्वविद्यालयों में कार्यषालाएं आयोजित करवाई गई, वहॉ पर भी विद्वद्जनों से विष्वविद्यालयों से प्राप्त सुझावों को भी समिति ने अपनी रिपोर्ट में सम्मिलित किया। तदुपरांत समिति की अनुशंषा के उपरांत आयोग द्वारा इस पर अपनी सम्मति प्रेषित की गई।
कार्मिक विभाग द्वारा समिति की अभिशंषा पर नियम संशोधन का प्रारूप आयोग की सहमति हेतु प्रेषित किया गया, जिस पर आयोग द्वारा सहमति प्रेषित की गई।
कार्मिक विभाग द्वारा राज्य सरकार की अनुषंषा पर उसको इसे वेबसाइट पर डालकर प्रदेष के अभ्यर्थियों तथा विद्वत जनों से सुझाव आमंत्रित किये गये थे।
विभिन्न माध्यमों से प्राप्त सुझावों पर कार्मिक विभाग द्वारा आयोग की टिप्पणी चाही गई जिसमें आयोग द्वारा अपनी तथ्यात्मक टिप्पणी प्रेषित की गई।
तदुपरांत राज्य सरकार द्वारा राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा (संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा द्वारा सीधी भर्ती) नियम 1999 में जुलाई-2012 में संषोधन कर एक अधिसूचना जारी की गई, जिसे 2013 की परीक्षा से लागू करने का निर्णय लिया गया।
राज्य सरकार द्वारा नियम संशोधन के उपरान्त राजस्थान लोक सेवा आयोग ने प्रस्तावित पाठ्यक्रमों की विस्तृत रूपरेखा तैयार करने के क्रम में एक कार्यषाला लोक सेवा आयोग में आयोजित की गई, जिसमें प्रदेष के सभी अकादमियों के अध्यक्ष, सचिवों एवं विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया एवं उनके सुझाव प्राप्त किये गये।
पुनः इस संबंध मंे आयोग द्वारा विभिन्न विषय विशेषज्ञों की कार्यषाला आयोजित कर प्रत्येक विषय के लिए उनके विशेषज्ञों से विस्तृत पाठ्यक्रम प्रारूप निर्मित किया गया।
इस विस्तृत पाठ्यक्रम प्रारूप पर आयोग द्वारा विभिन्न प्रतिष्ठित विशेषज्ञों व लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्षों व सदस्यों के साथ लोक सेवा आयोग में कार्यषाला आयोजित की गई, जिसमें विस्तृत परिचर्चा कर उनके सुझाव प्राप्त किये गये।
सुझावों के अनुरूप पाठ्यक्रम को अन्तिम रूप दिया गया, जिसकी प्रति संलग्न है।

नवीन परीक्षा योजना व पाठ्यक्रम की विशेषताएं:-
नवीन पाठ्यक्रम में समय के साथ प्रशासन के समक्ष आ रही चुनौतियों के परिप्रेक्ष्य में प्रशासन एवं प्रबन्धन की नवीनतम तकनीकों को सम्मिलित किया गया है। साथ ही मानसिक दक्षता की जांच के लिए पहली बार तार्किक परीक्षण और गणितीय योग्यता को सम्मिलित किया गया है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि प्रशासन में आवश्यक नैतिक मूल्यों एवं वस्तुनिष्ठता से संबंधित विषय को प्रमुखता से शामिल किया गया है। विशेषतः मुख्य परीक्षा के द्वितीय एवं तृतीय प्रश्न पत्र मंे इस पर बल दिया गया है।
पाठ्यक्रम में यह ध्यान रखा गया है कि अभ्यर्थी में ज्ञान की विविधता के साथ उसकी व्यापक समझ भी विकसित हो पाए। वह विभिन्न समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता प्रदर्शित कर सके और उनके आलोक में दूरदर्शितापूर्ण निर्णय ले सके। मुख्य परीक्षा के तृतीय प्रश्न पत्र मंे इस पर विशेष बल दिया गया है।
सभी संकायों और विषयों के अभ्यर्थियों को उनके विषयगत ज्ञान का प्रशासन में आवश्यक लाभ मिल सके इस हेतु विभिन्न संकायों और विषयों के प्रशासन के लिये उपयोगी बिन्दुओं को संतुलित रूप में समाहित करने का प्रयत्न किया गया है।
पाठ्यक्रम में यह ध्यान रखा गया है कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होेने वाली सिविल सेवा परीक्षा के साथ अनुरूपता रहे, ताकि राजस्थान के जो अभ्यर्थी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी साथ-साथ कर रहे है, उन्हें राजस्थान प्रषासनिक एवं अधीनस्थ सेवा प्रतियोगी परीक्षा से बाधा उत्पन्न न हो और राज्य से संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में चयनित होने वाले अभ्यर्थियों का अनुपात भी बढ़ सके।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व पुरानी प्रणाली के अनुसार परीक्षा का प्रारूप निम्नानुसार थाः-
(अ) अनिवार्य विषय
अधिकतम अंक समय
सामान्य ज्ञान एवं सामान्य विज्ञान 200 3 घण्टे
राजस्थान का सामान्य ज्ञान, राजस्थानी सोसायटी, कला व संस्कृति 100 3 घण्टे
सामान्य हिन्दी 100 3 घण्टे
सामान्य अंग्रेजी 100 3 घण्टे
कुल योग 500
(ब) ऐच्छिक विषय (कुल 4 प्रश्न पत्र)
दो ऐच्छिक विषयों के चार प्रश्न पत्र – प्रति प्रश्न पत्र पूर्णांक 200
कुल योग 800
कुल योग (अनिवार्य विषय व ऐच्छिक विषय) 1300
(स) साक्षात्कार

इस प्रकार 1300 अंकों की लिखित परीक्षा में राजस्थान के ज्ञान का हिस्सा 8 प्रतिशत से भी कम था। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा (संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा द्वारा सीधी भर्ती) नियम 1999 में सन् 2012 में संषोधन कर जो अधिसूचना जारी की गई है, उसके तहत ऐच्छिक विषयों को हटाकर सभी प्रतियोगियों के लिये सारे प्रष्न पत्र अनिवार्य किये गये हैं। इसका मूल प्रारूप निम्नानुसार है-
प्रारम्भिक परीक्षा
अनिवार्य विषय अधिकतम अंक समय
सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान 200 3 घण्टे
मुख्य परीक्षा
अनिवार्य विषय
सामान्य अध्ययन-। 200 3 घण्टे
सामान्य अध्ययन-।। 200 3 घण्टे
सामान्य अध्ययन-।।। 200 3 घण्टे
सामान्य हिन्दी व सामान्य अंग्रेजी 200 3 घण्टे
साक्षात्कार 100
कुल योग 900
इसमें प्रारम्भिक परीक्षा में केवल 1 प्रश्न पत्र रखा गया है, जो सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान का होगा। इसमें राजस्थान के इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, प्रशासन, राजस्थानी समाज, भाषा कला एवं संस्कृति, साहित्य एवं अन्य राजस्थान से संबंधित जानकारी के कुल प्रष्नों का न्यूनतम 25 प्रतिषत किया है। इस प्रकार इसमें राजस्थान से संबंधित सामान्य ज्ञान हिस्सा पहले की तुलना में 7.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिषत कर दिया गया है।
इसी प्रकार से मुख्य परीक्षा में कुल 4 प्रष्न पत्र होंगे व प्रत्येक प्रष्न पत्र 200 अंकों का होगा। सामान्य अध्ययन के तीन प्रश्न पत्र होंगे और सभी प्रश्न पत्रों मंे राजस्थान का इतिहास, भूगोल, राजस्थान की अर्थव्यवस्था, समसामयिक घटनाएं, सामान्य प्रशासन एवं प्रशासनिक व्यवस्था, राजस्थान में विकास की संभावनाएं सहित राजस्थानी समाज, भाषा, कला एवं संस्कृति, साहित्य एवं राजस्थान से संबंधित अन्य जानकारी का भाग भी न्यूनतम 25 प्रतिशत रहेगा और उससे अधिक भी हो सकता है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्रों मंे लगभग प्रत्येक विषय क्षेत्र में राजस्थान से जुडी समस्याओं और चुनौतियों को विशेष स्थान दिया गया है। यहां तक कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भी राजस्थान की विभिन्न वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकीय परियोजनाओं के साथ राजस्थान के विशेष संदर्भ में कृषि-विज्ञान, उद्यान-विज्ञान, वानिकी, डेयरी एवं पशुपालन को पृथक से सम्मिलित किया गया हैं।
लोक सेवा आयोग का सतत प्रयास रहा है कि प्रस्तावित परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम में राजस्थानी एवं विषेषकर ग्रामीण राजस्थान के युवा अभ्यर्थियों को उनकी क्षमता तथा अर्जित ज्ञान के प्रदर्षन का पूरा अवसर मिले एवं राजस्थान के अभ्यर्थियों में से हिन्दी योग्यताधारी अभ्यर्थियों का इन सेवाओं में चयन हो सके। इस तथ्य को ध्यान मंे रखते हुए प्रश्न पत्र संख्या 4 जिसका शीर्षक सामान्य हिन्दी व सामान्य अंग्रेजी नाम से है, उसमें भी हिन्दी भाषा के अन्तर्गत राजस्थानी साहित्य व बोलियों का भार 20 अंकों का रखा गया है व अंग्रेजी भाषा का भार केवल 80 अंकों का है। ऐसा पहली बार हुआ है कि भाषा के प्रश्न पत्र के भीतर राजस्थानी साहित्य व बोलियों को सम्मिलित किया गया है।

डॉ. के. के. पाठक
डॉ. के. के. पाठक

इस प्रकार नवीन परीक्षा पद्धति पाठ्यक्रम का लाभ राजस्थान के अभ्यर्थियों, विषेषकर ग्रामीण परिवेष के अभ्यर्थियों के लिये अधिक उपयुक्त है एवं लाभदायी है जो कि राजस्थान के अंचलों में निवास करते हैं तथा यहॉ की कृषि, भाषा, संस्कृति, सम्पूर्ण विकास योजनाओं सभी से जुड़े रहते हैं तथा इनके बारे में उनको जानकारी सहज उपलब्ध रहती है। राज्य सरकार द्वारा राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम 2012 जो कि वर्ष 2013 की परीक्षाओं से क्रियान्वित होंगे, से यह विष्वास है कि इनके लागू होने से राजस्थान के विद्यार्थियों को इन सेवाओं में अवसर प्राप्त करने की सम्भावनायें पूर्व की तुलना में काफी अधिक रहंेगी क्योंकि राजस्थान से संबंधित प्रश्नों का ही अनुपात अब पूर्व की तुलना में कुल लगभग तीन गुना से अधिक बढ़ गया है।
आयोग द्वारा उक्त परीक्षा के लिए विज्ञप्ति दिनांक 18-06़-2013 को जारी की जाएगी।

राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएँ संयुक्त प्रतियोगी (प्रारम्भिक) परीक्षा, 2013 के लिए
परीक्षा की स्कीमः-
प्रारम्भिक परीक्षा में नीचे विनिर्दिष्ट विषय पर एक प्रष्नपत्र होगा, जो वस्तुनिष्ठ प्रकार का होगा और अधिकतम 200 अंको का होगा।
परीक्षा का उद्देष्य केवल स्क्रीनिंग परीक्षण करना है। प्रष्नपत्र का स्तरमान स्नातक डिग्री स्तर का होगा। ऐसे अभ्यर्थियों द्वारा, जो मुख्य परीक्षा में प्रवेष के लिए अर्हित घोषित किये गये हो, प्रारम्भिक परीक्षा में प्राप्त अंको को उनका अंतिम योग्यता क्रम अवधारित करने के लिए संगणित नहीं किया जायेगा।
प्रश्नपत्र विषय अधिकतम अंक समय
। सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान 200 तीन घण्टे

नोटः-
1. प्रश्न पत्र मंे बहुविकल्पीय प्रकार के 150 प्रश्न होंगे व सभी प्रश्न समान अंक के होंगे।
2. मूल्यांकन में ऋणात्मक अंकन किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1ध्3 अंक काटे
जाएंगे।
निर्धारित नवीन पाठ्यक्रम

राजस्थान का इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य, परम्परा एवं विरासत
 राजस्थान के इतिहास की महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं
 प्रमुख राजवंश,तत्कालीन प्रशासनिक, सामाजिक एवं आर्थिक व्यवस्था। सामाजिक-सांस्कृतिक मुद्दे,
 राजस्थान में स्वतंत्रता आन्दोलन, जनजागरण व राजनीतिक एकीकरण
 स्थापत्य कला की प्रमुख विशेषताएँ- किले एवं स्मारक
 कलाएँ, चित्रकलाएँ और हस्तशिल्प
 राजस्थानी साहित्य की महत्त्वपूर्ण कृतियाँ।क्षेत्रीय बोलियाँ
 मेले, त्यौहार, लोक संगीत एवं लोक नृत्य
 राजस्थानी संस्कृति, परम्परा एवं विरासत
 राजस्थान के धार्मिक आन्दोलन, संत एवं लोक देवता
 महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल
 राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व
भारत का इतिहास
प्राचीनकाल एवं मध्यकाल:-
 प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत के इतिहास की प्रमुख विशेषताएँएवंमहत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं
 कला, संस्कृति, साहित्य एवं स्थापत्य
 प्रमुख राजवंश, उनकी प्रशासनिक व्यवस्था। सामाजिक- आर्थिकपरिस्थितियां, प्रमुख आन्दोलन
आधुनिक काल:-
 आधुनिक भारत का इतिहास(18वीं शताब्दी के मध्य से वर्तमान तक)- प्रमुख घटनाएँ, व्यक्तित्व एवं मुद्दे
 स्वतंत्रता संघर्ष एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन- विभिन्न अवस्थाएँ, इनमें देश के विभिन्न क्षेत्रों के योगदानकर्ता एवं उनका योगदान
 19वीं एवं 20वीं शताब्दी में सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आन्दोलन
 स्वातंत्र्योत्तर काल में राष्ट्रीय एकीकरण एवं पुनर्गठन
विष्व एवं भारतका भूगोल
विश्व का भूगोल:-
 प्रमुख भौतिक विशेषताएँ
 पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकीय मुद्दे
 वन्य जीव-जन्तु एवं जैव-विविधता
 अन्तर्राष्ट्रीय जलमार्ग
 प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र
भारत का भूगोलः-
 प्रमुख भौतिक विशेषताएं और मुख्य भू-भौतिक विभाजन
 कृषि एवं कृषि आधारित गतिविधियाँ
 खनिज-लोहा, मैंगनीज, कोयला, खनिज तेल और गैस, आणविक खनिज
 प्रमुख उद्योग एवं औद्योगिक विकास
 परिवहन – मुख्य परिवहन मार्ग
 प्राकृतिक संसाधन
 पर्यावरणीय समस्याएँ तथा पारिस्थितिकीय मुद्दे

राजस्थान का भूगोल
 प्रमुख भौतिक विशेषताएं और मुख्य भू-भौतिक विभाग
 राजस्थान के प्राकृतिक संसाधन
 जलवायु, प्राकृतिक वनस्पति, वन, वन्य जीव-जन्तु एवं जैव-विविधता
 प्रमुख सिंचाई परियोजनाएँ
 खान एवं खनिज सम्पदाएँ
 जनसंख्या
 प्रमुख उद्योग एवं औैद्योगिक विकास की सम्भावनाएँ
भारतीय संविधान, राजनीतिक व्यवस्था एवं शासन प्रणाली
संवैधानिक विकास एवं भारतीय संविधानः-
भारतीय शासन अधिनियम- 1919 एवं 1935, संविधान सभा, भारतीय संविधान की प्रकृति,प्रस्तावना(उद्देश्यिका), मौलिक अधिकार, राज्य के नीति निर्देषक सिद्धांत, मौलिक कर्तव्य, संघीय ढांचा, संवैधानिक संशोधन, आपातकालीन प्रावधान,जनहित याचिका और न्यायिक पुनरावलोकन।
भारतीय राजनीतिक व्यवस्था एवं शासनः-
 भारत राज्य की प्रकृति, भारत में लोकतंत्र, राज्यों का पुनर्गठन, गठबंधन सरकारें, राजनीतिक दल, राष्ट्रीय एकीकरण
 संघीय एवं राज्य कार्यपालिका, संघीय एवं राज्य विधान मण्डल, न्यायपालिका
 राष्ट्रपति, संसद, सर्वोच्च न्यायालय, निर्वाचन आयोग, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, योजना आयोग, राष्ट्रीय विकास परिषद, मुख्य सर्तकता आयुक्त, मुख्य सूचना आयुक्त, लोकपाल एवं राष्टीªय मानवाधिकार आयोग
 स्थानीय स्वायत्त शासन एवं पंचायती राज
लोक नीति एवं अधिकार:-
 लोक कल्याणकारी राज्य के रूप में राष्ट्रीय लोकनीति
 विभिन्न विधिक अधिकार एवं नागरिक अधिकार-पत्र
राजस्थान की राजनीतिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था
 राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राज्य विधानसभा, उच्च न्यायालय, राजस्थान लोक सेवा आयोग, जिला प्रषासन, राज्य मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त, राज्य निर्वाचन आयोग, राज्य सूचना आयोग
 लोक नीति, विधिक अधिकार एवं नागरिक अधिकार-पत्र
अर्थशास्त्रीय अवधारणाएँ एवं भारतीय अर्थव्यवस्था
अर्थशास्त्र के मूलभूत सिद्धान्त:-
 बजट निर्माण, बैंकिंग, लोक-वित्त, राष्ट्रीय आय, संवृद्धि एवं विकास का आधारभूत ज्ञान
 लेखांकन- अवधारणा, उपकरण एवं प्रशासन मेंउपयोग
 स्टॉक एक्सचेंज एवं शेयर बाजार
 राजकोषीय एवं मौद्रिक नीतियाँ
 सब्सिडी, लोक वितरण प्रणाली
 इ-कॉमर्स
 मुद्रास्फीति- अवधारणा, प्रभाव एवं नियंत्रण तंत्रर्
आिर्थक विकास एवं आयोजन:-
 पंचवर्षीय योजना -लक्ष्य, रणनीति एवं उपलब्धियाँ
 अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र:- कृषि, उद्योग, सेवा एवं व्यापार, वर्तमान स्थिति, मुद्दे एवं पहल
 प्रमुख आर्थिक समस्याएं एवं सरकार की पहल, आर्थिक सुधार एवं उदारीकरण

मानव संसाधन एवं आर्थिक विकास:-
 मानव विकास सूचकांक
 गरीबी एवं बेरोजगारी-अवधारणा, प्रकार, कारण, निदानएवं वर्तमान फ्लेगशिप योजनाएं
 सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता-कमजोर वर्गों के लिए प्रावधान
राजस्थान की अर्थव्यवस्था
 अर्थव्यवस्था का वृहत् परिदृश्य
 कृषि, उद्योग व सेवा क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे
 संवृद्धि, विकास एवं आयोजना
 आधारभूत-संरचना एवं संसाधन
 प्रमुख विकास परियोजनायें
 कार्यक्रम एवं योजनाएँ-अनुसूचित जति., अनुसूचित जनजाति, पिछडा वर्ग,अल्पसंख्यकों, निःशक्तजनों, निराश्रितों, महिलाओं, बच्चों, वृद्धजनों, कृषकों एवं श्रमिकों के लिए राजकीय कल्याणकारी योजनाएँ
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
 विज्ञान के सामान्य आधारभूत तत्व
 इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्प्यूटर्स, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी
 उपग्रह एवंअंतरिक्ष प्रौद्योगिकी
 रक्षा प्रौद्योगिकी
 नैनो-प्रौद्योगिकी
 मानव शरीर, आहार एवं पोषण, स्वास्थ्य देखभाल
 पर्यावरणीय एवं पारिस्थिकीय परिवर्तन एवं इनके प्रभाव
 जैव-विविधता, जैव-प्रौद्योगिकी एवं अनुवांशिकीय-अभियांत्रिकी
 राजस्थान के विशेष संदर्भ में कृषि-विज्ञान, उद्यान-विज्ञान, वानिकी एवं पशुपालन
 राजस्थान में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास
तार्किक विवेचन एवं मानसिक योग्यता
तार्किक दक्षता (निगमनात्मक, आगमनात्मक, अपवर्तनात्मक)ः-
 कथन एवं मान्यतायें, कथन एवं तर्क, कथन एवं निष्कर्ष, कथन-कार्यवाही
 विश्लेषणात्मक तर्कक्षमता
मानसिक योग्यता:-
 संख्या श्रेणी, अक्षर श्रेणी, बेमेल छांटना, कूटवाचन (कोडिंग-डीकोडिंग), संबंधों, आकृतियों एवं उनके उपविभाजन से जुडी समस्याएँ
आधारभूत संख्यात्मकदक्षताः-
 गणितीय एवं सांख्यकीय विश्लेषण का प्रारम्भिक ज्ञान
 संख्या से जुडी समस्याएँ व परिमाण का क्रम, अनुपात तथा समानुपात, प्रतिषत, साधारण एवं चक्रवृद्धि ब्याज,आंकडों का विश्लेषण (सारणी, दण्ड-आरेख, रेखाचित्र, पाई-चार्ट)
समसामयिक घटनाएं
 राजस्थान राज्यस्तरीय, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की प्रमुख समसामयिक घटनाएं एवं मुद्दे
 वर्तमान में चर्चित व्यक्ति एवं स्थान
 खेल एवं खेलकूद संबंधी गतिविधियां
राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएँ संयुक्त प्रतियोगी (मुख्य परीक्षा)परीक्षा, 2013 नवीन परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम

परीक्षा योजना:-
(क) मुख्य परीक्षा में प्रविष्ट किये जाने वाले अभ्यर्थियों की संख्या, विभिन्न सेवाओं और पदों की उस वर्ष में भरी जाने वाली रिक्तियों (प्रवर्गवार) की कुल अनुमानित संख्या का 15 गुणा होगी, किन्तु उक्त रेंज में उन समस्त अभ्यर्थियों को, जिन्होंने अंकों का वही प्रतिषत प्राप्त किया है, जैसा आयोग द्वारा किसी निम्नतर रेंज के लिए नियत किया जाये, मुख्य परीक्षा में प्रवेष दिया जायेगा।
(ख) लिखित परीक्षा में निम्नलिखित चार प्रष्नपत्र होंगे जो वर्णनात्मक/विष्लेषणात्मक होंगे। अभ्यर्थी को नीचे सूचीबद्ध समस्त प्रष्नपत्र देने होंगे जिनमें संक्षिप्त, मध्यम, दीर्घ उत्तर वाले और वर्णनात्मक प्रकार के प्रष्नों वाले प्रष्नपत्र भी होंगे। सामान्य हिन्दी और सामान्य अंग्रेजी का स्तरमान सीनियर सैकेण्डरी स्तर का होगा। प्रत्येक प्रष्नपत्र के लिए अनुज्ञात समय 3 घण्टे होगा।

प्रश्न पत्र प्रश्न पत्र विषय अधिकतम अंक अवधि
सामान्य अध्ययन – । 200 3 घंटे
सामान्य अध्ययन- ।। 200 3 घंटे
सामान्य अध्ययन- ।।। 200 3 घंटे
सामान्य हिन्दी एवं सामान्य अंग्रेजी 200 3 घंटे
प्रश्न पत्र – प्रथम
समान्य ज्ञान एवं सामान्य अध्ययन
राजस्थान का इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य, परम्परा एवं विरासत
 राजस्थान के इतिहास कीमहत्त्वपूर्णऐतिहासिक घटनाएं
 प्रमुख राजवंश,तत्कालीन प्रशासनिक, सामाजिक एवं आर्थिक व्यवस्था। सामाजिक-सांस्कृतिक मुद्दे,
 राजस्थान में स्वतंत्रता आन्दोलन, जनजागरण व राजनीतिक एकीकरण
 स्थापत्य कला की प्रमुख विशेषताएँ- किले एवं स्मारक
 कलाएँ, चित्रकलाएँ और हस्तशिल्प
 राजस्थानी साहित्य की महत्त्वपूर्ण कृतियाँ।क्षेत्रीय बोलियाँ
 मेले, त्यौहार, लोक संगीत एवं लोक नृत्य
 राजस्थानी संस्कृति, परम्परा एवं विरासत
 राजस्थान के धार्मिक आन्दोलन, संत एवं लोक देवता
 महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल
 राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व
भारत का इतिहास
प्राचीनकाल एवं मध्यकाल:
 प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत के इतिहास की प्रमुख विशेषताएँएवंमहत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाए
 कला, संस्कृति, साहित्य एवं स्थापत्य
 प्रमुख राजवंश, उनकी प्रशासनिक व्यवस्था। सामाजिक- आर्थिक परिस्थितियां, प्रमुख आन्दोलन
 प्राचीन भारतीय सांस्कृतिक व्यवस्था एवं आदर्श- वर्ण व्यवस्था, आश्रम व्यवस्था, संस्कार व्यवस्था, पुरुषार्थ का सिद्धान्त, ऋण सिद्धान्त एवं ऋत की अवधारणा
 धर्म/पंथ निरपेक्षता, धार्मिक सहिष्णुता एवं धार्मिकएकता
आधुनिक काल:
 आधुनिक भारत का इतिहास – लगभग 18वीं शताब्दी मध्य से वर्तमान तक – प्रमुख घटनाएँ, व्यक्तित्व एवं मुद्दे
 स्वतंत्रता संघर्ष एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन – विभिन्न चरण व देश के विभिन्न भागों केप्रमुख योगदानकर्ता/योगदान
 19वीं एवं 20वीं शताब्दी में सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आन्दोलन
 स्वातंत्र्योत्तर काल में राष्ट्रीय एकीकरण एवं पुनर्गठन
आधुनिक विश्व का इतिहास
 पुनर्जागरण एवं सुधार
 अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम
 औद्योगिक क्रान्ति, फ्रांसीसी क्रान्ति एवं रूसी क्रान्ति
 एशिया एवं अफ्रीका में साम्राज्यवाद एवं उपनिवेशवाद
 प्रथम एवं द्वितीय विश्व-युद्ध

भारतीय संविधान, राजनीतिक व्यवस्था एवं शासन
 भारत का संविधान: ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान एवं मूलभूत ढ़ाँचा
 भारतीय राजनीति के निर्धारक तत्व एवं प्रकृति, निर्वाचन एवं मतदान व्यवहार, गठबंधन सरकारें
 संसदीय शासन व्यवस्था.
 संघीय गतिशीलता
 न्यायिक पुनरावलोकन
 राष्ट्रीय एकीकरण की चुनौतियाँ
राजस्थान की प्रशासनिक व्यवस्था
 राजस्थान का प्रशासनिक ढाँचा और प्रशासनिक संस्कृति
 विभिन्न अधिकार एवं नागरिक अधिकार पत्र
अर्थशास्त्रीय अवधारणाएं व भारतीय अर्थव्यवस्था
 लेखांकनः-वित्तीय विवरणों के विश्लेषण की विधियाँ, कार्यशील पूँजी का प्रबन्धन
 अंकेक्षण – आशय, उदेश्य, कपट एवं त्रुटियों की पड़ताल, आंतरिक नियंत्रण, सामाजिक अंकेक्षण, प्रोप्राइटीअंकेक्षण, कार्य निष्पादन अंकेक्षण, दक्षता अंकेक्षण
 आय-व्ययक -बजटिंग के प्रकार, बजट पर नियंत्रण, उत्तरदायी लेखांकन, सामाजिक लेखांकन, घाटे के विभिन्न प्रकार- बजटीय, राजकोषीय एवं राजस्व घाटा
 अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र – कृषि, उद्योग, सेवा एवं व्यापार – वर्तमान स्थिति, मुद्दे एवं पहल
 बैंकिंग – वाणिज्यिक बैंकों के कार्य, गैर निष्पादित परिसम्पत्तियों का मुद्दा, वित्तीय समावेशन
 प्रमुख आर्थिक समस्याएँ एवं संबद्ध राजकीय पहल
 वृद्धि, विकास एवं आयोजन – मुद्दे, प्रवृत्तियाँ एवं पहल: तीव्र, समावेशी एवं सम्पोषणीय संवृद्धि, संवृद्धि के संकेतक
 लोक वित्त, मौद्रिक नीतियाँ, मुद्रा स्फीति एवं नियंत्रण तंत्र, रेपो दर, रिवर्स रेपो दर, नकद आरक्षित अनुपात (ब्त्त्) व सांविधिक तरलता अनुपात (ैस्त्) भारत में कर सुधार, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर सुधार, सब्सिडी -सब्सिडी के नकद हस्तान्तरण का मुद्दा
 मुद्रा पूर्ति की अवधारणा एवं उच्च शक्ति मुद्रा
 खाद्य सुरक्षा एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली (च्क्ै)
 विदेशी पूँजी की भूमिका – भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुराष्ट्रीय कंपनियां
 निवेश एवं विनिवेश नीतियाँ
 भारतीय आर्थिक सुधारों की नवीन धाराएं
 रिजर्व बैंक, सेबी एवं योजना आयोग की भूमिका एवं कार्य
राजस्थान की अर्थव्यवस्था
 राजस्थान की अर्थव्यवस्था का वृहद् परिदृश्य
 कृषि, औद्योगिक एवं सेवा क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे
 राजस्थान के विशेष संदर्भ में संवृद्वि, विकास एवं आयोजना
 आधारभूत संरचना एवं संसाधन, राजस्थान की अर्थव्यवस्था की उच्च संवृद्धि दर के स्रोत
 राजस्थान की मुख्य विकासात्मक परियोजनाएँ
 राज्य के रूपान्तरण में लोक एवं निजी सहभागिता का प्रतिदर्श
 राज्य का जनांकिकीय परिदृश्य और प्रभाव

विश्व एवं भारत का भूगोल
विश्व का भूगोल:
 प्रमुख भौतिक विशेषताएँ
 पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकीय मुद्दे
 वर्तमान भू-राजनीतिक संघर्ष क्षेत्र
भारत का भूगोल
 प्रमुखभौतिक विशेषताएँ एवं भू-भौतिकीय विभाजन
 पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकीय मुद्दे
 प्राकृतिक संसाधन
राजस्थान का भूगोल
 मुख्य भौगोलिक क्षेत्र
 प्राकृतिक वनस्पति
 पषु सम्पदा, वन्य-जीव एवं इनका संरक्षण
 कृषि-जलवायु क्षेत्र
 धात्विक तथा अधात्विक खनिज
 ऊर्जा के संसाधन-परम्परागत एवं गैर-परम्परागत
 जनसंख्या एवं जनजातियाँ

प्रश्न पत्र – द्वितीय
समान्य ज्ञान एवं सामान्य अध्ययन
तार्किक विवेचन एवं मानसिक योग्यता
तार्किक दक्षता (निगमनात्मक, आगमनात्मक, अपवर्तनात्मक)ः-
 कथन एवं मान्यताएं, कथन एवं तर्क, कथन एवं निष्कर्ष, कथन-कार्यवाही
 विश्लेषणात्मक तर्कक्षमता
मानसिक योग्यता:-
 संख्या श्रेणी, अक्षर श्रेणी, बेमेल छांटना, कूटवाचन (कोडिंग-डीकोडिंग), संबंधों, आकृतियों एवं उनके उपविभाजन से जुडी समस्याएँ, वेन आरेख
आधारभूत संख्यात्मकदक्षता(गणितीय एवं सांख्यकीय विश्लेषण का प्रारम्भिक ज्ञान):-
 संख्या पद्धति, संख्या से जुडी समस्याएँ व परिमाण कीकोटि, अनुपात तथा समानुपात, मिश्र अनुपात,प्रतिषत, औसत,महत्तम समापवर्तक (म.स.प.), लघुत्तम समापवर्तक (ल.स.प.),वर्गमूल, घनमूल, समय तथा कार्य, समय, चाल एवं दूरी, साधारण एवं चक्रवृद्धि ब्याज, समतलीय ज्यामितीय आकृतियों का क्षेत्रफल और परिमाप
 आंकडों का विष्लेषण (सारणी, दण्ड-आरेख, रेखाचित्र, पाई-चार्ट) एवं वर्गीकृत आंकडों की व्याख्या, सैम्पलिंग, प्रायिकता, सरल रेखीय प्रतिगमन तथा सहसंबंध, आधारी बंटन (द्विपद, प्वायसनतथा प्रसामान्य).
सामान्य विज्ञान व प्रौद्योगिकी
ऽ सामान्य एवं दैनिक विज्ञानः –
ऽ भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान तथा जीव-विज्ञान के आधारभूत तत्व।
ऽ कम्प्यूटर की प्रारम्भिक जानकारी एवं सूचना प्रौद्योगिकी का प्रशासन में उपयोग, ई-षासन, ई-कॉमर्स.
ऽ आहार एवं पोषण, स्वास्थ्य देखभाल
ऽ पर्यावरण से संबंधित सामान्य मुद्दे, पारिस्थितिकीय परिरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, वन्य-जीव एवं जैव-विविधता
ऽ भारत के विषेष संदर्भ में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास में वैज्ञानिकों का योगदान
ऽ भारत के विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का महत्व
ऽ महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकीयअवधारणायें तथा प्रगति:-
ऽ सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी
ऽ अन्तरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं रोबोटिक्स
ऽ विधि-विज्ञान प्रौद्योगिकी
ऽ आहार एवं पोषण प्रौद्योगिकी
ऽ नैनो प्रौद्योगिकी
ऽ जैव प्रौद्योगिकी
ऽ रक्षा प्रौद्योगिकी
ऽ अन्य आधुनिक प्रौद्योगिकियाँ व खोज
ऽ बौद्धिक सम्पदा अधिकार से संबद्धप्रौद्योगिकीय मुद्दे
ऽ राजस्थान के विशेष संदर्भ में कृषि-विज्ञान, उद्यान-विज्ञान, वानिकी, डेयरी एवं पशुपालन
ऽ राजस्थान की विभिन्न वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकीय परियोजनाएं

प्रश्न पत्र तृतीय
समान्य ज्ञान एवं सामान्य अध्ययन
समसामयिक घटनाएं
ऽ राजस्थान राज्यस्तरीय, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की प्रमुख समसामयिक घटनाएं एवं मुद्दे
ऽ वर्तमान में चर्चित व्यक्ति एवं स्थान
ऽ खेल एवं खेलकूद संबंधी गतिविधियां
वैश्विकपरिदृश्य एवं भारत
ऽ वैश्विकपरिदृश्य में भारत
ऽ भारतीय समाज व अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले वर्तमान वैश्विक परिवर्तन
ऽ उत्तर षीतयुद्ध कालीन उभरती विष्व व्यवस्थाएॅं, संयुक्त राष्ट्रसंघ व अन्य वैश्विक संगठनों की भूमिका और उनके प्रभाव
ऽ विकासशील, उदीयमान एवं विकसित देशों की तुलनात्मक स्थिति,विकासषील देषों की समस्याएं
ऽ युद्ध एवं संघातक हथियारों का भय,नाभिकीय शक्ति के खतरे
ऽ वैष्विक आर्थिक मुद्दे एवं प्रवृत्तियाँः-
ऽ आर्थिक असंतुलन के मुद्दे
ऽ विश्व बैंक, अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व व्यापार संगठन व अन्य महत्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों की वैश्विक अर्थव्यवस्था में भूमिका
ऽ वैष्वीकरण, निजीकरण एवं उदारीकरण के प्रभाव
ऽ अन्तर्राष्ट्रीय संबंधव कूटनीतिः-
ऽ अन्तर्राष्ट्रीय संबंध एवं भारतीय विदेश नीति
ऽ अन्तर्राष्ट्रीय सन्धियाँ एवं सम्मेलन
ऽ पड़ोसी देषों का भू-राजनीतिक एवं सामरिक विकास और इसका भारत पर प्रभाव
वर्तमान संवेदनशील मुद्दे
ऽ राष्ट्रीय एकता व सुरक्षा सम्बन्धी मुद्दे:-भारतीय राज्यों में पारस्परिकएवं आन्तरिक सामाजिक राजनैतिक द्वन्द्व के संभाव्य क्षेत्र, परम्परागत, समकालीन एवं आसन्न संकट, आन्तरिक एवं बाह्य संकट, संघर्ष केसंकट, नक्सल समस्या, आतंकवाद, सीमा पार से घुसपैठ और अलगाववाद के मुद्दे,सांप्रदायिकता, संगठित अपराध, साइबर (संतांत्रिक)मुद्दे, मादक द्रव्यों की तस्करी एवं ऐसे अन्य मुद्दे
ऽ शासकीय मुद्देः-संवृद्धि एवं समावेषी विकास, वर्तमान सामाजिक चुनौतियाँ, भारत एवं राजस्थान में युवाओं, महिलाओं, बच्चों, वृद्धजन, अल्पसंख्यकों, कमजोर वर्ग, जनजातीय वर्गों, किसानों, श्रमिकों तथा व्यवसायियों से जुड़े मुद्दे, लैंगिक समानता, महिला सषक्तीकरण, मानवाधिकार, सामाजिक न्याय, भूमि अधिग्रहण,शहरीकरण के सम्बंध में चुनौतियाँ, जनांकिकीय असंतुलन, क्षेत्रीय असंतुलन व सामाजिक संघर्ष
ऽ दबाव समूह व संगठनात्मक विकास-स्वयंसेवी संगठनों, सिविल सोसाइटी, क्रियाषील समूह, स्वयं सहायता समूह, उत्पादक-संघ, उपभोक्ता मंच व सहकारी समूहों की भूमिका
राजस्थान के विकास की संभावनाएं,संसाधनएवंयोजनाएँ
ऽ राजस्थान के विशेष संदर्भ में विकास से संबधित महत्वपूर्ण मुद्दे
ऽ राजस्थान की आधारभूत संरचना एवं संसाधन- वर्तमान स्थिति, मुद्दे और पहल
ऽ राजस्थान के विभिन्न राष्ट्रीय मिषन, परियोजनाएँ एवं योजनाएँ-उद्देष्य एवं प्रभाव
सामान्य एवं प्रषासनिक प्रबन्धन
ऽ प्रबन्धन,प्रशासन व लोक प्रबन्धन:-अर्थ, प्रकृति और महत्व, प्रबन्धन एवं कार्य-नेतृत्व के सिद्धान्त, प्रबन्धन के कार्य-आयोजना, संगठन, स्टाफिंग, समन्वय, निर्देषन, अभिप्रेरणा, सम्प्रेषण एवं नियंत्रण
ऽ शक्ति एवं सत्ता की अवधारणा, उत्तरदायित्व एवं प्रत्यायोजन
ऽ कारपोरेट शासन और कारपोरेट सामाजिक दायित्व
ऽ लोक प्रबन्धन के नये आयाम
ऽ परिवर्तन का प्रबन्धन
प्रशासनिक नीति शास्त्र
ऽ नीति शास्त्र एवं मानवीय अन्तर्सम्बन्ध- मानवीय क्रियाओं में नीति शास्त्र की अवधारणा, उसके निर्धारक और परिणाम, नीति शास्त्र के आयाम, निजी व सार्वजनिक संबंधों में नीति शास्त्र की भूमिका
ऽ सिविल सेवाओं की दक्षता एवं उनके आधारभूत मूल्य – ईमानदारी, तटस्थता एवं हिस्सेदारी, वस्तुनिष्ठता, लोक सेवा के प्रति समर्पण, समानुभूति, अशक्त वर्ग के प्रति सहिष्णुता और सहानुभूति
ऽ भावनात्मक बुद्धिलब्धि – अवधारणाएँ एवं प्रशासन तथा शासन में उनकी उपयोगिता एवं अनुप्रयोग
ऽ शासन तथा लोकप्रशासन में नैतिक मूल्यों का सशक्तीकरण
च्ंचमतदृप्ट
ज्ञदवूसमकहम व िस्ंदहनंहम;भ्पदकप ंदक म्दहसपेीद्ध
चतुर्थ प्रष्नपत्र-भाषागत ज्ञान (हिन्दी एवं अंग्रेजी)
सामान्य हिन्दी(राजस्थानी सहितद्ध
कुल अंक: 120
हिन्दी
अंक – 100
इस प्रष्न पत्र का उद्देष्य अभ्यर्थी की भाषा-विषयक क्षमता तथा उसके विचारों की सही, स्पष्ट एवं प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति की परख करना है।
भाग ‘‘अ’’
अंक – 30
ऽ स्ंाधि एवं संधिविच्छेद – दिए हुए शब्दों में संधि करना और संधि-विच्छेद करना।
ऽ उपसर्ग – उपसर्गों का सामान्य ज्ञान और उनके संयोग से शब्दों की संरचना और शब्दों में विद्यमान उपसर्गों को पृथक् करना।
ऽ प्रत्यय – प्रत्ययों का सामान्य ज्ञान और उनके संयोग से शब्दों की संरचना और शब्दों में विद्यमान प्रत्ययों को पृथक् करना।
ऽ शब्द-युग्मों का अर्थभेद
ऽ एक वाक्यांष के लिए एक सार्थक शब्द
ऽ वाक्य-शुद्धि – विभिन्न व्याकरणिक अषुद्धियों वाले वाक्य को शुद्ध करना।
ऽ मुहावरे व अनुप्रयोग
ऽ पारिभाषिक-शब्दावली – प्रषासन से सम्बन्धित अंग्रेजी शब्दों के समानार्थक हिन्दी शब्द।
भाग ‘‘ब’’
अंक – 30
ऽ संक्षिप्तीकरण – गद्यावतरण का उचित शीर्षक एवं एक-तिहाई शब्दों में संक्षिप्तीकरण
(गद्यावतरण की शब्द – सीमा 150 शब्द एवं संक्षिप्तीकरण लगभग 50 शब्दों में होना चाहिए)
ऽ वृद्धीकरण – किसी सूक्ति, प्रसिद्ध कथन आदि का भाव विस्तार। (षब्द-सीमा 150 शब्द)
ऽ पत्र-लेखन एवं प्रारूप – कार्यालयी पत्र, निविदा, परिपत्र और अधिसूचना।
भाग ‘‘स’’
अंक – 40
किसी समसामयिक एवं अन्य विषय पर निबंध-लेखन(षब्द – सीमा 500 शब्द)
नोट – पाँच विकल्पों में से किसी एक विषय पर निबंध लेखन।

राजस्थानी साहित्य एवं बोलियाँ
कुल अंक – 20
खण्ड-क (कुल अंक – 10)
ऽ राजस्थानी साहित्य का उद्भव एवं विकास
ऽ राजस्थान की विविध बोलियाँ एवं प्रचलन क्षेत्र
ऽ राजस्थानी कहावतों/मुहावरों का हिन्दी अर्थ
ऽ राजस्थानी शब्दों के हिन्दी समानार्थक शब्द
ऽ राजस्थानी पद्य का हिन्दी अनुवाद
खण्ड -ख (कुल अंक- 10)
इस भाग में राजस्थानी साहित्य के प्रमुख रचनाकारों एवं उनकी रचनाओं से संबंधित एवं लोक साहित्य की विधाओं से संबंधित परिचयात्मक प्रष्न पूछे जाएंगे।
1. एक सामान्य परिचयात्मक प्रष्न राजस्थानी काव्य/लोकगीतों से संबंधित होगा।
2. एक सामान्य परिचयात्मक प्रष्न राजस्थानी गद्य की विविध विधाओं/लोक-कथा/ लोक-गाथा से संबंधित होगा।

अंग्रेजी (English)

कुल अंक – 80
भाग-अ (Part-A)30
GRAMMAR

• Articles
• Preposition
• Change of Voice
• Change of Narration
• Determiners
• Tenses
• Modals
• Synonyms & Antonyms
• Phrasal Verbs & Idioms
• One word substitute
भाग-ब (Part-B)20 MARKS
COMPREHENSION AND TRANSLATION
• Translation of five sentences (Hindi to English)
• Comprehension of unseen passage (250 words approx.) followed by 5 questions.
Note : Question No. 5 should preferably be on vocabulary

भाग-स (Part-C)30 MARKS
COMPOSITION
• Paragraph Writing (200 Words approx.)
(Any one out of 3 topics)
• Letter Writing / Report Writing: (150 Words approx.)
OR
Precis writing

-डॉ0 के. के. पाठक
सचिव

1 thought on “आरएएस में राजस्थान के अभ्यर्थियों की राह हुई आसान”

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