अजमेर। सूफी संत हज़रत ख़्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्ला अलेह के बडे़ साहबजादे सूफी संत हज़रत फखरूद्दीन चिश्ती रहमतुल्ला अलेह की सरवाड स्थित दरगाह में चल रहा उर्स छोटे कुल की रस्म के साथ संपन्न हो गया। दरगाह में छोटे कुल की महफिल के दौंरान अजमेर के शाही चौके के कव्वाल असरार हुसैन और मेाहम्मद अज़ीम एंड पार्टी के द्वारा रंग पढ़ा गया। साथ ही सूफियाना कलाम पेश किये गये। आखिर में खुद्दामे ख़्वाजा ने फातिहाख्वानी पढ़कर अमन चैन की दुआयें की। दरगाह परिसर में छोटे कुल की रस्म के वक्त गुलाबजल के छींटे लगाकर रस्म अदा की गयी और ढोल नगाडे़ और शादीयाने बजाये गये। रविवार सुबह से ही जायरीनांे के आने का सिलसिला शुरू हुआ जो शाम तक जारी रहा। जायरीनांे ने ख़्वाजा फखरूद्दीन की मज़ार पर मखमली चादर और अकीदत के फूल पेश कर मुल्क में अमन, चैन और भाईचारे की दुआ मांगी।
जायरीनों ने मेला क्षेत्र में लगी दुकानो पर खरीददारी की। वही कुछ व्यापारियांे ने बताया कि इस बार उर्स में जायरीनांे की कम आवक के चलते व्यापार फीका रहा।
वहीं उर्स में शिक्षा राज्यमंत्री नसीम अख्तर, इंसाफ अली, जुल्फीकार चिश्ती ने फूल चादर पेश कर अपनी अक़ीदत का इजहार किया।