अजमेर। यूआईटी चैयरमैन नरेन शाहनी भगत ने भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरने के बाद आखिर शुक्रवार शाम कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ चंद्रभान सिंह को भेजा इस्तीफा भेज दिया।
प्लाट के बदले प्लाट के आबंटन के लिए रिश्वत और प्लाट की डिमांड करने के मामले में एसीबी द्वारा भगत, प्रॉपर्टी डीलर मनोज गिदवानी और महेश अग्रवाल, उपनगर नियोजक साहिबराम जोशी, कार्यवाहक सचिव निशु अग्निहोत्री को नामजद करने के बाद एसीबी द्वारा दर्ज किये गये मुकदमे के बाद चले घटनाक्रम में शुक्रवार को न्यास सदर नरेन शाहनी ने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ चंन्द्रभान सिंह को अपना इस्तीफा सौंपा। शुक्रवार देर शाम यूआईटी सदर नरेन शाहनी ने अपने चैंबर में पत्रकारो को जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने न्यास सदर बनने के बाद अजमेर की जनता की निष्पक्ष और निर्भय होकर सेवा की। 1993 से रुके लैंड फॉर लैंड के अनेक प्रकरणों का निस्तारण उन्होंने किया, जिसके लिए जनता उन्हें याद करती है और दुआयें देती हैं, लेकिन राजनीतिक द्वेषतावश किसी विरोधी ने उनका नाम भ्रष्टाचार के इस मामले में घसीटा है, इसलिये वे नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को सौंप रहे हैं। भ्रष्टाचार के मामले में आईओ द्वारा जांच पूरी होने के बाद सच्चाई सामने आ जायेगी। गौरतलब है कि 7 दिसंबर 2012 को यूआईटी चेयरमैन की गद्दी संभालने वाले नरेन शाहनी भगत मात्र 6 माह में ही आरोपों से दो-चार होकर इस गद्दी से रुखसत हो गये।