नशे के आदी बच्चों से की कलेक्टर गालरिया ने मुलाकात

DSC_0377DSC_0413-मनोज सारस्वत- अरांई। नशे के आदि बच्चों की जिन्दगी सुधारने में प्रयासरत खिलती कलिया एंव अल्लारिपु संस्थान का शुक्रवार को जिला कलक्टर ने निरीक्षण कर बच्चों से रूबरू हुए। समाज कल्याण विभाग के जिलाबाल प्रभारी अभिषेक गुजराती एवं अजमेर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी नशा मुक्ति केन्द्र की गतिविधियों का अवलोकन किया। समाज कल्याण विभाग द्वारा स्वीकृती मिलने के बाद खिलती कलियां एवं अल्लारिपु संस्था द्वारा देश के अहमदाबाद, गुजरात, कर्नाटक, अजमेर, जयपुर से लाये गये 23 कम उम्र के बच्चे जो मॉ बाप के देखभाल के साये से दूर नशीले पदार्थो का सेवन कर जीवन यापन कर रहे थे। उन्हे संस्था के कार्मिकों द्वारा मनपरिर्वतन शिविर की मुख्यधारा से जोडने का प्रयास किया जा रहा है। उक्त कार्य के लिए खिलती कलियों ने समाज कल्याण विभाग, राजस्थान पुलिस एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से प्रतिदिन नशे में लिप्त एवं आपराधिक मामले में लिप्त बच्चों को चिन्हित कर उन्हे शिविर में लाया गया। उक्त बच्चों को प्रतिदिन नशेमुक्त माहौल में रख कर शिक्षा की मुख्यधारा से जोडने में कई कार्यकर्ता लगे हुए है। जिला कलेक्टर ने शिविर के अवलोकन के दौरान बच्चों के साथ बाते की तथा शिविर में सिखाये जा रहे कार्याे के बारे में पूंछा। बच्चों ने कलेक्टर को बताया कि वे शिविर में अच्छे माहौल में शिक्षा अध्ययन कर रहे है। बच्चों ने बताया कि उनका बचपन गलत रास्ते पर चला गया तथा जिसमें परिस्थितियां पूर्णरूप से जिम्मेदार है। उन्हे बचपन में ही गलत आदतों का शिकार होना पडा तथा घर वालों की देखरेख के अभाव में वे नशे के आदी हो गये।
नशा नहीं मिलने पर ब्लैड से हाथ पर मारे चीरे :– संस्था के कार्मिकों ने बताया कि नशा नहीं मिलने पर शुरूआत के दिनों में दो दिन बच्चों ने ब्लैड से अपने हाथों पर चीरे मार अपने को खत्म करने की कोशिश भी की। कुछ छात्रों ने केन्द्र से भागने में कामयाब भी हुए परन्तु कार्मिकों ने अपने स्तर पर उन्हे वापस ढूंढ लिया।
अजमेर पुलिस बुरा मारती है :– जिला कलक्टर गालरिया ने जब बालक गनीश उम्र १२ साल से बात की तो उसने बताया कि वो पहले दरगाह ईलाके में जेब चोरी करने का काम करता है। किसी इकराम नाम के लडके से उससे चोरी का काम करवाया जाता था। गिनीश ने मासूम शब्दों में बताया किपकडे जाने पर अजमेर पुलिस बुरा मारती थी।
वीडियों कान्फ्रेसिंग से करवायेंगे बात :– मनपरिर्वतन शिविर में शामिल बच्चे अब एनओएफएन प्रोजेक्ट के जरिये अपने माता पिता से वीडियों कान्फ्रेंसिग कर सकेंगें। गालरिया ने संस्था के अधिकारियों को बताया कि पंचायत समिति परिसर में पखवाडे में एक दिन बच्चों को कान्फ्रेंसिग क जरिये बात करानी होगी। सिस्कों क म्ॅपनी के साथ हुये समझौते के दौरान बच्चों की ई मेडिसन के जरिये स्वास्थ्य जांच की जायेगी।
दरगाह क्षेत्र में अभी भी १५० बच्चे नशेडी :– खिलती कलियॅा संस्थान ने खुलासा करते हुए जिला कलक्टर को अवगत कराया कि दरगाह क्षेत्र में अभी भी १५० बच्चे ऐसे है जो आये दिन भांग, गंाजा, व्हाईटनर, बीडी, सिगरेट के आदि है। बच्चों की जिन्दगी से खिलवाड कर उन्हे ऐसा बनाने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने की अन्य सामाजिक ंसंगठनों व ग्रामीणों ने भी मांग की।
मुझे पापा नहीं मम्मी चाहिए :- अहमदाबाद के 12 वर्षीय महेश ने बताया कि मुझे मम्मी के पास जाना है और उसने कहा मेरे पापा शराबी है वह कभी पापा के पास नहीं जाएगा। महेश द्वारा कलेक्टर गालरिया को किया गया निवेदन इतना मार्मिक था कि कलेक्टर गालरिया ने तुरन्त उसका हाथ पकड कर लिया और कहा हां बेटा तुम्हे जल्दी ही ठीक कर के घर भेज दिया जाएगा। संस्था लगातार उसकी मां की तलाश कर रही है ताकि उसे महेश को मां मिल जाए और उसकी नशे की लत छुट जाए।

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