डॉ लाल थदानी ने की अंग दान की घोषणा

lal thadani 3अजमेर। विश्व अंगदान दिवस की पूर्व संध्या पर अजमेर के उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ लाल थदानी ने मुत्युपरांत गरीब मरीजों की जिन्दगी बचाने के लिये अपने शरीर के अंग दान देने की घोषणा की है। 30 वर्षो की समाज सेवा में डॉ0 लाल थदानी एड्स, कुष्ठ रोग, स्वाईन फ्लू, मलेरिया एवं मौसमी बीमारियों की प्रभावी रोकथाम हेतु जिला सर्विलेन्स अधिकारी (आईडीएसपी) एवं नोडल अधिकारी के रूप में 01 जनवरी 2008 से कार्यरत है। 15 जून 1998 को चिकित्सा अधिकारी की सरकारी सेवा में आए।
रोटेªेक्ट क्लब, अजमेर अध्यक्ष (1988-90), अजमेर सिटीजन्स जूनियर चैम्बर (1991-93), सिन्धु सत्कार समिति (1997-2000) मेडिको फ्रेन्डस सन्देष सोसायटी, सिन्धी कॉन्सिल के संस्थापक, अध्यक्ष रहते हुए सैकडों निःषुल्क चिकित्सा षिविर आयोजित करने के अलावा स्कूल एवं कॉलेजों में स्वास्थ्य जागरूकता प्रदर्षनी एवं वार्ताएंे आयोजित की।
राज्य सरकार की तरफ से डॉ0 लाल थदानी ने चण्डीगढ में 15-15 दिवस की बीमारियों की रोकथाम पर एवं नषा मुक्ति पर दो बार ट्रेनिंग में भाग लिया। 45 दिवसीय प्रोफेषनल डिग्री कोर्स के दौरान डॉ0 लाल थदानी ने हिमाचल प्रदेष मेे मुख्यमंत्री अषोक गहलोत की स्वास्थ्य योजनाओं का जिक्र करते हुए राजस्थान में कुषल प्रबंधन होने की जानकारी दी। ‘‘आंगनबाडी स्तर पर खांसी की रोकथाम‘‘ शोध पत्र के लिए डॉ0 लाल थदानी को अ. भा. स्तर पर प्रथम पुरस्कार मिला। एम.डी., पी.एस.एम. में डॉ. थदानी द्वारा प्रस्तुत ‘‘0-5 वर्ष के बच्चों में टीकाकरण एवं मुत्यु दर की रोकथाम में आंगनबाडी की भूमिका‘‘शोध को भी सराहना मिली है। स्वैच्छिक रक्तदान, आत्महत्या की रोकथाम एवं ‘‘सड़क दुर्घटना-बचाव ही उपाय‘‘ आपदा प्रबंधन में डॉ0 थदानी ने वार्ताएंे दी है।
डॉ0 थदानी ने समाज सेवा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुभवों को संकलित करते हुऐ ‘‘काष में कुछ कर पाता‘‘ के करीब 300 लेख प्रकाषित हुए है। ‘‘अल्फाज‘‘ काव्य-गजल संग्रह प्रकाषनाधीन है, विमोचन इस माह के अंत तक होने की संभावना है। डॉ0 थदानी द्वारा दहेज की महामारी लिखित एवं निर्देषित नाटक ‘टूटती रेखाऐं‘ तथा राजनैतिक व्यंग्य ‘मूंगफली का छिलका‘ अ. भा. स्तर पर क्रमषः मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज एवं ऑल इण्डिया इन्सटीट््यूट ऑफ मेडिकल साईन्सेज में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
गॉधीधाम-भुज में आए भूकम्प में प्रषासन द्वारा डॉ0 थदानी के नेतृत्व में 8 सदस्यीय दल 6 ट्रकों मे राहत सामग्री, कपड़े, दवाईंयॉ, 60 यूनिट रक्त, शवों के लिए लकड़िया लेकर गए। दिवंगत मंत्री श्री किषन मोटवानी की अभिषंसा पर मुख्यमंत्री अषोक गहलोत ने डॉ0 लाल थदानी को 07 जुलाई 2000 से 31 दिसम्बर 2003 तक अध्यक्ष, राजस्थान सिन्धी अकादमी नियुक्त किया। पत्नि डॉ0 दीपा थदानी बायोकैमिस्ट्री विभाग, ज.ला.न.े मेडिकल कॉलेज, अजमेर में सह आचार्य पद पर कार्यरत है। डॉ0 थदानी के इकलोंते पुत्र हिमांषु थदानी ने हाल में सी.ए. उत्तीर्ण किया है तथा पुत्री नेहल सी.एस0 फाईनल ईयर में है।

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