‘भारत जागो दौड़’ उत्साह पूर्वक सम्पन्न

bharat jago daur

अजमेर 11 सितम्बर। आज शाम 05 बजे पटेल मैदान में आयोजित भारत जागो दौड़ उत्साह पूर्वक सम्पन्न हुई। विवेकानन्द सार्धशती समारोह के अन्तर्गत आयोजित इस दौड़ में अजमेर शहर के युवाओं, विद्यार्थियों, महिलाओं ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। उल्लेखनीय है कि शहर के कुछ प्रतिष्ठित वरिष्ठ नागरिकों ने भी इस दौड़ में उत्साह पूर्वक भाग लिया। इस दौड़ में शहर के लगभग 7 हजार नागरिकों ने दौड़कर स्वामी विवेकानन्द के संदेश ‘‘भारत जागो विश्व जगाओ’’ को सार्थक करने का कार्य उत्साह पूर्वक किया।
दौड़ का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया। स्वामी विवेकानन्द के जय घोष के साथ भारत जागो विश्व जगाओ, भारत माता की जय एवं वन्दे मातरम के नारे लगाये जा रहे थे। साथ ही विभिन्न स्थानों पर शहर के विद्यालयों एवं बैण्ड समूहों द्वारा मधुर धुन से दौड़ का अभिनन्दन किया।
समारोह समिति के संयोजक श्री उमरदान ने बताया कि दौड़ की शुरूआत अग्रवाल स्कूल के सामने स्थित पटेल स्टेडियम के चन्द्रवरदाई द्वार से हुई जो कि अग्रसेन चौराहा, सिटी पावर हाऊस, आगरा गेट, पृथ्वीराज मार्ग, गांधी भवन, कचहरी रोड़, इण्डिया स्क्वायर, पण्डित दीनदयाल मार्ग होते हुए सूचना केन्द्र के सामने से पटेल मैदान के पृथ्वीराज द्वार पर सम्पन्न हुई। दौड़ में अजमेर के लगभग 150 विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विभिन्न कोचिंग संस्थानों के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। जिनमें संस्कृति स्कूल, सोफिया, सेंट ऐन्सलम, क्वीन मैरी, डीबीएन, सेन्ट्रल एकेडमी, डीएवी, दयानन्द बाल सदन, सेंट स्टीफन, अविनाश महेश्वरी, आदर्श विद्या निकेतन, गुजराती, आर्य पुत्री, हरिसुन्दर बालिका सहित विभिन्न प्रमुख विद्यालयों के विद्यार्थी सम्मलित थे। इसी के साथ एमडीएस विश्वविद्यालय, राजकीय महाविद्यालय, राजकीय इंजिनियरिंग कॉलेज, कन्या महाविद्यालय, दयानन्द महाविद्यालय, राजकीय विधि महाविद्यालय, सावित्री, रीजनल, श्रमजीवी, आर्यन, आर्यभट्ट कॉलेज के विद्यार्थियों सहित अनेक युवाओं ने हिस्सा लिया।
दौड का उत्साह इसी बात से देखते ही बनता था कि युवाओं के साथ साथ ही विभिन्न राजकीय एवं निजी संस्थानों में कार्य करने वाले कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने भी भाग लिया। इस आयोजन में महिलाओं ने बराबर की भागीदारी निभाते हुए अपना योगदान दिया। शहर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों ने इस दौड़ में अपनी भागीदारी निभाई।
दौड़ की शुरूआत राष्ट्रीय कैडेट कोर नेवल विंग के कमाण्डिंग ऑफिसर कैप्टन संजीव कपूर (भारतीय नौ सेना) के द्वारा झण्डी दिखाकर की गयी। सबसे आगे जिला रोलर स्केटिंग संघ के धावक चल रहे थे। इनके पीछे स्वामी विवेकानन्द की झांकी और मोटर साईकिल पर ध्वज वाहक चल रहे थे। तत्पश्चात महाविद्यालय विद्यार्थी, स्कूल विद्यार्थी एवं लगभग 1600 छात्राएँ, दौड़ रही थी। सबसे अन्त में शहर के वरिष्ठ नागरिकों का ग्रुप दौड़ रहा था। पूरी दौड़ के दौरान सभी धावकों का अनुशासन देखते ही बनता था। प्रथम धावक ने मात्र 09 मिनट में दौड़ पूरी की। अनुशासन का अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दौड़ प्रारम्भ होने से समापन तक का कार्यक्रम मात्र 39 मिनट में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। दौड़ का उत्साह सेवा था की दौड़ रहे विद्यार्थियों के साथ उनके अभिभावक एवं अध्यापक भी दौड़ रहे थे एवं पूरे मार्ग में उत्साहवर्धन कार्य कर रहे थे। एनसीसी के कैडैट्स ने मार्ग की व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन में सहयोग दिया। समापन पर सभी धावकों को अल्पहार एवं प्रमाण पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र पँवार व विवेक शर्मा ने किया।
11 सितम्बर को दौड़ का महत्व
स्वामी विवेकानन्द ने 11 सितम्बर, 1893 को ही शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में अपने प्रभावी प्रस्तुतिकरण से भारतीय संस्कृति को विश्व का समक्ष पुनर्स्थापित किया था। इसी के साथ प्रारम्भ हुई पश्चिमी देशों की अपनी यात्रा के द्वारा अपनी मातृभूमि को उसका स्वाभिमान, सम्मान और उद्देश्य पुनः प्रदान किया।
आज भारत सबसे प्राचीन सम्भ्यता के साथ अधिकतम युवा जनसंख्या वाला देश है। भारत का युवा सुशिक्षित, ज्ञान सम्पन्न एवं गम्भीर है। वो अपने देश, अपना इतिहास तथा अपनी संस्कृति के बारे में अधिक से अधिक जानना चाहता है और सम्पूर्ण हृदयों को आन्दोलित किया और वे भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में शामिल हो गए। आज युवा पुनः उड़ान भरने की राह देख रहा है। ऐसे में स्वामी विवेकानन्द का सन्देश उसे नई ऊँचाई प्राप्त करने हेतु सदैव प्रेरणा प्रदान करेगा।
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