ब्यावर। विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु बोर्ड राजस्थान के अध्यक्ष श्री गोपाल केसावत ने कहा है कि मेलों से लोगों का मनोरंजन तो होता ही है,साथही इनसे पारस्परिक भाईचारा, सामन्जस्य एवं सौहार्द्र को भी बढ़ावा मिलता है।
श्री केसावत ब्यावर में तेजा मेला जागरण अवसर पर सुभाष उद्यान परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम दौरान मुख्य अतिथि के रूपमें मेलार्थियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान प्रान्त में नाना प्रकार के मेलों का आयोजन होता है लेकिन तेजा मेला ब्यावर की अपनी एक विशिष्ट पहचान है, इस मेला में राजस्थानी संस्कृति की एक अनूठी झलक देखने को मिलती है। घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु बोर्ड अध्यक्ष ने अपने उद्बोधन में तेजा मेला आयोजन हेतु नगरपरिषद टीम तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम की अच्छी प्रस्तृति हेतु आर0के0आर्केस्ट्रा दल एवं कार्यक्रम स्पोन्सर मेैदानी परिवार की मुक्तकंठ से प्रशंसा कर मुख्य कलाकार राजकुमार का अभिनन्दन किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम दौरान नगरपरिषद ब्यावर की ओर से मुख्य अतिथि श्री केसावत तथा प्रधान रायपुर लाल मोहम्मद के अलावा डॉ0 एस0सी0जैन, घनश्यामदास बल्दुआ, सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों का सभापति डॉ0 मुकेश मौर्य एवं उनकी टीम द्वारा पुष्पहार व साफा पहना कर भावभीना स्वागत किया गया। इसमौके पर मेला मजिस्ट्रेट मदनलाल जीनगर, डीएसपी गोपीसिंह शेखावत , मेला संयोजक दलपत राज मेवाडा व नगर पार्षद, आयुक्त नगरपरिषद प्रकाशचन्द जैन मय उनकी टीम तथा बड़ी तादाद में सांस्कृतिक संध्या का लुत्फ उठाने आएं शहरी तथा ग्रामीण अंचल से लोग उपस्थित थे। नगरपरिषद सभापति डॉ0 मुकेश मौर्य ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
सांस्कृतिक संध्या मंे कलाकारों ने दी बेहतरीन प्रस्तुति
सांस्कृतिक संध्या की शुरूआत मंगलाचरण एवं गणपति वन्दना, ’’म्हारी सभा में आओनी गजानन्द ’’ से हुई। इसके बाद कलाकारों द्वारा एक के बाद एक बेहतरीन कार्यक्रम पेश कर मेलार्थी दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया गया। इनमें ढोल नगाड़ा बाजे़ रे तेजाजी थारां मेला में , लाग्योै-लाग्यौ जेठ असाढ़ कंवर तेजा रे , म्हारौ गौरबंद नखरालौ, मन लागै तावडौ, नीलगर और रंग दे, तू म्हारौ कौण लागे, तेरे लखन कर दिया जीना मुश्किल, रूण-झुण बाजे घूंघरा, मोरया आच्छौ बौलयो रे ढलकी रात में, इत्यादि की गीतों /गायन की सुमधुर ध्वनि के संग आकर्षक व मनभावन नृत्यों, हैरत-अंगेज भवाई नृत्यों के साथ ही हास्य-व्यंग्यों की प्रस्तुतियांे ने दर्शकों एवं श्रोताओं को प्रभावित किया।