अजमेर। निर्वाचन विभाग ने आदर्श आचार संहिता की पालना के लिए टी.वी. चैनल एवं केबल नेटवर्क आदि पर राजनीतिक विज्ञापनों के प्रसारण पर निर्बन्धन लागू किया है। राजनीतिक विज्ञापन निर्वाचन आयोग द्वारा गठित समिति के प्रमाणन के बिना जारी नहीं किए जा सकेंगे। राजनीतिक प्रकृति का कार्यक्रम भी विज्ञापन की श्रेणी में माना जाएगा।
जिला निर्वाचन विभाग के अनुसार माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित अनुसरण के रूप में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विज्ञापनों के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इन निर्देशों के अनुसार टी.वी. चैनलों और केबल नेटवर्क पर राजनीतिक प्रवृति का कोई भी विज्ञापन निर्वाचन आयोग द्वारा गठित समिति के प्रमाणन के बिना प्रसारित नहीं किया जा सकता। समिति ऐसे राजनीतिक प्रवृत्ति के विज्ञापनों का प्रमाणन करते समय यह ध्यान रखेगी कि उनमें किन्हीं कानूनी प्रावधानों या आदर्श आचरण संहिता के प्रावधानों के विपरीत कोई आपत्तिजनक तथ्य तो नहीं है। पंजीकृत राजनीतिक दल, संस्था या व्यक्ति समूह जिनका मुख्यालय राज्य में है। उनके द्वारा प्रसारित होने वाले ऐसे विज्ञापनों का प्रमाणिकरण करने हेतु समिति संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में गठित है। यदि विज्ञापन किसी अभ्यर्थी द्वारा प्रसारित कराया जाना है तो ऐसे प्रसारणों के संबंध में रिटर्निंग अधिकारी द्वारा प्रमाणीकरण किया जाएगा। उक्त समितियों का प्राधिकारी द्वारा किए गए प्रमाणीकरण के संबंध में यदि कोई आपत्ति है तो उसकी अपील मुख्य निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष की जा सकती है। राजनीतिक प्रकृति का कार्यक्रम भी विज्ञापन की श्रेणी में माना जाएगा।