अजमेर। अजमेर में एक इलाका ऐसा है जहां राम रावण के बीच होने वाले युद्ध का इन्तजार लोगों को पुरे साल रहता है। यहां तक की मिडीया में सुर्खियां बटोरने के लिए इस अदभुत् आयोजन को काॅमेडी का रूप दिया जाता है। अशोक नगर भटट्ा इलाके में शराबी रावण के कारनामे देखने के लिए शाम से ही हजारो दर्शक जमा हो जाते हैं। लेकिन इस बार पेशे से बेन्ड वादक नवनीत कुमार अपने पारिवारीक कारणों से रावण का किरदार नहीं निभा पाया उसी जगह दीपक ने रावण का किरदार निभाया। बाल रामायण मंडल के तत्वाधान में रामलीला के रोचक प्रसंगो को देख उपस्थित दर्शक हसीं से लोट पोट हो गए। रामलीला के सभी पात्र गाजे बाजो के साथ काली के अखाडे के नतृत्व में रामलीला स्थल पहुंचे और रावण दहन के प्रसंग का मंचन शुरू हुआ। गणेश बने पात्र को बामुशकिल नाला पार कराया गया। इस बीच राम और मारीच, लक्ष्मण और मेघनाथ, बाली सुग्रीव के बीच युद्ध के दृश्य का मंचन किया गया। लोडिंग टेम्पो में राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान और उनकी सेना को लाया गया। वहीं रावण घोडे पर तलवार लहराता हुआ मैदान में पहुंचा। इन सब दृश्यों को देख दर्शक हँस-हँस कर लोटपोट हो गए हैं।
विजयादशमी के अवसर पर बनाए गए रावण को दहन करने के लिए आयोजको को भारी मशक्कत करनी पडी। वही रावण ने आखों से अंगारे बरसा कर पलके झपकाई, मुह से अंगारे निकाले वही राम ने रावण की नाभी में तीर मारा और रावण धू-धू करके जल गया।नव दुर्गा गरबा रास मंडल नोन करण का आहता में भी विजयादशमी के अवसर पर क्षेत्रीय लोगो द्वारा बनाये गए रावण का दहन किया गया। इस मौके पर रावण दहन देखने भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।वहीं धार्मिक नगरी पुष्कर में भी धर्म और अधर्म की लड़ाई में बुराई का प्रतीक रावण मिट्टी में मिल गया। बडी बस्ती में पाराशर रामायण मंडल और छोटी बस्ती में श्री ब्रह्म पुष्कर सेवा संस्थान के तत्वाधान में रावण दहन के विशाल कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिसे देखने के लिए कस्बे सहित ग्रामीण अंचल से हजारो लोग उमडे। दोनो जगह रावण दहन से पहले सीता हरण, लक्ष्मण शक्ति बंाण सहित लंका दहन के दृृश्य प्रस्तुत किए गए। नरान्तक, देवान्तक, तृषणा, अतिकाय, खरदूषण और मेघनाथ के बाद भगवान राम ने रावण का संघार कर के धर्म की पताका फहराई। बडी बस्ती में मेला ग्राउंड में दहन से पहले रावण ने भगवान राम के साथ जोर दार संधर्ष किया। तलवार के बाद अग्नि की वर्षा से भगवान को डराने का प्रयास किया। लेकिन अंततः 35 फीट लम्बे रावण और कुम्भकरण, मेघनाथ के पुतलो को आंग के हवाले कर दिया। इस मौके पर बडी संख्या में विदेशी प्र्यटक भी मौजूद रहे। समारोह में हुई आतिशबाजी ने दर्शको का मन मौह लिया। कार्यक्रम की शुरूवात राम दरबार की आरती के साथ हुई। सोमवार शाम ब्रह्म चैक मंे राम और भरत का मिलाप हुआ।