जैसी सोच होती है, वैसा ही नजर आता है- संत कालूराम

27-10-13 - 227-10-13केकड़ी। इंसान की जैसी सोच होती हैं उसे हर और वेसा ही दृश्य नजर आता हैं,यदि इंसान अच्छी सोच के साथ अपनी जिंदगी का गुजर बसर करता हैं तो उसे हर इंसान अच्छा ही नजर आयेगा। ये उद्गार संत कालूराम निरंकारी ने अजमेर रोड़ पर स्थित निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित सत्संग के दौरान व्यक्त किये।
निरंकारी मण्डल प्रवक्ता रामचन्द्र टहलानी ने बताया कि संत ने सत्संग के दौरान कहा कि यदि इंसान के पैर के जूते में कोई कंकर फंस जाता हैं तो वह चुभता हैं और काफी परेशान करता हैं ठीक उसी प्रकार यदि मनुष्य अपने मन में वैर,द्वेश का भाव ले आता हैं तो वह हमैशा दुखी व परेशान रहता हैं। आज इंसान का जैसा संग होता हैं वैसा ही उसका रंग भी हो जाता हैं। सद्गुरू की भक्ति आराधना कर इंसान अपने जीवन में उजाला ला सकता हैं। संत ने कहा कि हर रंग उतर जाता हैं मगर भक्ति का रंग ऐसा होता हैं कि वह कभी नहीं उतरता भक्ति बंधन नहीं हैं स्वतंत्र हैं,समपर्ण हैं हर पल प्रभु परमात्मा का स्मरण कर निष्काय सेवा,सत्कार करें इसी से मानव जीवन सार्थक हैं।
सत्संग के दौरान गोपाल,रामचन्द्र टहलानी, टोपनदास, प्रेम, मोहित, धनवन्ति, जयराम, छोटू, ईशा, प्रशांत, इशिता, रोहित, गेहीमल, रामेश्वरी, मोनिका सहित अन्य ने गीत विचार प्रस्तुत किये। संचालन नरेश कारिहा ने किया।

गीता भवन में अन्नकूट महोत्सव 7 को
सत् सस्ंकार सेवा समिति के तत्वाधान में आगामी सात नवम्बर को गीता भवन में अन्नकूट महोत्सव धूूमधाम से मनाया जायेगा। यह निर्णय रविवार को सुबह गीता भवन में आयोजित समिति की कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया। समिति के अध्यक्ष बिरदीचन्द नुवाल ने बताया कि बैठक के दौरान गीता भवन में चल रहे निमार्ण कार्य की प्रगति की भी समीक्षा की गई एवं समिति के निर्माण कार्य में सहयोग राशि प्रदान करने की घोषणा करने वाले दानदाताओ से सम्पर्क कर सहयोग राशि एकत्रित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में अन्नकूट महोत्सव के अवसर पर समिति के सभी पदाधिकारियो एवं कार्यकर्ताओ का दीपावली स्नेह मिलन समारोह आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में समिति के उपाध्यक्ष जगदीश स्वरूप मेवाडा, मंत्री सुरेन्द्र जोशी, सह मंत्री रामदेव जेतवाल, वरिष्ठ सदस्य जगदीश फतेहपुरिया, छीतरमल न्याती, दिनेश काबरा सहित कुछ अन्य सदस्य मौजूद थे।
-पीयूष राठी

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