डीजल व पेट्रोलियम पदार्थो के दाम जब भी बढ़ाए जाते हैं, तो तेल कंपनियों के घाटे की दुहाई दी जाती है। लेकिन, सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत पता चला है कि पेट्रोलियम कंपनियां हर साल भारी मुनाफा कमा रही हैं। वर्ष 2010-11 में ही उन्होंने 25 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक का शुद्ध मुनाफा कमाया।
यह जानकारी विकास गहलोत ने आरटीआइ के सहारे हासिल की है। विकास ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल, ओएनजीसी, गेल इंडिया, नुमालीगढ़ रिफाइनरी, बामर लॉरी एंड कंपनी से उनकी लाभांश रिपोर्ट मांगी। इस पर कंपनियों की ओर से दिए गए जवाब चौंकाने वाले हैं। इससे पता चला है कि किसी भी कंपनी को साल 2000 के बाद कोई नुकसान ही नहीं हुआ है। फिर भी पेट्रोल, डीजल या गैस की कीमत बढ़ा दी जाती है। यदि प्रमुख कंपनियों के साल 2010-11 के शुद्ध मुनाफे को जोड़ दिया जाए, तो यह करीब 25 हजार करोड़ रुपये के आंकड़े को छू जाता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि तेल के दाम बढ़ाने के पीछे सिर्फ मुनाफा बढ़ाना ही कंपनियों का मुख्य एजेंडा है।
कंपनी — वित्त वर्ष — मुनाफा
आइओसीएल — 2006-07 — 7499
– — 2007-08 — 6963
– — 2008-09 — 2950
– — 2009-10 — 10,221
– — 2010-11 — 7445
(शुद्ध लाभ करोड़ रुपये में)
बीपीसीएल — 2006-07 — 1805
– — 2007-08 — 1580
– — 2008-09 — 735
– — 2009-10 — 1537
– — 2010-11 — 1546
(कर देने के बाद शुद्ध लाभ करोड़ रुपये में)
एचपीसीएल — 2009-10 — 8715
– — 2010-11 — 9373
(लाभ और हानि खाते के अनुसार)
ओएनजीसी — 2006-07 — 901
– — 2007-08 — 1663
– — 2008-09 — 2806
– — 2009-10 — 2089
– — 2010-11 — 2690
(कर देने के बाद शुद्ध लाभ करोड़ रुपये में)
गेल (इंडिया) — 2006-07 — 2386
– — 2007-08 — 2601
– — 2008-09 — 2803
– — 2009-10 — 3139
– — 2010-11 — 3561
(शुद्ध लाभ करोड़ रुपये में)