मित्तल ने समझौता कर बचाई अपनी सीसी इकाई

पेरिस। स्टील किंग लक्ष्मी निवास मित्तल फ्रांसीसी सरकार से समझौता कर अपनी यूनिट को बचाने में कामयाब रहे। यहां की सोशलिस्ट सरकार फ्लोरेंज स्थित आर्सेलर-मित्तल की इकाई का राष्ट्रीयकरण करने जा रही थी।

फ्रांसीसी सरकार और भारतीय मूल के उद्योगपति मित्तल के बीच हुए समझौते के तहत अब स्टील कंपनी इस संयंत्र में 18 करोड़ यूरो [23.3 करोड़ डॉलर] का नया निवेश करेगी। साथ ही कंपनी न तो इस संयंत्र के दोनों ब्लास्ट फर्नेस [भंिट्ठयों] को बंद करेगी और न ही किसी कर्मचारी की छंटनी की जाएगी।

कंपनी के फ्लोरेंज संयंत्र में कुल 2,700 कर्मचारी हैं। इन इकाइयों को बंद करने के कंपनी के फैसले से यहां काम कर रहे 650 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ गई थी।

फ्रांस के प्रधानमंत्री जीन मार्क एयरॉल्ट ने शुक्रवार को इस समझौते की घोषणा की। इससे पहले दोनों ब्लास्ट फर्नेस इकाइयों के खरीदार तलाशने के लिए आर्सेलर मित्तल की ओर से सरकार को दी गई समयसीमा शुक्रवार को समाप्त हो गई थी। एयरॉल्ट ने कहा कि समझौते के बाद सरकार ने फ्लोरेंज संयंत्र का राष्ट्रीयकरण करने की मांग को खारिज करने का निर्णय लिया है। मित्तल की ओर से जताई गई प्रतिबद्धताओं के चलते ऐसा किया गया है।

फ्लोरेंज प्लांट को लेकर फ्रांसीसी सरकार और आर्सेलर मित्तल के बीच कई महीनों से टकराव चल रहा था। कंपनी की दोनों ब्लास्ट फर्नेस बंद करने की योजना को देखते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसुआ औलेंड और उद्योग मंत्री अरनॉड मोंटेबर्ग ने इस संयंत्र के राष्ट्रीयकरण करने की धमकी दे डाली थी। इसके बाद लक्ष्मी निवास बुधवार को औलेंड से मिलने गए थे, मगर वहां से उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा था।

एयरॉल्ट के मुताबिक, स्टील कंपनी ने आश्वासन दिया है कि फ्लोरेंज संयंत्र में अगले पांच साल में किए जाने वाले निवेश की वजह से वह देश के अन्य इलाकों में अपने खर्च में कोई कटौती नहीं करेगी। नए निवेश से फ्लोरेंज संयंत्र में कोल्ड-स्टील का उत्पादन और पैकेजिंग का काम दोबारा शुरू किया जाएगा। फ्रांस में आर्सेलर मित्तल के विभिन्न संयंत्रों में लगभग 20,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।

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