दिल्ली में चलती बस में छात्रा के साथ हुए गैंगरेप की घटना से उद्योग जगत भी स्तब्ध है। कई कंपनियों ने अपनी महिला कर्मचारियों की सुरक्षा को बेहतर करने के लिए ताजा कदम उठाए हैं। इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए प्रमुख उद्योग चैंबर फिक्की ने एक कार्यदल का गठन किया है जो कंपनियों को महिला कर्मियों को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने पर सुझाव देगा।
कार्यदल कॉरपोरेट सेक्टर में कार्यरत महिलाओं के बीच अध्ययन कर यह पता लगाएगा कि वे किस तरह के माहौल में काम करती हैं। उन्हें बेहतर माहौल देने के लिए क्या किया जा सकता है। साथ ही कंपनियां इस दिशा में अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर किस तरह से आगे बढ़ सकती हैं, इस पर कार्यदल अपने सुझाव देगा। इसके अलावा कार्यदल कामकाजी महिलाओं के साथ हुए अपराधों से जुड़े मामले को शीघ्रता से निपटाने को लेकर भी अपनी सिफारिशें करेगा। यह कार्यदल एक ऐसा ढांचा तैयार करने में सहयोग करेगा, जिससे कंपनियों में महिला सुरक्षा का मानक तय किया जा सकेगा। इस मानक के आधार पर कंपनियों की रैंकिंग भी की जा सकेगी कि वे महिला सुरक्षा को लेकर कितनी प्रयत्नशील हैं।
कार्यदल सिफारिशें देने के अलावा यह भी देखेगा कि प्रमुख कंपनियां इसे लागू कर रही हैं या नहीं। हर सिफारिश को एक निश्चित समय सीमा के भीतर लागू करने की कोशिश की जाएगी। देश के कॉरपोरेट क्षेत्र में हाल के वर्षो में महिला कर्मचारियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। फिक्की का कहना है कि देश के कुल श्रमबल में 31 फीसद हिस्सेदारी महिलाओं की है। इनमें असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। ऐसी स्थिति न तो समाज और न ही अर्थव्यवस्था के लिए ठीक है।