एसएंडपी ने दिया साख बढ़ाने का संकेत

stnadardमुंबई। नीतिगत सुधारों के मोर्चे पर सरकार की रफ्तार से मुग्ध ग्लोबल रेटिंग एजेंसियों के रुख में बदलाव आने लगा है। मूडीज के बाद अब स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) ने भी देश की साख आकलन बढ़ाने के संकेत दिए हैं। एसएंडपी ने अगले वित्त वर्ष 2013-14 में भारत की विकास दर 6.4 फीसद रहने का भी अनुमान जताया है। अब तक विभिन्न एजेंसियों द्वारा जताए गए अनुमान में यह सबसे अधिक है।

एसएंडपी ने कहा है कि यदि सरकार राजकोषीय घाटा कम करने, निवेश माहौल सुधारने और विकास को बढ़ावा देने के कदमों पर अमल जारी रखेगी तो रेटिंग आउटलुक में बढ़ोतरी संभव है। एजेंसी ने पिछले साल अप्रैल में देश की साख को स्थिर से घटाकर नकारात्मक कर दिया था। कुछ माह पहले एसएंडपी और फिच दोनों ने रेटिंग घटाकर जंक करने की भी धमकी दी थी।

एसएंडपी ने सरकार को ईधन, उर्वरक और कृषि क्षेत्र को मिल रही सब्सिडी का दक्षतापूर्ण इस्तेमाल सुनिश्चित करने की सलाह दी है। इसके अलावा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को जल्द लागू करने का सुझाव दिया है।

वर्ष 2013 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और अगले साल आम चुनावों को देखते हुए अगले वित्त वर्ष में 4.8 फीसद के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल है। इसके अलावा विदेशी बाजारों में मांग की अनिश्चितता, खराब मानसून की आशंका और राजनीतिक जड़ता जैसे जोखिम चुनौती साबित हो सकते हैं।

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