जेट-एतिहाद सौदा टला

etihads-jet-stake-buy-seenअबूधाबी। भारतीय एयरलाइन जेट एयरवेज में हिस्सेदारी खरीद रही एतिहाद ने सौदा अब अगस्त तक टाल दिया है। एतिहाद एयरवेज ने भारत सरकार से अपने निवेश की सुरक्षा गारंटी मांगी है। सूत्रों के मुताबिक, अबूधाबी की एयरलाइन नहीं चाहती कि उनके साथ कुछ वैसा हो, जैसा खाड़ी देशों के अन्य निवेशकों एतिसलात और एमार के साथ हुआ।

एतिहाद पूरी दुनिया की एयरलाइनों में हिस्सेदारी खरीद कर अपना परिचालन बढ़ा रही है। सरकार द्वारा विमानन क्षेत्र में 49 फीसद एफडीआइ की इजाजत के बाद कंपनी ने जेट की 24 फीसद हिस्सेदारी 33 करोड़ डॉलर में खरीदने के लिए सितंबर में वार्ता शुरू की थी। दोनों कंपनियों के बीच वार्ता के जानकार एक सूत्र ने बताया कि एतिहाद सावधानी बरत रही है। कंपनी भारत के विशाल विमानन बाजार में उतरने की इच्छुक है, लेकिन एतिसलात और एमार के साथ हुई घटनाओं से चिंतित है। एतिहाद न केवल वाणिज्यिक शर्तो से नाखुश है बल्कि वह जेट से निवेश सुरक्षा समझौता भी चाह रही है। संयुक्त अरब अमीरात की सबसे बड़ी टेलीकॉम ऑपरेटर को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भारत में अपना परिचालन बंद कर बोरिया बिस्तर समेटना पड़ा था।

जेट एयरवेज के एक सूत्र ने बताया कि कीमत, मैनेजमेंट नियंत्रण और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश सुरक्षा समझौता कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर अभी अंतिम सहमति बनना बाकी है। फरवरी में दोनों विमानन कंपनियों के अधिकारी भारतीय मंत्रियों से मिले थे। इसके बाद लगने लगा था कि समझौता जल्द हो जाएगा।

एतिहाद के चीफ एग्जीक्यूटिव जेम्स होगन ने बुधवार को अबूधाबी में एक कार्यक्रम के दौरान समझौते की समयसीमा बताने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि जेट हफ्तों पहले बाजार में इसकी घोषणा कर चुकी है। यह केवल दोनों कंपनियों को जोड़ने का मामला नहीं है। हम चाहते हैं कि एतिहाद-जेट के जुड़ने से एक मजबूत व्यापारिक संबंध विकसित हो। एतिहाद चार विदेशी एयरलाइनों एयर बर्लिन, वर्जिन ऑस्ट्रेलिया, ऐर लिंगस और एयर सेशल्स में भी हिस्सेदारी खरीदने की कोशिश कर रही है।

error: Content is protected !!