नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। प्रधानमंत्री ने एक साल के भीतर देश के 50 शहरों में छोटे एयरपोर्ट का काम शुरू करने को कहा है। इनमें उत्तर प्रदेश के आगरा, इलाहाबाद, मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, बिजनौर और आजमगढ़ शामिल हैं। वहीं, पंजाब में लुधियाना, जालंधर व फिरोजपुर और झारखंड में धनबाद, बोकारो व हजारीबाग में इनका निर्माण होगा।
बिहार के मुजफ्फरपुर, छपरा व सासाराम के नाम भी इस सूची में शामिल हैं। इनका विकास सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर एयरपोर्ट अथॉरिटी निजी कंपनियों के साथ मिलकर करेगी। इनके अलावा मध्य प्रदेश में ग्वालियर, सिंगरौली, बुरहानपुर, खंडवा, जबलपुर, सीधी व शहडोल में भी छोटे एयरपोर्ट बनाए जाने हैं।
असम, अरुणाचल प्रदेश व ओडिशा के तीन-तीन, राजस्थान के चार, महाराष्ट्र के पांच और आंध्र प्रदेश के आठ छोटे शहरों में भी एयरपोर्ट बनाने का काम चालू वित्त वर्ष में शुरू होगा। वहीं कोलकाता, लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, गुवाहाटी व चेन्नई एयरपोर्ट का परिचालन एवं रखरखाव अब पीपीपी मॉडल पर होगा।
प्रधानमंत्री ने भुवनेश्वर व इंफाल में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम शुरू करने को भी कहा है। आठ ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट पर भी काम शुरू करने की ताकीद की गई है। इनमें नवी मुंबई, जूहू, गोवा, कन्नूर, पुणो, श्रीपेरंबुदूर, बेल्लारी व रायगढ़ एयरपोर्ट शामिल हैं।
रेल परियोजनाओं में आएगी तेजी
तकरीबन दो लाख करोड़ रुपये की लंबित रेल परियोजनाओं के तेज क्रियान्वयन के लिए दो महीने में रेलवे, वित्त मंत्रलय एवं योजना आयोग के अफसरों को मिलाकर एक अंतर मंत्रालयी समूह बनाया जाएगा। रेलवे टैरिफ अथॉरिटी के गठन का प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में लाया जाएगा।
उपरोक्त परियोजनाओं के अलावा प्रधानमंत्री ने बिहार के मधेपुरा व मढ़ौरा में 5,000 करोड़ रुपये की लागत से रेल इंजन कारखानों, मुंबई में 30 हजार करोड़ के एलिवेटेड रेल कॉरीडोर, पूर्वी व पश्चिमी डेडीकेटेड फेट्र कॉरीडोर की 10 हजार करोड़ की परियोजनाओं, 10 हजार करोड़ की एक बंदरगाह परियोजना, 20 हजार करोड़ के दो ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट (नवी मुंबई, पुणो) और 40 हजार करोड़ की ट्रांसमिशन परियोजनाओं को अगले छह महीने के भीतर शुरू करने को कहा है। ये सभी परियोजनाएं भी पीपीपी आधारित हैं।
एक्सप्रेस-वे पर भी फोकस
सड़क परियोजनाओं की सुस्ती दूर करने के लिए पीपीपी संबंधी नियमों में हाल में कई रियायतें दी गई हैं। प्रधानमंत्री ने लंबे अरसे से लटके पड़े एक्सप्रेस-वे के काम पर विशेष ध्यान देने को कहा है। योजना आयोग से कहा गया है कि वह एक्सप्रेसवे परियोजनाओं पर काम तेज करने की एक कार्ययोजना सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रलय के साथ मिलकर तैयार करे।