अहिंसा पुजारी महात्मा गांधी

– श्रमण डॉ. पुष्पेन्द्र भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में जिन्होंने सत्य और अहिंसा के बल पर भारत को सैकड़ों वर्षों की अंग्रेजो की गुलामी से स्वतंत्र कराया, ऐसे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जीवन जैन संस्कारों से प्रभावित था। जब मोहनदास करमचंद गाँधी ने अपनी माता पुतलीबाई से विदेश जाने की अनुमति माँगी तब उनकी … Read more

चमड़े, मांस व हड्डियों से बने खाद से खेतों में सब्जी उगाने की अनुमति का आदेश केन्द्र सरकार ने वापस लिया

जैन समुदाय के विरोध के बाद केन्द्र सरकार ने उठाया यह क़दम पशुओं के चमड़े, मांस व हड्डियों से बने खाद से सब्जी व फल उगाने की अनुमति देने का आदेश सरकार ने भारी विरोध के बाद मंगलवार (30 सितंबर 2025) को वापस ले लिया। कृषि मंत्रालय के नए गजट नोटिफिकेशन पिछले महीने 13 अगस्त … Read more

अब मैं वरिष्ठ नागरिक बन गया हूं

(अंतरराष्ट्रीय वृध्दजन दिवस के लिए विशेष) एक तरफ तो मुझें वरिष्ठ नागरिक का खिताब दिया और दूसरी तरफ कदम कदम पर मेरी तौहीन की. कोई सहे तो कहां तक सहे, आपही बतायें ? इसलिए मैं तो बिना वकील किए जनता की अदालत में सीधे ही अपना पक्ष रख रहा हूं. किसी धार्मिक ग्रंथ पर हाथ … Read more

गांधी और गांधी विचार को कुचलने की कुचेष्टाएं कब तक?

लंदन के प्रसिद्ध टैविस्टॉक स्क्वायर में महात्मा गांधी की 57 साल पुरानी कांस्य की प्रतिमा पर हुआ हमला केवल एक मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने की घटना भर नहीं है, बल्कि यह गांधी के अस्तित्व, उनके विचार और भारत की आत्मा पर आघात है। गांधी प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ करते हुए काले रंग से लिखा है, … Read more

वृद्ध बोझ नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और मूल्यों के संरक्षक हैं

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस- 1 अक्टूबर, 2025 संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में घोषित किया है। इस दिवस का उद्देश्य वृद्धों के अधिकारों, उनकी गरिमा और उनके योगदान को रेखांकित करना है। यह दिन हमें यह सोचने को विवश करता है कि जीवन के इस अंतिम पड़ाव में, जिसे … Read more

भीड़ हादसों और त्रासदियों का सिलसिला कब थमेगा?

तमिलनाडु के करूर में तमिलगा वेट्री कषगम (टीवीके) प्रमुख और सुपर अभिनेता से नेता बने विजय की चुनावी रैली के दौरान मची भगदड़ दुर्भाग्यपूर्ण होने के साथ स्तब्ध करने एवं पीड़ा देने वाली भी है। विजय की रैली में एक बार फिर भीड़ की बेकाबू उन्मत्तता ने 40 मासूम जिंदगियों को निगल लिया। सवाल उठता … Read more

आर्थिक स्वतंत्रता का नया अध्याय

1947 में मिली आज़ादी, एक स्वर्ण किरण थी! हमने तिरंगा फहराया, राष्ट्रगान गाया और एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में साँस ली। पर क्या वो स्वतंत्रता पूरी थी? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हालिया उद्घोष – “भारत का सबसे बड़ा दुश्मन कोई विदेशी ताक़त नहीं, बल्कि हमारी निर्भरता है!” – इस गहन प्रश्न को एक बार फिर से जीवंत … Read more

दिल धड़क -धड़क के कह रहा है मानलो मेरा कहना -डॉ एम के जैन

विश्व हृदय  दिवस 29 सितम्बर पर विशेष        विदिशा । विश्व हृदय रोग जागरूकता दिवस के अवसर पर  इंडियन मेडिकल एसोसिएशन,  रोटरी इंटरनेशनल एवं इंडियन अकैडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स के संयुक्त तत्वावधान में अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित जागरूकता एवं निशुल्क रोग निदान शिविर में  प्रदेश आईएमए  अध्यक्ष एवं विदिशा आईएपी अध्यक्ष डॉ एम के … Read more

गंगा जमुना संस्कृति के प्रतीक राष्ट्रपिता बापू

मोहनदास करमचंद गांधी वास्तव के अंदर एक   विचारधारा ही है जिससे सभी परिचित है | अहिंसा एवं सत्य के सिद्धांत के जनक के रूप में आज भी उन्हें याद किया जाता है, हालांकि गांधीजी की विचारधारा को शब्दों की माला में पिरोने का काम काफी मुश्किल कार्य है |  गांधीजी ने सबको सत्य एवं अहिंसा … Read more

जय जवान जय किसान के उद्घोषक जन जन के दुलारे

कर्तव्यनिष्ठता सत्यता और सादगी की प्रतिमूर्ति  शास्त्री जी के मर्मस्पर्शी प्रेरणादायक संस्मरण नाटे कद और हमेशा मुस्कराता हुवा चेहरा रखने वाले शास्त्री जी जवाहर लाल के उतराधिकारी बन कर देश के दुसरे प्रधानमंत्री बने | वास्तव में शास्त्री जी जहाँ एक तरफ आजादी के लिये अपना सर्वस्व कुर्बान करने का संकल्प रखते थे वहीं दसरी … Read more

मार्निंग या इवनिंग वाकिग के साथ जीवन की सार्थकता का सूत्र अस्पतालों की वाकिंग

 मॉर्निंग या इवनिंग वॉकिंग पर जाने वाले युवाओं के लिए मेरा सुझाव है, यदि वे अपने आसपास किसी सरकारी अस्पताल में  वॉकिंग के लिए जाए तो अस्पताल में भर्ती गंभीर बीमारियों से दुखी पीड़ितों को देखकर शायद उनके मन में पीड़ितों की सेवा मदद के भाव जगे।  विभिन्न कागजी खानापूर्ति के लिए विभागों का मार्ग … Read more

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