*आत्म निरीक्षण का अनूठा अवसर -पर्व पर्युषण *

पर्युषण पर्व आत्मशुद्धि और क्षमायाचना का प्रतीक है, बीते दिनों में हमने उपवास, साधना, सामायिक, प्रवचन और सत्संग किए, परंतु क्या इन साधनाओं से हम अपने स्वयं के बेहतर रूप तक पहुँचे क्या, इन दिनों ने हमें भीतर से कुछ बदला, या फिर सब कुछ वैसा ही रह गया जैसा पहले था।* *संवत्सरी प्रतिक्रमण के … Read more

“महाकाय गणेश भजन”

जय महाकाय बल के सागर, भक्तों के तुम हित-रक्षक ॥ विशाल काया अद्भुत बल, तेरे आगे न टिके कोई दल। धरती गगन तुझमें समाए, तेरी महिमा जग में छाए। शक्ति पुंज तेरे चरणों में, भय न टिके भक्तों मन में। तू ही आधार जगत का दाता, हर संकट का तू है त्राता। असुर दलन, सज्जन … Read more

*सबसे बड़ा धर्म*

मनुष्य के हाथों मैं पांच उंगलियां होती है। वह सब एक समान नहीं होती कहते हैं । कहते पांचों उंगलियां  बराबर नहीं होती। कोई छोटी, कोई बड़ी, कोई मोटी, कोई पतली होती है। लेकिन फिर भी वह एक हथेली से जुड़ी रहती है। कोई कोई *उंगली यदि हथेली से अलग* हो जाए तो वह सुखकारी … Read more

प्राण जाए पर वचन नहीं के प्रेरक ग्रामीणों के जननायक के सांपों के लोक देवता तेजाजी

रणबांकुरे की जन्म भूमी के लोक-नायक की जीवन-यात्रा एक नितान्त साधारण मनुष्य के रूप में शुरू हुई और वे किसी-न-किसी तरह के असाधारण घटनाक्रम में पड़ कर एक असाधारण मनुष्य और लोक देवता में रूपान्तरित हो गये | मान्यता है कि सर्पदंश से बचने के लिए वीर तेजाजी का पूजन किया जाता है | गाँव … Read more

राजस्थानी के प्रसिद्ध कथाकार विजयदान देथा

जन्मशती वर्ष की शुरुआत पर श्रद्धा निवेदन : 1 सितंबर 1926-10 नवंबर, 2013 -‘लोककथाओं के ‘बीज’ से अनंत कहानियाँ ‘उगाई’ जा सकती हैं।’ विजयदान देथा, जिन्हें स्नेह से ‘बिज्जी’ के नाम से जाना जाता है, राजस्थानी साहित्य के एक प्रमुख स्तंभ थे। उनका जन्म 1 सितंबर 1926 को ब्रिटिश भारत के जोधपुर रियासत के बोरुंदा … Read more

उत्तम आर्जव स्तवन

हे अरिहंत प्रभु! आपकी वाणी में जो सहजता है, वही मेरे जीवन की राह बने। न छल, न कपट, न दम्भ का भार, आर्जव ही आत्मा का सच्चा श्रृंगार। वक्रता में तो है केवल अँधेरा, और सरलता में है मोक्ष का सवेरा। सरल बने हृदय, निर्मल बने भाव, सत्य की राह का हो जीवन पर … Read more

प्रेम, भक्ति एवं शक्ति की अनंत ज्योति हैं राधाजी

राधाष्टमी- 31 अगस्त, 2025 भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी का दिन भारतीय संस्कृति में प्रेम, भक्ति, शक्ति और समर्पण का अनोखा पर्व लेकर आता है-यह है राधाष्टमी। इसे राधा रानी का जन्मोत्सव माना जाता है। यह केवल किसी भक्ति की शिखर नारी चरित्र के जन्मोत्सव का पर्व नहीं, बल्कि उस दिव्य शक्ति की अभ्यर्थना है … Read more

“मिच्छामि दुक्कडम्”

मन की गलियों में धूल बहुत है, शब्दों में भी कभी भूल बहुत है। अनजाने में जो आघात हुए, उनके कारण रिश्ते खंडित हुए। आज अहंकार सब त्याग रहा हूँ, तेरे चरणों में सिर झुका रहा हूँ। क्रोध, ईर्ष्या के हर आलम से, मुक्ति माँगता हूँ अपने कर्म से। मिच्छामि दुक्कडम् कहता हूँ दिल से, … Read more

नेम प्लेट की महिमा

हास्य-व्यंग्य अभी तक तो नाम की महिमा ही सुनते आएं थे. मसलन राम से बडा है राम का नाम आदि, आदि लेकिन अब यह देखने में आया कि नाम से भी ज्यादा महिमा तो नेमप्लेट की हैं. चंद बातों से आप भी मान जायेंगे – वर्षों पहले की बात हैं. किशोरावस्था में सुबह के समय … Read more

*”विकास” की भ्रूणहत्या*

–अमित टंडन आज़ादी 78 साल की हो गई। उम्र से दादाजी। कई सरकारें आईं और विदा हुईं। वोट मांगने वाले आते-जाते रहे। गुजरे चुनाव में भी आये थे। बहुत अच्छा लगा था अपनी ड्योढ़ी पर महान हस्ती को हाथ जोड़े खड़े देख कर। उन पलों को याद कर सोचते-सोचते हमारे मुँह से निकला – ‘फिर … Read more

“गणेश वंदना”

वक्रतुण्ड महाकाय, तेज तुम्हारा अनुपम छाय। सूर्यकोटि सम प्रभु दाता, विघ्न हरन जग के त्राता॥ गणपति बाप्पा मोरया, विघ्न विनाशक मोरया। सर्वकार्य सिद्धि कराओ, करुणा धारा बरसाओ॥ जहाँ तुम्हारा नाम लिया जाए, वहाँ न संकट पास आए। भक्ति-दीप हम जलाएँ, मन मंदिर में तुम्हें समाएँ॥ ज्ञान-विवेक का दीप जलाओ, भक्तों को सुख-शांति दिलाओ। मंगल-कथा सदा … Read more

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