देश में राष्ट्रविरोधी ताकतों को नेस्तनाबूद करने के लिए हर वर्ग के लोगों को आगे आना होगा

(79 वें स्वतंत्रता दिवस पर विशेष आलेख) स्वतंत्रता अहसास है अपने होने का, इसकी अनुभूति का अहसास प्रत्येक व्यक्ति को करना चाहिए क्योंकि स्वतंत्रता का अर्थ केवल बाहरी बंधनों से मुक्ति नहीं है, बल्कि यह स्वयं के अस्तित्व, स्वयं की पहचान और अपने होने का गहन बोध है। यह भावना तब और भी प्रबल हो … Read more

श्रीकृष्ण हैं शाश्वत एवं प्रभावी सृष्टि संचालक

श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव-जन्माष्टमी- 16 अगस्त 2025 पर विशेष भगवान श्रीकृष्ण भारतीय संस्कृति के ऐसे अद्वितीय महापुरुष हैं, जिनके व्यक्तित्व में आध्यात्मिक ऊँचाई, लोकनायकत्व, व्यावहारिक बुद्धिमत्ता और कुशल प्रबंधन का अद्भुत संगम दिखाई देता है। वे केवल एक धार्मिक देवता नहीं, बल्कि सृष्टि के महाप्रबंधक, समय के श्रेष्ठ रणनीतिकार और जीवन के महान शिक्षक-संचालक भी हैं। … Read more

*नशे की गिरफ्त में आधी आबादी*

देश की आधी आबादी कहीं जाने वाली नारी वर्ग इन दोनों एक भयंकर नशे की गिरफ्त में है।  यह नशा न केवल स्वयं की जिंदगी बल्कि पूरे परिवार और समाज को बर्बादी की ओर धकेल रहा है। यूं तो अनेक प्रकार के नशे जैसे शराब ,गांजा, चरस, स्मैक आदि देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रचलित … Read more

घर से मिलें बच्चों को राष्ट्रधर्म के संस्कार

(जब हम अपने परिवार की नई पीढ़ी को राष्ट्रीय धर्म के मूल्यों का बोध कराएंगे, तभी उनमें स्वाभिमान के भाव पैदा होंगे। बच्चों में राष्ट्रधर्म के संस्कार पैदा करने के लिए श्रमण डॉ पुष्पेंद्र ने ये विचार साझा किए…) राष्ट्रीय प्रतीक, संस्कृति, सभ्यता और जीवन दर्शन का सम्मान किसी भी देश के नागरिकों का धर्म भी है … Read more

युवाः वर्तमान की क्रांति एवं शांति के वाहक

अन्तर्राष्ट्रीय युवा दिवस, 12 अगस्त 2025 पर विशेष अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस केवल एक कैलेंडर की तारीख नहीं है, बल्कि यह हमें याद दिलाता है कि आज की दुनिया में परिवर्तन का सबसे बड़ा वाहक युवा हैं। यह दिन संयुक्त राष्ट्र ने युवाओं के अधिकार, अवसर और योगदान को मान्यता देने के लिए तय किया है, … Read more

प्रकृति के पुत्र और संस्कृति के प्रहरी हैं आदिवासी

विश्व आदिवासी दिवस- 9 अगस्त 2025 विश्व आदिवासी दिवस, 9 अगस्त, केवल एक संवैधानिक औपचारिकता नहीं, बल्कि यह सभ्यता की जड़ों और संवेदनशीलता के स्रोत को स्मरण करने का दिन है। यह दिन न केवल आदिवासियों के अस्तित्व, अधिकारों यानी जल, जंगल, जमीन और उनके जीवन की रक्षा का उद्घोष है, बल्कि यह नए भारत … Read more

पारस्परिक प्रेम सोहार्द स्नेह का अटूट बंधन राखी

रक्षाबंधन  का अर्थ है   किसी को अपनी रक्षा के लिए बांध लेना। इसीलिए इस पर्व पर राखी बांधते समय बहन कहती है ‘हे भैया! मैं तुम्हारी शरण में हूँ, मेरी सब प्रकार से रक्षा करना।’  फलस्वरूप भाई भी अपनी बहन को जीवन पर्यन्त रक्षा करने का वचन देते हैं। भारतीय परम्परा में विश्वास का बन्धन … Read more

एक हथिनी ‘माधुरी’ के बहाने धर्म का पुनर्पाठ

स्वामी देवेन्द्र ब्रह्मचारी – नांदणी जैन मठ की गजलक्ष्मी हथिनी माधुरी, जो 35 वर्षों से मठ की सेवा में थी, को पेटा की याचिका पर जामनगर भेजा गया था, जिससे जैन समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची थी। न केवल महाराष्ट्र में बल्कि समूचे जैन समाज में आक्रोश को देखते हुए महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार … Read more

रक्षाबंधनः नारी रक्षा का संकल्प, एक सामाजिक चेतना

भारत की सांस्कृतिक परंपराओं और त्योहारों की भूमि पर रक्षाबंधन एक ऐसा पर्व है जो केवल भाई-बहन के रिश्ते तक सीमित नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज में आत्मीयता, कर्तव्यबोध, और नैतिक मूल्यों के पुनर्संवेदन का पर्व है। यह पर्व नारी अस्मिता, समानता, सुरक्षा और प्रेम की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। राखी का धागा जितना कोमल … Read more

वयोवृद्ध साध्वी धन श्री जी की अनूठी कला साधना

सूक्ष्म लेखन और हस्तकला में महारत प्राप्त  है, वयोवृद्ध साध्वी धनश्री जिन्होंने तेरापंथ धर्म संघ में अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य तुलसी से अल्पवय में दीक्षित होकर अभी 93 वर्ष की अवस्था में भी स्वाध्याय और धार्मिक कार्य मैं सक्रिय है। महज 13 वर्ष की अल्प आयु में 80 वर्ष पूर्व दीक्षित साध्वी धनश्री जी अभी हाल … Read more

सामाजिक समरसता और मूल्यों का प्रतीक पर्व – रक्षा बंधन

 श्रीमती संतोष शर्मा स्वतंत्र पत्रकार] साकेत नगर] ब्यावर राखी पूर्णिमा सिर्फ एक पारिवारिक रस्म नहींA बल्कि यह दिन भाई-बहन के रिश्ते की गहराई] सुरक्षा और आपसी विश्वास का प्रतीक होता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैंA जबकि भाई उनकी रक्षा का वादा करते हैं। यह पर्व न केवल प्रेम और सुरक्षा … Read more

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