देवी नागरानी की अंग्रेजी रचना का रजनी मोरवाल द्वारा हिंदी अनवुाद

मूल इंग्लिश: देवी नागरानी The music of my heart Listen to my Heart Beat I am the singing melody of my Land That gently tunes in rhythm Wrapping me in her essence. My thoughts dance in tune With the melody of my heart beat In the Canopy of fragrance They dance as daisies in my … Read more

कलेक्टरेट में एडीशनल चूहा

….परन्तु वह तो मेरे से जूनीयर है. उसके यहां मेरे चेम्बर से एक चूहा ज्यादा कैसे ? कलक्टर साहब को रह रहकर यही बात कचोट रही थी. वह अपने कक्ष में बैठे बैठे सोच में डूबे हुए थे कि कही चूहों को पकडने या गणना करने वालों से कोई गलती तो नही होगई ? वैसे … Read more

“न दे उसका भी भला”

बचपन में 50 वर्ष पूर्व मेरे पैतृक ग्राम कालमुखी (जिला-खंडवा) में सायंकाल में एक भिखारी दर्द भरी आवाज में भीख माँग रहा था। दे दे अलाह के नाम पर दे दे। माँ ने कहा- बेटा एक रोटी पर सुखी सब्जी व गुड़ रखकर उसे दे दो । इसी बीच में मैंने सुना कि वो कह … Read more

जातिगत राजनीति

“राजनीति से बड़ा कोई धर्म नहीं और धर्म से बड़ी कोई राजनीति नहीं ” राम मनोहोर लोहिया जी का कथन आज भी भारतीय राजनीत में सटीक बैठता है | भारतीय समाज तो धर्म से आगर बढ़कर भी कई जातियों में बंटा है जहा हर जाति अपने तौर पर अपने लोगो के अधिकार के लिए संघर्षरत … Read more

बड़े – बड़ों की शादी और बीमारी …!!

पता नहीं तब अपोलो या एम्स जैसे अस्पताल थे या नहीं, लेकिन बचपन में अखबारों में किसी किसी चर्चित हस्ती खास कर राजनेता के इलाज के लिए विदेश जाने की खबर पढ़ कर मैं आश्चर्यचकित रह जाता था। अखबारों में अक्सर किसी न किसी बूढ़े व बीमार राजनेता की बीमारी की खबर होती । साथ … Read more

नौ माह बाद भी सत्ता परिर्वतन की छाप नहीं

योगी राजः सत्ता नई, मिजाज वही – संजय सक्सेना, लखनऊ – उत्तर प्रदेश की सियासत क्या एक बार फिर करवट ले रही है। जो भाजपा अपनी प्रतिद्वंदी सपा-बसपा को खत्म मान कर चल रही थीं,वह ही सपा-बसपा योगी सरकार की खामियों और नीतियों का फायदा उठाकर एक बार फिर अपना ‘सिर’ उठाने लगी हैं। भले … Read more

स्वप्न मेरे उसके काजल में रहते हैं

स्वप्न मेरे उसके काजल में रहते हैं, बच्चे ज्यों माँ के आँचल रहते हैं . बूढ़े पीपल ने बतलाया उसके सब, नाती-पोते तो जंगल में रहते हैं. सह सकते जो धूप ,अनिश्चय ,प्यास,चुबन, वो अपने दम पर मरुथल में रहते हैं. मोर और खेतों के रिश्ते रूहानी, दोनों के ही सुख बादल में रहते हैं … Read more

ताँगा

“घोड़ा था घमंडी पहुँचा सब्जी मंडी सब्जी मंडी बरफ पड़ी तो घोड़े को लग गई ठंडी “तब्बक- तब्बक” “तब्बक -तब्बक” ‘बचपन की स्वर्णिम स्मृतियों से’ खंडवा में आज से 25 साल पहले रिक्शों से ज्यादा ताँगे होते थे उन तांँगों में सवारी अपना एक अलग ही मजा था। बचपन में रेलवे स्टेशन जाना हो या … Read more

लघुकथा ‘गन्जा’ मेरी नज़र में का देवी नागरानी द्वारा सिंधी में अनुवाद

गन्जा – (लघु कथा) -अनुराग शर्मा वह छठी कक्षा से मेरे साथ पढ़ता था। हमेशा प्रथम आता था। फिर भी सारा कॉलेज उसे सनकी मानता था। एक प्रोफैसर ने एक बार उसे रजिस्टर्ड पागल भी कहा था। कभी बिना मूंछों की दाढ़ी रख लेता था तो कभी मक्खी छाप मूंछें। तरह-तरह के टोप-टोपी पहनना भी … Read more

पारिवारिक अदालत

विधवा माँ को रखने वाले एक बेटे बहू पर माँ की सेवा में कमी का आरोप लगा । आरोप लगाने वाले दो थे । वो बेटे और बहू ,जिन्होंने कभी माँ को नही रखा। जज वो दामाद व वकील वो बेटी थी ,जिन्होंने भी कभी अपनी माँ या सासु माँ को एक दिन भी पास … Read more

किस पार्टी में वंशवाद नहीं है ? किस देश में वंशवाद नहीं है ?

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का पार्टी का अध्यक्ष निर्विरोध चुना जाना तय है। क्योंकि नामांकन के लिए अब तक कोई आवेदन दाखिल नहीं हुआ है। गौरतलब है कि वे अपनी मां सोनिया गांधी के उत्तराधिकारी होंगे जो इस पद पर 19 साल से विराजमान हैं। राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के साथ ही एक बार … Read more

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