अंधेर नागरी चौपट राजा ! टके सेर भाजी टके सेर खाजा !!

जैसा की दिल्ली के माननीय मुख्य मंत्री के विषय में हम जानते है ! वह शार्ट कट के बहुत बड़ेविशेषज्ञ हैं ! चाहे उनका व्यक्तिगत जीवन हो ? सामजिक आंदोलन कारी आरोप प्रत्यारोप जीवन हो या फिर राजनिति की चाटुकारिता वाली भागम भाग ! या सत्ताधारी राजनेता की अकड़ ! उनका स्वभाव बिलकुल वैसा ही … Read more

चट्टे -बट्टे

वो भी भ्रष्ट है , ये भी भ्रष्ट है । सिर्फ आप-हम , आज त्रस्त है । वो भले अधिक , ये जरा (थोड़े) सही । दूध के धुले , कोई भी नहीं । घी में अंगुलियाँ , दोनों मस्त है । सिर्फ आप-हम , आज त्रस्त है । ठाठ में है वो , ठाठ … Read more

कल तक जो कर्मी सिविल पुलिस में थे उनका ACD में पद स्थापन होते ही क्या पूरी तरह ह्रदय परिवर्तन हो जाता है

भ्रष्टाचार निरोधक विभाग,राजस्थान पुलिस,सरकार ,कार्य प्रणाली व परिणाम विषय आज राज्य में जोधपुर के पुलिस एसीपी(ACP)के 70,000रू की रिश्वत के प्रकरण में गिरफ़्तारी के बाद काफ़ी चर्चित रहा जिस पर अजमेर के वरिष्ठ पत्रकार एस पी मितल जी ने बड़ा ही सामयिक व प्रभावकारी ब्लाग लिखा है एंव डा.अशोक मितल जी ने भी अभिव्यक्ति के … Read more

सहशुणी भारत में असहशुणिता पर चर्चा क्यों ?

-आमिर अंसारी- अभी शीतकालीन सत्र की शुरुवात भी सही से नहीं हुयी है कि संसदीय कार्यमंत्री नायडू ने सत्र शुरू होने से पहले ही यह ऐलान किया कि हम यानी मोदी हुकूमत असहशुणिता पर बहस करने के लिए तैयार हैं ! यानी एक बात तो लगभग तय हो गयी कि अब यह सत्र सहशुणिता बनाम … Read more

खाकी तूने क्या कर डाला

राजस्थान के ब्यावर में पुलिस द्वारा इवेंट कंपनी से जुड़े छात्र-छात्राओं को कथित झूठे मुकदमे में फंसाने की बात उजागर होने के बाद छोटी काशी के नाम से मशहूर राजधानी जयपुर के पीड़ितों की आंखों से बहते आंसूओं में छुपे दर्द को युवा रचनाकार सुमित सारस्वत ‘SP’ ने शब्दों में पिरोया…पीड़ित बेटे-बेटियों की पुकार को … Read more

संवेदनशीलता

एक पोस्टमैन ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हुए कहा,”चिट्ठी ले लीजिये।”अंदर से एक बालिका की आवाज आई,”आ रही हूँ।”लेकिन तीन-चार मिनट तक कोई न आया तो पोस्टमैन ने फिर कहा,”अरे भाई!मकान में कोई है क्या,अपनी चिट्ठी ले लो।”लड़की की फिर आवाज आई,”पोस्टमैन साहब,दरवाजे के नीचे से चिट्ठी अंदर डाल दीजिए,मैं आ रही … Read more

भ्रष्टाचार की हरी-भरी जड़ें काटना मुश्किल ही नहीं असंभव भी !

जबतक जन-जन का राष्ट्र के प्रति प्रेम, आदर, श्रद्धा और – समर्पण के भाव का नाता दिल से नहीं – जुड़ेगा, तबतक भ्रष्टाचार की पनपती हरी-भरी जड़ों को काट डालना, लगभग असंभव ही है। यों देखा जाय तो असंभव कुछ भी नहीं,लेकिन कुर्सी पर बैठे कई लोगों के रग-रग में बसी इस खतर – नाक … Read more

तरसेम गुजराल की रचना का देवी नागरानी द्वारा सिंधी अनुवाद

मूल: तरसेम गुजराल कहाँ है टोबा टेकसिंह कहाँ है टोबा टेकसिंह सरहद के इस पार या उस पार किसे कहेंगे पागल मृत्युदाता को या जीवन इच्छा को उन्होने वही किया जो वे कर सकते थे ज़मीन पर नहीं ज़मीर पर लकीर खींचने का काम पागल भेजे जा सकते हैं इधर पागल भेजे जा सकते हैं … Read more

स्वनाम धन्य षिवराज की सत्ता के दस वर्ष

स्वनाम धन्य षिवराज की सत्ता के ये दस वर्ष नेताओं में महाराजा विदेह जनक है यह शख्स जन-जन के उन्नयन, उत्थान और उत्कर्ष के वर्ष ये ही हैं जनता-जनार्दन को विषेष हर्ष के वर्ष सिद्ध कर दिया कि जनता के विष्वास का नाम हैं षिवराज सर्वक्षेत्रीय सर्वांगीण संतुलित विकास का नाम हैं षिवराज व्यापक लोकमंगल … Read more

जब – जबरा बोले …!!

-तारकेश कुमार ओझा- बचपन में पढ़ी उस कहानी का शीर्षक तो अब मुझे याद नहीं, लेकिन सारांश कुछ हद तक याद है। जिसमें सब्जी बेचने वाली एक गरीब महिला का बेटा किसी हादसे में गुजर जाता है। लेकिन परिवार की माली हालत और गरीबी की मारी बेचारी उसकी मां को दो दिन बाद ही फुटपाथ … Read more

शिवराज जी के 10 साल, जो रहे बेमिसाल

-ललिता यादव, विधायक-छतरपुर- शिवराज सिंह चौहान ने 10 साल पहले 27 नवंबर 2005 को जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो आम जनमानस के मन में कई तरह की शंकाओं के बादल घुमड़ रहे थे। इसकी वजह भी थी क्योंकि मुख्यमंत्री बनने के पहले वे मंत्री या और कोई प्रशासनिक उत्तरदायित्व निभाने वाले पद पर … Read more

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